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'मुझे उस पर सवाल उठाना था', सान्या की 'मिसेज' बनाने वाली आरती ने करवाचौथ सीन पर क्या कहा?

  • सान्या मल्होत्रा की फिल्म मिसेज रिलीज के बाद से ही सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बनी हुई है। दर्शकों को ये फिल्म काफी पसंद आई है। अब फिल्म की डायरेक्टर आरती कादव ने अपनी फिल्म के बारे में बात की है। उन्होंने बताया है कि उन्होंने ये फिल्म क्यों बनाई।

Harshita Pandey लाइव हिन्दुस्तानThu, 6 March 2025 09:57 AM
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'मुझे उस पर सवाल उठाना था', सान्या की 'मिसेज' बनाने वाली आरती ने करवाचौथ सीन पर क्या कहा?

ओटीटी प्लेटफॉर्म पर पिछले महीने सान्या मल्होत्रा की फिल्म मिसेज रिलीज हुई है। इस फिल्म को दर्शकों का प्यार मिल रहा है। सान्या मल्होत्रा इस कहानी का केंद्र हैं जो अपने ससुराल में अपने पति और ससुर के लिए दिनरात काम करती हैं, लेकिन उन्हें फिर भी घर में वो इज्जत नहीं मिलती है जो किसी महिला को मिलनी चाहिए। पितृसत्ता के खिलाफ आवाज उठाती इस फिल्म को आरती कादव ने डायरेक्ट किया है। अब हाल ही में आरती ने अपनी इस फिल्म के बारे में बात की है।

आरती ने क्यों बनाई मिसेज?

स्क्रीन से खास बातचीत में आरती ने बताया कि उन्होंने ये फिल्म क्यों बनाई है। उन्होंने कहा कि इस फिल्म को बनाने के बहुत कारण थे। उनमें से एक कारण था कि वो एक डायरेक्टर के तौर पर काम करना चाहती थीं। मिसेज से पहले मैंने अपने प्रोजेक्ट प्रोड्यूस किए थे। साथ ही उन्होंने बताया कि इस फिल्म की कहानी से वो काफी रिलेट करती हैं। उन्होंने कहा कि ये कहानी उनकी मां, चाची और उनकी कजिन्स की कहानी है, जिनका जीवन उन्होंने बहुत पास से देखा है। उन्होंने कहा कि उन्हें लगा कि वो इस कहानी के साथ इंसाफ कर सकती हूं।

करवाचौथ वाले सीन पर क्या बोलीं आरती?

सान्या की इस फिल्म में करवाचौथ वाला एक सीन है। वो सीन लोगों को काफी दमदार लगा। इस सीन के बारे में बात करते हुए आरती ने बताया करवा चौथ वाला सीन फिल्म में आखिरी में जोड़ा गया, शूट खत्म होने से 20 दिन पहले। उन्होंने कहा मैं सोचती रहती थी, "हम करवा चौथ को संबोधित किए बिना घरेलू जीवन के बारे में हिंदी फिल्म कैसे बना सकते हैं? खासकर ये जानते हुए कि कैसे बॉलीवुड ने करवाचौथ को रोमांटिसाइज किया हुआ है। इसे उत्सव और यहां तक ​​कि जेंडर न्यूट्रल बना दिया है। वो चित्रण मुझे परेशान करता है। फिल्मों में इसे इतना नॉर्मलाइज कर दिया है कि वो पूरी जनरेशन को प्रभावित कर रहा है।"

उन्होंने आगे कहा, "सिनेमा कल्चर को आकार देता है। तो क्या होगा अगर कोई महिला करवाचौथ पर व्रत नहीं रखना चाहती है लेकिन ऐसा करने का दबाव महसूस करती है क्योंकि इसे दशकों से रोमांटिसाइज किया गया है? मुझे उसपर सवाल उठाना था।

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