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पराठा, पानी की बोतल और UPI ट्रांजेक्शन…; मुंबई पुलिस की गिरफ्त में ऐसे आया सैफ का हमलावर

सैफ अली खान का हमलावर मुंबई पुलिस की हिरासत में है। हमलावर का नाम मोहम्मद शरीफुल इस्लाम शहजाद बताया जा रहा है। हमलावर द्वारा किए गए यूपीआई ट्रांजेक्शन ने उसे पुलिस की गिरफ्त तक पहुंचाया है।

Vartika Tolani लाइव हिन्दुस्तानMon, 20 Jan 2025 08:14 AM
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पराठा, पानी की बोतल और UPI ट्रांजेक्शन…; मुंबई पुलिस की गिरफ्त में ऐसे आया सैफ का हमलावर

सैफ अली खान पर चाकू से हमला करने के मामले में आरोपी मोहम्मद शरीफुल इस्लाम शहजाद को अदालत ने पांच दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया है। हालांकि, सवाल यह उठता है कि मुंबई पुलिस, शहजाद तक पहुंची कैसे? दरअसल, शहजाद द्वारा किए गए यूपीआई ट्रांजेक्शन ने मुंबई पुलिस के लिए अहम सुराग के तौर पर काम किया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पुलिस ने शहजाद के यूपीआई ट्रांजेक्शन से उसका मोबाइल नंबर निकाला। फिर उसका नंबर ट्रेस किया और लोकेशन का पता चलते ही 100 पुलिसकर्मियों ने तलाशी शुरू कर दी।

ऐसे मिला आरोपी

इंडियन एक्सप्रेस को जांच से जुड़े सूत्रों ने बताया, “जब आरोपी की लोकेशन का पता चला तब 100 पुलिसकर्मी तलाशी में जुट गए। सुराग न मिलने पर वे वहां से निकलने की तैयारी करने लगे, लेकिन फिर उन्होंने दोबारा उस एरिया की जांच करने का फैसला लिया। जब उन्होंने दोबारा तलाशी ली तब उन्हें जमीन पर कोई सोया हुआ दिखाई दिया। जैसे ही एक अधिकारी उस शख्स के करीब पहुंचा, वह व्यक्ति उठकर भागने लगा। हालांकि, पुलिस ने उसे पकड़ लिया।”

आरोपी का बयान

सूत्रों ने आगे कहा, “आरोपी ने शुरुआती पूछताछ में बताया कि जब टीवी और यूट्यूब पर उसने अपनी तस्वीरें देखीं तब वह डर गया और ठाणे भाग गया। उसका कहना था कि वह ठाणे के ही एक बार में काम करता था इसलिए इलाके को अच्छे से जानता था।”

पुलिस को कैसे चला आरोपी के UPI ट्रांजेक्शन का पता?

पुलिस ने बांद्रा रेलवे स्टेशन के सीसीटीवी फुटेज में जब आरोपी को ट्रैक किया था तब उन्होंने उसके आस पास के एरिया में संदिग्ध की तलाश शुरू कर दी थी। तलाशी के वक्त पुलिस को पता चला कि आरोपी ने दादर स्टेशन के बाहर नकद देकर मोबाइल कवर खरीदा और फिर कबूतरखाना से होते हुए वर्ली चला गया। पुलिस ने वर्ली इलाके की सीसीटीवी फुटेज खंगाली और सीसीटीवी फुटेज में वह सेंचुरी मिल के पास एक स्टॉल पर दिखाई दिया।

कौन है एक्का?

सूत्रों ने बताया, “फुटेज में वह स्टॉल चलाने वाले व्यक्ति से दो बार बात करता हुआ दिखाई दिया। ऐसे में क्राइम ब्रांच की टीम वहां पहुंची और टी स्टॉल चलाने वाला व्यक्ति के बारे में जानकारी निकालाने लगी। जांच में पता चला कि टी स्टॉल चलाने वाला व्यक्ति नवीन एक्का कोलीवाड़ा के पास रहता है। पुलिस को संदेह हुआ कि आरोपी, एक्का का दोस्त है। ऐसे में पुलिस की सात टीमों ने शनिवार को वर्ली-कोलीवाड़ा इलाके की तलाशी ली और विक्रेताओं को आरोपी की तस्वीर दिखाई।”

विनोद के पास ऐसे पहुंची पुलिस

जांच के दौरान पता चला कि एक्का, जनता कॉलोनी में जयहिंद मित्र मंडल के एक घर में चार-पांच अन्य श्रमिकों के साथ रहता है। लेकिन जब पुलिस मौके पर पहुंची तब घर पर ताला लगा हुआ था। इसके बाद पुलिस ने मकान मालिक राजनारायण प्रजापति से संपर्क किया। सूत्रों ने कहा, “पुलिस को प्रजापति के बेटे विनोद के जरिए एक्का का मोबाइल नंबर मिला। पुलिस ने विनोद को संदिग्ध की तस्वीर दिखाई। विनोद ने पुलिस को बताया कि संदिग्ध ने पराठे और पानी की बोतल के लिए UPI से भुगतान किया था।”

इस जगह मिला आरोपी

विनोद ने इंडियन एक्सप्रेस को दिए बयान में कहा, “पुलिस को हमारे जरिए आरोपी का मोबाइल नंबर मिला, क्योंकि उसने पैसे G Pay के जरिए चुकाए थे।" मोबाइल नंबर एक अहम मोड़ साबित हुआ, क्योंकि यह पुलिस को ठाणे के कासरवडावली में लेबर कैंप और अमित पांडे नाम के एक ठेकेदार तक ले गया, जिसने कुछ महीने पहले आरोपी को काम पर रखा था। लगभग 20 टीमें मौके पर पहुंचीं और संदिग्ध की तलाश शुरू की। लेकिन वह मौके से भाग गया था और उसने अपना मोबाइल फोन भी बंद कर लिया था। आरोपी की तलाश करते-करते पुलिस शिविर के पास के मैंग्रोव तक चली गई और तभी डीसीपी नवनाथ धवले के नेतृत्व वाली टीम के एक सदस्य को टॉर्च की रोशनी में आरोपी नजर आया।”

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