'मैं 10 साल की थी जब मुझे पीरियड्स आ गए', रेणुका शहाणे ने कहा- मुझे इंतजार करना पड़ा जब तक...
- बॉलीवुड एक्ट्रेस रेणुका शहाणे ने बताया कि उनके स्कूल में तब तक किसी को भी पीरियड्स नहीं हुए थे, कम से कम उनकी क्लास में तो नहीं। ऐसे में वो किसी से इन बातों को शेयर भी नहीं कर पाती थीं।
'हम आपके हैं कौन', 'मासूम' और 'दिल ने जिसे अपना कहा' जैसी फिल्मों का हिस्सा रहीं बॉलीवुड एक्ट्रेस रेणुका शहाणे ने अपने बचपन के बारे में बताया कि कैसे उन्हें बहुत छोटी उम्र में पीरियड्स आने लगे थे। रेणुका ने बताया कि अपने बचपन में वह एक ऐसे फेज से गुजरी है जिसमें वह किसी के कुछ शेयर नहीं कर सकती थीं, अपनी ही उम्र की और अपनी ही क्लास की लड़कियों से भी नहीं। उनके साथ एक ऐसी मजबूरी थी जिसके चलते वो अपनी सहेलियों से भी अपने पीरियड्स के बारे में बहुत वक्त तक बात नहीं कर पाती थीं।
'मैं दस साल की थी जब मुझे पीरियड्स आ गए'
रेणुका शहाणे ने एक इंटरव्यू में बताया, "मैं दस साल की थी जब मुझे पीरियड्स आ गए थे। ज्यादातर लड़कियों को साड़े बारह, 13 या 14 की उम्र में पीरियड्स आ रहे थे। कल्पना कीजिए, आज मैं 58 साल की हूं और मैंने अपनी ज्यादातर जिंदगी पीरियड्स के साथ जी है। वो जो बचपन वाला वक्त होता है ना, वो शारीरिक तौर पर मैंने बहुत कम वक्त के लिए जिया है।" रेणुका ने बताया कि वो खुद को किस्मत वाली समझती हैं कि उनकी मां ने उन्हें बहुत अच्छी तरह इन चीजों को बारे में समझाया और उनके परिवार में इस बारे में खुलकर बात होती थी।
'मेरी मां ने चित्र बनाकर समझाई थी हर चीज'
रेणुका शहाणे ने कहा, "क्योंकि उन दिनों मैं इस बारे में अपनी उम्र की बाकी लड़कियों से इस बारे में बातचीत नहीं कर सकती थी, क्योंकि आपका दिमाग उस उम्र में बहुत विकसित नहीं हुआ होता है यह समझने के लिए कि आपके शरीर को क्या हो रहा है। अपने केस में मैं किस्मत वाली थी क्योंकि मेरी मां ने मुझे पूरा डायग्राम (चित्र) बनाकर समझाया कि ये चीजें कैसे काम करती हैं। मैं किस्मत वाली थी क्योंकि मेरे घर में इन चीजों को लेकर बहुत खुलकर चर्चा होती थी।"
मेरे स्कूल में किसी को भी पीरियड्स नहीं हुए
लेकिन बावजूद इसके कि उनके घर में इन चीजों को लेकर बहुत ओपन डिसकशन होता था वह नहीं समझ पाईं कि उनके शरीर के साथ क्या हो रहा है और क्यों हो रहा है। उन्होंने कहा कि मेरी बस इतना समझ में आया कि यह कुछ गलत नहीं है और ना ही मैं बीमार हुई हूं। इन चीजों को लेकर मैं आश्वस्त थी। मेरे स्कूल में किसी को भी पीरियड्स नहीं हुए थे, कम से कम मेरी क्लास में तो नहीं। मेरी किसी भी दोस्त को नहीं हुए थे। तो उनसे चीजें शेयर करने के लिए मुझे इंतजार करना पड़ा जब तक उन्हें पीरियड्स नहीं हो गए।
स्कूल में कोई भी इस बारे में बात नहीं कर रहा
रेणुका ने बताया कि उनकी दोस्तों को पीरियड्स उनसे 3 साल लेट हुए थे। इस पूरे वक्त के दौरान वह बहुत अकेला महसूस करती थीं। उन्होंने कहा कि आपको लगता है कि आप इन चीजों के बारे में किसी से बात नहीं कर सकती हैं। किस्मत से मैं अपनी मां से इस बारे में बात कर सकती थी, लेकिन मनोवैज्ञानिक तौर पर आपके ऊपर इन चीजों का फर्क पड़ता है। इस बात से भी कि आप दूसरों से बड़ी हो रही हैं उस नजरिए में जिसे कोई नहीं जानता। स्कूल में कोई भी इस बारे में बात नहीं कर रहा है।
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