नसीरुद्दीन शाह धर्म पर बनाना चाहते हैं फिल्म, बोले- मैंने पाकिस्तान में कई साल पहले…
- नसीरुद्दीन शाह अपने बेबाक बयानों के लिए जाने जाते हैं। उनका कहना है कि वह धर्म पर एक फिल्म बनाना चाहते हैं क्योंकि यह ज्यादातर लोगों के दिमाग में चलता रहता है।
नसीरुद्दीन शाह की फिल्म मंथन रिलीज के 50 साल बाद चर्चा में है। कान फिल्म फेस्टिवल में इसकी स्क्रीनिंग हुई तो वह काफी इमोशनल हो गए। इस दौरान एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने एक 'साहसिक' विषय पर फिल्म बनाने की इच्छा जताई, जो कि धर्म के बारे में होगी। उनका मानना है कि ऐसे फैक्टर पर फिल्म होनी चाहिए जो हम सबके दिमाग में है।
सबके दिमाग में रहता है मजहब
नसीरुद्दीन शाह से सवाल किया गया कि अगर उन्हें किसी सोशल ईशू पर फिल्म बनानी हो तो वो मुद्दा क्या होगा। उन्होंने ब्रूट इंडिया को जवाब दिया, मैं कहूंगा धर्म। मुझे लगता है कि इस फैक्टर पर साहसिक फिल्म बननी चाहिए, जो कि हम सबके दिमाग में रहता है। मुझे लगता है कि मानवजाति के साथ यह बहुत नुकसानदायक चीज हो चुकी है। इसीलिए मुझे लगता है कि एक फिल्म जो कि मैंने कई साल पहले पाकिस्तान में की थी, जिसका टाइटल था 'खुदा के लिए', वो अहम थी, जैसे कि 'मंथन' जरूरी है।
खूबसूरती से देना होगा मैसेज
धर्म पर फिल्में बनाने वालों पर नसीर बोले, कुछ लोग ऐसा करने की कोशिश कर रहे हैं और धीरे-धीरे उनकी संख्या बढ़ सकती है लेकिन सीधा स्टेटमेंट देना आसान नहीं है और मैसेज खूबसूरत तरह से देना होगा। मंथन फिल्म श्याम बेनेगल के डायरेक्शन में बनी है। इसका चुनाव कान के क्लासिक सेक्शन में हुआ था। मूवी में अमरीश पुरी और स्मिता पाटिल भी लीड रोल्स में थे। स्मिता पाटिल और राज बब्बर के बेटे प्रतीक बब्बर भी कान फिल्म फेस्टिवल में पहुंचे थे।
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