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नसीरुद्दीन शाह संग शादी का घरवालों ने किया था विरोध? रत्ना पाठक ने बताया फैमिली का रिएक्शन, बोलीं- किसी ने कन्वर्ट…

एक्ट्रेस रत्ना पाठक ने शादी के इतने सालों बाद बताया है कि नसीरुद्दीन शाह के साथ विवाह पर उनके और नसीरुद्दीन के घरवालों का क्या रिएक्शन था।

Harshita Pandey लाइव हिन्दुस्तानSat, 11 May 2024 02:34 PM
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एक्ट्रेस रत्ना पाठक फिल्म इंडस्ट्री में जानामान चेहरा हैं। उन्हें बेबाकी से अपनी राय रखने के लिए जाना जाता है। उनके पति नसीरुद्दीन शाह भी अपनी बातों को खुलकर रखने के लिए जाने जाते हैं। रत्ना पाठक ने साल 1982 में नसीरुद्दीन शाह से शादी रचाई थी। अब शादी के इतने सालों बाद रत्ना पाठक ने बताया है कि अंतरधार्मिक शादी को लेकर उनके और नसीरुद्दीन के घरवालों का क्या रिएक्शन था।

कैसा था रत्ना पाठक के घरवालों का रिएक्शन?

Hauterrfly को दिए एक इंटरव्यू में रत्ना पाठक ने बताया कि उनके पिता शादी से पूरी तरह खुश नहीं थे, लेकिन दुर्भाग्यवश, हमारी शादी होने से पहले ही उनका निधन हो गया था। वहीं, मां के रिएक्शन के बारे में बात करते हुए रत्ना ने बताया, "मां और नसीर के बीच रिश्ते काफी खराब थे लेकिन उनमें भी समझौता हो गया और आखिरकार वे दोस्त बन गए।"

कैसा था नसीरुद्दीन शाह के घरवालों का रिएक्शन?

नसीरुद्दीन के घरवालों के रिएक्शन के बारे में बात करते हुए रत्ना पाठक ने बताया, "आश्चर्यजनक रूप से नसीर के परिवार ने बिल्कुल भी हंगामा नहीं किया। एक बार भी किसी ने 'सी' शब्द यानी 'कन्वर्ट' शब्द का इस्तेमाल नहीं किया। मेरे बारे में किसी ने कुछ नहीं कहा। उन्होंने मुझे वैसे ही स्वीकार किया जैसी मैं हूं। 

अपनी सास के बारे में क्या बोलीं रत्ना पाठक

उन्होंने आगे कहा कि मैं बहुत भाग्यशाली हूं क्योंकि मैंने ऐसे लोगों के बारे में सुना है जिन्हें घर बसाने में परेशानी होती है। उन्होंने कहा कि बाद में मैं उन सभी के साथ दोस्त बन गई। अपनी सास के बारे में बात करते हुए रत्ना पाठक ने बताया कि वो एक बेहद घरेलू किस्म की इंसान थीं, लेकिन हर स्थिति में बेहद लिब्रेल थीं।

वहीं, अपने रिश्ते की सफलता के बारे में बात करते हुए रत्ना ने बताया कि नसीरुद्दीन शाह ने उनके रिश्ते की शुरुआत में ही उनसे कहा था कि यह एक अच्छा विचार है कि किसी रिश्ते को कभी भी पति, पत्नी, प्रेमी, प्रेमिका, प्रेमी का लेबल न दिया जाए। अगर आप खुद को इंसानों के स्तर पर रख सकते हैं, बातचीत कर सकते हैं तो लेबल क्यों लगाएं। उन्होंने कहा कि इससे हमें मदद मिली और हम अपने बच्चों के साथ भी ऐसा कर पाने में सक्षम रहे हैं।

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