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जब यश जौहर का फिल्म इंडस्ट्री ने किया था 'अपमान', करण जौहर ने बताया- प्रीमियर में बुलाकर घटिया...

  • करण ने जाकिर के शो पर अपने दिवंगत पिता यश जौहर के संघर्ष के दिनों को याद किया। साथ ही एक बुरे किस्से को भी शेयर किया, जब इंडस्ट्री में उनका अपमान किया गया था।

Priti Kushwaha लाइव हिन्दुस्तानSun, 11 Aug 2024 08:14 PM
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कॉमेडियन जाकिर खान इन दिनों अपने नए शो 'आपका अपना जाकिर'  को लेकर चर्चा में बने हुए हैं। जाकिर के इस शो पर सेलिब्रिटीज बतौर गेस्ट बनकर जाते हैं और अपनी पर्सनल लाइफ को लेकर कई राज खोलते हैं। जाकिर के इस शो के पहले एपिसोड में करण जौहर पहुंचे। इस दौरान उन्होंने खुद को लेकर कई सारी बातें की। करण ने जाकिर के शो पर अपने दिवंगत पिता यश जौहर के संघर्ष के दिनों को याद किया। साथ ही एक बुरे किस्से को भी शेयर किया, जब इंडस्ट्री में उनका अपमान किया गया था।

मुझे लगता है कि मुझे घाटा होगा

करण ने जाकिर खान के शो में बताया कि  कैसे उन्होंने अपने पिता को एक निर्माता के तौर पर संघर्ष करते देखा है और कैसे इंडस्ट्री में उनका अपमान किया गया। करण से जब पूछा गया कि क्या उन्हें हमेशा पता रहता है कि उनकी फिल्में व्यावसायिक रूप से बहुत अच्छा प्रदर्शन करेंगी। इस करण ने कहा, 'मुझे कभी नहीं लगा कि मैंने इसे खत्म कर दिया है या मेरी फिल्म बॉक्स ऑफिस पर कमाल करेगी। मुझे लगता है कि मुझे घाटा होगा और मैं सड़क पर आ जाऊंगा; क्योंकि मैं एक निर्माता का बेटा हूं। मेरे पिता 30 साल तक प्रोडक्शन कंट्रोलर रहे और जब उन्होंने अपनी पहली फिल्म का निर्माण किया, तो उन्होंने 'दोस्ताना' बनाने के लिए बहुत बड़ा कर्ज लिया और फिल्म चली। लेकिन उसके बाद जब उन्होंने कई और फिल्में बनाई और वे सभी फ्लॉप हो गईं।'

इंडस्ट्री ने किया था पिता का अपमान

करण ने इसी दौरान अपने पिता यश जौहर के साथ इंडस्ट्री के बुरे बर्ताव को लेकर एक किस्सा भी शेयर किया। उन्होंने बताया, 'जब फिल्में अच्छा प्रदर्शन नहीं करती हैं, तो इंडस्ट्री अलग तरह से व्यवहार करता है। हमें प्रीमियर में इनवाइट किया गया था, लेकिन हमें बहुत घटिया सीटें दी गईं। पिताजी नहीं गए, लेकिन उन्होंने मुझे जाने के लिए कहा। और मैंने उनकी आंखों में वह दर्द देखा कि जब उनका सम्मान नहीं किया जा सकता था, तो उन्हें क्यों आमंत्रित किया गया। असफलता एक कड़वी गोली है जिसे निगलना पड़ता है। जब फिल्में फ्लॉप होती हैं तो आपको टैग कर दिया जाता है, आपकी असफलता दुनिया को बताई जाती है और मेरे लिए उन्हें इस स्थिति से गुजरते देखना बहुत मुश्किल था। आज धर्मा को देखकर उन्हें बहुत खुशी होती। मुझे दुख है कि वे हमें बहुत जल्दी छोड़कर चले गए; उन्होंने मेरी सफलता की जर्नी को केवल 5-6 साल ही देखी।'

 

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