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जावेद अख्तर बोले- आशुतोष गोवारिकर ने मेरे मर्डर का प्लान बना लिया था, उस वक्त राम मंदिर मुद्दा…

  • जावेद अख्तर ने स्वदेश फिल्म में रामायण का जो गाना लिखा, उसकी काफी तारीफ हुई। हालांकि वह काफी प्रेशर में थे क्योंकि यह संवेदनशील मामला था। अब उन्होंने बताया कि है उन्हें आज तक नहीं पता कि बिना रामचरितमानस वह तुलसीदास वाली लाइनें कैसे लिख गए।

Kajal Sharma लाइव हिन्दुस्तानFri, 20 Dec 2024 02:00 PM
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जावेद अख्तर ने स्वदेश फिल्म का गाना पल पल है भारी लिखा था। एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने बताया कि इसे लिखते वक्त उन पर कितना ज्यादा प्रेशर था। उन्होंने बताया कि आशुतोष गोवारिकर ने उन्हें बहुत कम समय में यह टॉपिक लिखने को दिया तो लगा कि वह मर्डर करवाना चाहते हैं क्योंकि यह धर्म से जुड़ा मामला था।

रामायण पर लिखना था गाना

यूट्यूब चैनल O2India से बातचीत में जावेद अख्तर ने बताया कि आशुतोष गोवारिकर ने उन्हें वाई बुलाया जहां वे लोग शूटिंग कर रहे थे। जावेद को बताया गया कि एआर रहमान एक महीने के लिए जा रहे हैं तो उन्हें यह गाना कुछ ही दिनों में तुरंत रिकॉर्ड करना है। जावेद को जब नैरेटिव दिया गया तो परेशान हो गए क्योंकि सीन रामायण से इंस्पायर्ड था। इसमें सीता को रावण ने अशोक वाटिका में बंधक बनाया था और राम के बारे में सवाल करता है। तब सीता उसे बताती हैं कि राम क्यों उनसे महान इंसान हैं।

सेंसिटिव मामले पर नहीं लिखना चाहते थे जावेद

जावेद बोले, 'मैंने उनसे कहा कि आपने मेरे मर्डर का पूरा इंतजाम कर दिया है। आपको है कि ये कितना सेंसिटिव सब्जेक्ट है? रावण राम पर सवाल उठा रहा है और सीता जवाब दे रही हैं, आप मुझसे ये गाना लिखने को बोल रहे हैं। अगर आपने मुंबई में बताया होता तो मैं रामचरित मानस जैसी कोई किताब लेकर आता और वहां से कोट ले लेता। यह वो समय था जब राम मंदिर मूवमेंट पीक पर था। मैंने उन लोगों को मना कर दिया।'

जावेद की जानकारी में नहीं थी वो लाइनें

जावेद ने बताया कि तनाव में वह जल्दी सो गए। सुबह बहुत जल्दी उठे और पूरा गाना सिर्फ दो घंटे में लिख डाला। गाना रिलीज होने के बाद किसी जानकार ने उनसे गाने की तारीफ की और बताया कि जावेद अख्तर ने तुलसी दास की लाइन ली थी। जावेद बोले, लेकिन मुझे इस लाइन के बारे में कुछ पता नहीं था। आज तक मैं सोचता हूं कि या तो मैंने इसे बचपन में कहीं सुना होगा क्योंकि मैं रामलीला बहुत देखता था। जब मुझे जरूरत हुई तो मेरे दिमाग ने इस सूचना को मेरे सामने रख दिया। या फिर रावण से बहस इसी तरह पॉसिबल होगी तो मैंने भी वही तरीका चुना।

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