हीरामंडी में भतीजी को कास्ट करने पर संजय लीला भंसाली की हो रहीआलोचना के बीच बोले महेश भट्ट- बॉलीवुड को घुटनों पर लाना..
- आपको बता दें कि साल 2017 में करण जौहर की टॉक शो कॉफी विद करण में, कंगना रनौत ने फिल्म निर्माता पर भाई-भतीजावाद को सबसे ज्यादा फैलाने वाला शख्स कहा था।
बॉलीवुड में बीते काफी वक्त से नेपोटिज्म को लेकर लंबी बहस छिड़ी हुई है और जो खत्म होने का नाम ही नहीं ले रही है। बीते दिनों भाई-भतीजावाद की बहस एक बार फिर से उस वक्त छिड़ गई जब संजय लीला भंसाली ने अपनी भतीजी शर्मिन सहगल को अपनी वेब सीरीज 'हीरामंडी' में लिया। बस फिर क्या था लोगों ने शर्मिन को जमकर ट्रोल करने के साथ भंसाली की भी खूब आलोचना की। कई स्टार्स ने शर्मिन को सपोट किया। वहीं, अब फिल्म मेकर महेश भट्ट ने नेपोटिज्म की बहस के बीच अपने दिल की बात कही।
महेश ने नेपोटिज्म पर किया रिएक्ट
दरअसल, हाल ही में संजय लीला भंसाली ने अपनी वेब सीरीज में आलमजेब की भूमिका के लिए भतीजी शर्मिन सहगल को चुना, जिसके बाद उनकी जमकर आलोचना की जा रही रही है। ऐसे में अब फिल्म निर्माता महेश भट्ट ने टाइम्स ऑफ इंडिया को दिए अपने इंटरव्यू में भाई-भतीजावाद को लेकर खुलकर बात की। महेश भट्ट ने कहा, 'नेपोटिज्म शब्द को जानबूझकर शक्तिशाली बॉलीवुड इंडस्ट्री को घुटनों पर लाने के लिए एक उपकरण के रूप में गढ़ा गया था।'
युवाओं को आकर्षित करता है ये शब्द
महेश भट्ट ने आगे कहा, 'आज असंख्य भूखे, शर्म के भूखे और प्रशंसा चाहने वाले युवा हैं और इस तरह के शब्दों का लेबल उन्हें करता है। भंसाली को अपने कास्टिंग के फैसले के लिए शर्मिंदा नहीं होना चाहिए, क्योंकि फिल्म निर्माता अपनी बिरादरी या वंश के लोगों को काम दे सकते हैं, लेकिन लॉन्च के बाद, ये उस व्यक्ति की प्रतिभा और क्षमता ही है जो उन्हें ऊंचाई तक पहुंचने में मदद करती है।' इसके साथ ही महेश भट्ट ने हीरामंडी की सभी अभिनेताओं के बेहतरीन प्रदर्शन की तारीफ करते हुए भंसाली का बचाव भी किया। बता दें कि हीरामंडी के कई सितारों ने शर्मिन का समर्थन किया और उन्हें ट्रोल करने के लिए नेटिजन्स की आलोचना की।
कंगना ने करण के शो पर छेड़ा था नेपोटिज्म की बहस
आपको बता दें कि साल 2017 में करण जौहर की टॉक शो कॉफी विद करण में, कंगना रनौत ने फिल्म निर्माता पर भाई-भतीजावाद को सबसे ज्यादा फैलाने वाला शख्स कहा था। कंगना के हिसाब से इंडस्ट्री में करण नेपोटिज्म को बढ़ावा दे रहे हैं। देखते ही देखते बॉलीवुड में नेपोटिज्म शब्द जंगल की आग की तरह फैल गया। इसके बाद आउट साइडर्स ने फिल्म निर्माताओं और निर्माताओं द्वारा स्टार किड्स को चुनने पर अपनी चिंता जताई।
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