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Heeramandi स्टार का चौंकाने वाला दावा, खुद को बताया 'ट्रबल मेकर', कहा- संजय लीला भंसाली ने सेट पर...

  • संजय लीला भंसाली की फेमस वेब सीरीज 'हीरामंडी' वेब सीरीज को रिलीज हुए भले ही कई महीने बीत चुके हैं, लेकिन अभी भी ये खबरों में बना हुआ है। इसमें ब्रिटिश ऑफिसर कार्टराइट का किरदार निभा चुके जेसन शाह एक बार फिर से सुर्खियों में आए हैं।

Priti Kushwaha लाइव हिन्दुस्तानSun, 4 Aug 2024 04:55 PM
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Heeramandi on Netflix: संजय लीला भंसाली की फेमस वेब सीरीज 'हीरामंडी' को 1 मई को रिलीज हुई थी। इस सीरीज में एक नहीं बल्कि कई दिग्गज स्टार्स नजर आए, जिन्होंने अपनी एक्टिंग से हर किसी का दिल जीत लिया। हालांकि, भंसाली की ये सीरीज विवादों में भी खूब रही है। इस वेब सीरीज को रिलीज हुए भले ही कई महीने बीत चुके हैं, लेकिन अभी भी ये खबरों में बना हुआ है। इसमें ब्रिटिश ऑफिसर कार्टराइट का किरदार निभा चुके जेसन शाह एक बार फिर से सुर्खियों में आए हैं। जेसन ने संजय पर अपनी नाराजगी जताई है। जेसन ने संजय पर अपना गुस्सा निकालते हुए कहा कि उन्होंने मेरे ज्यादातर सीन्स को डायरेक्ट नहीं किया ही नहीं था। इसी वजह से मेरा किरदार सीरीज में उभरकर नहीं आ पाया।

संजय ने नहीं किया डायरेक्ट

हीरामंडी के ब्रिटिश ऑफिसर कार्टराइट का किरदार निभाने वाले जेसन शाह ने हाल ही में इनसाइड द माइंड विद ऋषभ पॉडकास्ट में संजय लीला भंसाली की वेब सीरीज को लेकर बात की। उन्होंने हीरामंडी रिलीज के तीन महीने संजय लीला भंसाली को लेकर हैरान करने वाला दावा किया। जेसन शाह ने कहा कि उन्हें इस सीरीज में सही से काम करने का मौका नहीं मिल पाया। वो बहुत कुछ कहना चाहते थे, लेकिन कह नहीं पाया क्योंकि फिर उन्हें ट्रबलमेकर का टैग दे दिया जाता।

सेट पर सभी के बीच थी कम्युनिकेशन की कमी

जेसन शाह ने बताया, 'ये उनका पहला मौका था जब उन्होंने किसी वेब सीरीज में काम किया। फिल्म में काम करना और सीरीज में काम करना दोनों काफी अलग है। वेब सीरीज का थोड़ा फैला हुआ होता है। इसमें कई सारे एपिसोड होतो हैं। वेब सीरीज कम समय में नहीं बनता और वो (भंसाली) इतना डायरेक्शन भी नहीं कर रहे थे। मेरे साथ दूसरे डायरेक्टर्स भी थे। हम और भी अच्छा काम कर सकते थे। मुझे लगता है कि उन सीन्स में इतनी कैपेबिलिटी थी, लेकिन काम नहीं किया गया। सेट पर सभी के बीच कम्युनिकेशन की कमी थी। अगर उन्हें तलाशने की गुंजाइश होती, तो वे अपने किरदार के साथ और भी बहुत कुछ कर सकते थे। जो नहीं हुआ। अगर आप गांधी को देखें, तो बेन किंग्सले के साथ, वो सही मायने में दिखाते हैं कि रेसिज्म (नस्लवाद ) कितनी दूर तक जा सकता है। एक व्यक्ति जो खुद को समझता है, और दूसरे इंसान के बीच की चल रही लड़ाई को…।'

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