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फरहान अख्तर को इस फिल्म के बाद हुआ था डिप्रेशन, लेकिन फिर सालों बाद इस घटना ने दिया सुकून

  • Bollywood Kissa Farhan Akhtar: फरहान अख्तर ने अपने पिता की लिखी एक कहानी पर बड़े दिल से फिल्म बनाई थी, फिल्म बॉक्स ऑफिस पर खास कमाल नहीं कर पाई जिसके बाद फरहान डिप्रेशन में चले गए थे।

Puneet Parashar लाइव हिन्दुस्तानSat, 9 Nov 2024 11:00 AM
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बॉलीवुड एक्टर-डायरेक्टर फरहान अख्तर की साल 2004 में आई फिल्म 'लक्ष्य' बॉक्स ऑफिस पर खास नहीं चली। फिल्म में ऋतिक रोशन ने लीड रोल प्ले किया था और प्रीति जिंटा ने इसमें फीमेल लीड रोल प्ले करती नजर आई थीं। फरहान अख्तर ने इससे पहले फिल्म 'दिल चाहता है' बनाई थी। उन्होंने इस फिल्म की कहानी लिखी थी और खुद ही इसका डायरेक्शन भी किया था। यह फिल्म सुपरहिट रही थी, लेकिन उनकी दूसरी ही फिल्म बॉक्स ऑफिस पर घुटनों के बल आ गई। इस बात से फरहान अख्तर काफी निराश थे और उन्हें डिप्रेशन फील होने लगा था। लेकिन फिर कुछ वक्त बाद एक ऐसी घटना हुई जिसने उनका सोचने का नजरिया बदल दिया।

जब सालों बाद वापस देहरादून गए फरहान

फरहान अख्तर ने खुद इस घटना के बारे एक इवेंट में बताया था। एक्टर ने कहा कि उन्हें 13 साल बाद यह जानकर राहत मिली कि जिस दिक्कत को हल करने के लिए उन्होंने यह फिल्म बनाई थी वो हल हो चुकी थी। एक्टर ने बताया, "मैं तकरीबन 13 साल के बाद देहरादून गया था। वहां कई जवान थे जिनमें से एक ने मुझसे पूछा कि आपने 'लक्ष्य' क्यों बनाई? मैंने उन्हें बताया कि इसकी शुरुआत तब हुई जब मेरे पिता कारगिल गए और उन्होंने बताया कि जहां भी आप जाएंगे आपको भारतीय सेना की तारीफ सुनने मिलेगी, लेकिन हर साल के साथ भारतीय सेना के लिए आवेदन करने वाले लोगों की संख्या घटती जा रही है।"

फरहान अख्तर ने क्यों बनाई 'लक्ष्य' फिल्म?

फरहान अख्तर ने बताया कि वह इस बात को लेकर बहुत हैरान थे और उन्होंने तय किया कि वह इस बारे में एक फिल्म बनाएंगे। फरहान अख्तर ने बताया कि उनके पिता जावेद अख्तर घर लौटे और उन्होंने इस बारे में एक कहानी लिखना शुरू किया। फरहान अख्तर ने बताया, "फिर उन्होंने मुझे यह कहानी सुनाई और हमने मिलकर यह फिल्म बना डाली। हालांकि यह बॉक्स ऑफिस पर खास कमाल नहीं कर पाई और मैं सच में बहुत ज्यादा डिप्रेस हो गया था। लेकिन वक्त के साथ फिर मैं आगे बढ़ गया।" लेकिन फिर यह घटना हुई जिसने फरहान का सोचने का नजरिया बदल दिया।

फरहान अख्तर को उस दिन मिला था सुकून

फरहान अख्तर ने बताया कि जिस जवान को वो यह घटना बता रहे थे उसने उनसे कहा कि आप एक मिनट रुकिए, मुझे आपको कुछ दिखाना है। फरहान अख्तर सोच में थे, लेकिन फिर उस शख्स ने जाकर जवानों की टोली से पूछा कि आप में से कौन-कौन यहां लक्ष्य फिल्म देखने के बाद आया है? हाथ उठाने को कहने पर तकरीबन 70% जवानों ने हाथ उठा दिया और तब फरहान अख्तर को वो खुशी महसूस हुई जो उन्हें शायद फिल्म के ब्लॉकबस्टर हिट होने पर भी नहीं मिलती। एक्टर ने कहा- उस दिन मैं जाना कि आर्ट और क्रिएटिविटी से मिलने वाली कामयाबी पैसों से कहीं ज्यादा बढ़कर है।

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