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फिल्म इंडस्ट्री में तलाक और ड्रग्स को लेकर मनोज बाजपेयी ने दिया जोरदार जवाब, पूछा - क्या समाज का हिस्सा...

Bhaiyya Ji: बॉलीवुड स्टार मनोज बाजपेयी की फिल्म 'भैया जी' सिनेमाघरों में लगी हुई है। एक्टर मनोज बाजपेयी भी फिल्म के प्रमोशन के लिए इंटरव्यू दे रहे हैं। ऐसे ही एक इंटरव्यू में मनोज बाजपेयी ने फिल्म इंडस्ट्री में होने वाले तलाक के बारे में बात की।

Harshita Pandey लाइव हिन्दुस्तानThu, 30 May 2024 09:45 PM
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फिल्म स्टार मनोज बाजपेयी ने हाल ही में बॉलीवुड में होने वाले तलाक और फिल्म इंडस्ट्री का ड्रग्स के साथ लिंकअप पर खुलकर बात की। उनसे इंटरव्यू में पूछा गया कि उनका इस दावे के बारे में क्या कहना है कि बॉलीवुड ड्रग एडिक्ट्स से भरा हुआ है और रेव पार्टियों के लिए मशहूर है? इसपर एक्टर ने इंटरव्यू लेने वाले शख्स को करेक्ट करते हुए कहा, "चलिए इसे फिल्म इंडस्ट्री बुलाते हैं।"

फिल्म इंडस्ट्री ड्रग एडिक्ट्स से भरी है?

सुशांत सिन्हा के साथ खास बातचीत में मनोज बाजपेयी ने कहा कि सबसे पहले तो चलिए इसे फिल्म इंडस्ट्री बुलाते हैं। उन्होंने कहा कि ये बहुत छोटी सी इंडस्ट्री है। अब, इस छोटी सी इंडस्ट्री में बहुत से लोगों को जॉब चाहिए होती है। अगर कोई व्यक्ति किसी कोने में कोई गलत काम करता हुआ पकड़ा जाता है तो इससे कुछ भी साबित नहीं होता है। 

उन्होंने कहा कि मैं और मेरे दोस्त या को-स्टार्स भी इसी इंडस्ट्री का हिस्सा हैं और मैं कह सकता हूं कि 95 प्रतिशत लोग अपने काम को लेकर बहुत जुनून रखते हैं, और ना केवल फिल्मों को लेकर बल्कि अपने परिवार और प्रियजनों को लेकर भी बहुत ईमानदार हैं। इधर-उधर की कुछ घटनाएं यह साबित नहीं कर सकतीं कि पूरी इंडस्ट्री ऐसी ही है।

बॉलीवुड में तलाक दरों पर क्या बोले मनोज बाजपेयी

वहीं, बॉलीवुड में तलाक दर के बारे में बात करते हुए मनोज बाजपेयी ने कहा कि अगर आप आज की डेट में तीस हजारी कोर्ट के बाहर जाएं और डाइवोर्स दर के बारे में पूछें, तब आपको अंदाजा होगा कि हम कहां पहुंच गए हैं जहां हर रोज रिलेशनशिप और शादियां टूट रही हैं। हमारा समाज न्यूक्लियर फैमली ट्रेंड को अपना रहा है, इसके अपने फायदे हैं, लेकिन एकल परिवार के चलन ने जो नुकसान पहुंचाया है, उसे आप आज अदालतों में देख सकते हैं।

'क्या इंडस्ट्री समाज का हिस्सा नहीं?'

उन्होंने आगे कहा,"तो, क्या इंडस्ट्री समाज का हिस्सा नहीं है? समाज से आने वाले लोग इंडस्ट्री का हिस्सा होते हैं. जब लोग एक ही समाज के होंगे तो क्या जाहिर सी बात नहीं है कि समाज में हो रहा बदलाव इंडस्ट्री में भी दिखेगा? पहले, इसी इंडस्ट्री में, इतने तलाक नहीं होते थे जितने आज हो रहे हैं। इंडस्ट्री बहुत खुले विचारों वाले लोगों से भरी है जो एक अच्छी चीज है। क्रिएटिव लोगों को खुले विचारों का होना ही चाहिए।"

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