Hindi Newsएंटरटेनमेंट न्यूज़Amar Singh Chamkila killers demanded the keys to his car driver recalls witnessing the murder

अमर सिंह चमकीला के ड्राइवर ने बताई हत्या वाले दिन की कहानी, कहा- फायरिंग करने के बाद हत्यारों ने…

  • Amar Singh Chamkila: नेटफ्लिक्स की फिल्म ‘अमर सिंह चमकीला’ के रिलीज होने के बाद दिवंगत गायक अमर सिंह चमकीला में लोगों की दिलचस्पी बढ़ गई है।

Vartika Tolani लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीFri, 26 April 2024 03:35 PM
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इम्तियाज अली की फिल्म ‘अमर सिंह चमकीला’ के रिलीज होने के बाद पंजाबी गायक अमर सिंह चमकीला के बारे में कई सारी बातें पब्लिक होने लगी हैं। पहले उनकी दूसरी पत्नी अमरजोत कौर के बेटे ने खुलासे किए। फिर उनकी पहली पत्नी ने कई सारी बातें बताईं। वहीं अब उनके ड्राइवर रणजीत सिंह ने कई सारे राज के ऊपर से पर्दा हटाया है। ड्राइवर ने उस दिन को याद किया जिस दिन तीन नकाबपोश हत्यारों ने गायक की हत्या कर दी थी।

उस दिन क्या-क्या हुआ?

चमकीला के ड्राइवर रणजीत सिंह ने बलतेज सरन को दिए इंटरव्यू में कहा, “परफॉर्मेंस से पहले हम पास के एक घर में साथ बैठकर भोजन कर रहे थे। मनकू (चमकीला के सेक्रेटरी) हमारे साथ नहीं थे। वह भीड़ को संभालने में व्यस्त थे। कुछ मिनटों के बाद, हमने सुना कि मनकू दर्शकों से कह रहे हैं कि चमकिला चार-पांच मिनट में आ जाएंगे। ये सुनते ही हम सभी कार में बैठ गए और कार्यक्रम स्थल के लिए निकल गए। लेकिन जैसे ही हम वहां पहुंचे, गोलीबारी शुरू हो गई। मनकू बच गया क्योंकि वह मंच के पास था, लाल चंद (ढोलक वादक) को गोली लगी किंतु वह छिपने के लिए पास के खेतों में भाग गया, वहीं चमकीला और अमरजोत मारे गए।

कुछ देर बाद पुलिस पहुंची और…

इंटरव्यू के दौरान जब रणजीत से पूछा गया कि क्या नकाबपोश हत्यारों ने उन्हें धमकी दी थी या कुछ कहा था तब रणजीत सिंह ने कहा, “उन्होंने मुझे धमकी नहीं दी, लेकिन उन्होंने कार की चाबी मांगी, तो मैंने दे दी। वे तीन आदमी थे। उनके फायरिंग करने से अफरा-तफरी मच गई थी। लोग बचने के लिए भागते समय अपने जूते पीछे छोड़ गए थे। कुछ देर बाद पुलिस पहुंची और पुलिस ने कार को दोबारा चालू करने में मेरी मदद की। मैं गाड़ी से फिल्लौर पहुंचा और अगले दिन दोपहर 2 बजे तक पुलिस स्टेशन में ही रहा। फिर मैंने कार और चमकीला का सामान उनके परिवार को लौटा दिया। पोस्टमार्टम के दौरान भी वहीं मौजूद था। मैंने ही चमकीला और अमरजोत के शवों की पहचान की थी।

15 दिनों तक नहीं आई नींद

रणजीत ने बताया कि इस घटना के बाद दोबारा काम शुरू करने में उन्हें दो हफ्ते लग गए थे क्योंकि वह सदमे में थे। वह 15 दिनों तक सो नहीं पाए रहे थे और उन्हें हर वक्त बंदूकों की धमाके की आवाज सुनाई दे रही थी।

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