‘बस्तर’ में अदा शर्मा ने क्यों बोला वामपंथियों को सड़क पर गोली मारने वाला डायलॉग? बोलीं- चाहती थी लोग सोचें कि…
- Baster The Naxal Story की एक्ट्रेस अदा शर्मा ने फिल्म के एक विवादित डायलॉग पर अपनी बात रखी है। उनका कहना है कि वह एक किरदार के रूप में ऐसा बोल सकती हैं न कि हिरोइन के तौर पर।
अदा शर्मा की फिल्म बस्तर- द नक्सल स्टोरी 15 मार्च को रिलीज हो रही है। दावा किया जा रहा है कि मूवी छत्तीसगढ़ के नक्सल्स की असल जिंदगी पर आधारित है। फिल्म का टीजर और ट्रेलर देखकर कुछ लोग नाखुश हैं। इसे प्रोपागैंडा फिल्म भी बताया जा रहा है। टीजर में अदा शर्मा जेएनयू पर एक डायलॉग बोलती दिखी थीं। इस पर भी कुछ लोगों को आपत्ति हुई थी। कुल मिलाकर अदा शर्मा की एक्टिंग की तारीफ हो रही है। अब उन्होंने बताया है कि जेएनयू पर वो विवादित डायलॉग बोलना क्यों जस्टिफाइड है।
इस डायलॉग पर कॉन्ट्रोवर्सी
अदा शर्मा बीते साल विपुल शाह के साथ द केरल स्टोरी फिल्म से लोगों को इम्प्रेस कर चुकी हैं। अब उनकी मूवी बस्तर- द नक्सल स्टोरी के चर्चे हैं। टीजर में अदा शर्मा बोलती हैं, पाकिस्तान के साथ हुए 4 युद्धों में हमारे 8738 जवान शहीद हुए हैं लेकिन क्या आपको पता है कि हमारे देश के अंदर नक्सलियों ने 15 हजार से ज्यादा जवानों की हत्या की है। बस्तर में हमारे 76 जवानों को नक्सलियों ने बड़ी क्रूरता से मारा था। तब इसका जश्न मनाया गया जेएनयू में। सोचिए हमारे देश की इतनी प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी हमारे जवानों की शहादत पर जश्न मनाती है।
मार दूंगी गोली
कहां से आती है ऐसी सोच। बस्तर में भारत के टुकड़े करने की साजिश कर रहे हैं ये नक्सली और उनका साथ दे रहे हैं शहरों में बैठे लेफ्ट लिबरल सूडो इंटेलेक्चुअल्स। इन वामपंथियों को सड़क पर खड़ाकर सरेआम गोली मार दूंगी। चढ़ा देना फांसी पर। इस डायलॉग्स ने एक खास वर्ग को नाराज कर दिया है। अदा शर्मा ने न्यूज18 Showsha से बातचीत में बताया कि उनका ये डॉयलॉग क्यों ठीक था।
नीरजा ऐसा बोल सकती है
अदा बोलती हैं, जब आप नीरजा माथुर जैसे बस्तर के टफ पुलिस अफसर बनते हैं, मैं चाहती थी कि लोग सोचें कि मैंने उसको बिना डरे और पावरफुल तरीके से निभाया। मैं चाहती थी कि लोग हर उस शब्द पर यकीन करें जो फिल्म में बोला है। जब वह बोलती है कि 76 जवानों की बुरी तरह हत्या कर दी गई और वह उन लोगों को गोली से उड़ा देना चाहती है तो वह फ्रस्ट्रेशन में बोल रही थी। क्योंकि उसने जवान को गोलियां खाते और टुकड़े होते देखा है। मैं अदा शर्मा के तौर पर ऐसा नहीं कह सकती लेकिन नीरजा बोल सकती है।
प्रजातंत्र है, लोग कमेंट कर सकते हैं
अदा बोलीं, एक बार लोग जब फिल्म देख लेंगे तो समझ जाएंगे कि मूवी किस बारे में है। फिर भी मैं कहना चाहूंगी केरल स्टोरी के वक्त भी ऐसा था, प्रजातंत्र है लोगों को फिल्म देखनी है या नहीं वे तय कर सकते हैं। फिल्म देखने के बाद कमेंट कर सकते हैं या नहीं कर सकते हैं। हमें उनका भी सम्मान करना होगा जो बिना फिल्म देखे कमेंट कर रहे हैं क्योंकि ये उनकी मर्जी है।