'पैर तोड़ दो, प्राइवेट पार्ट पर मारो', कोलकाता डॉक्टर रेप-मर्डर केस पर युजवेंद्र चहल का खून खौला
- युजवेंद्र चहल ने कोलकाता के आर जी कर मेडिकल कॉलेज में महिला डॉक्टर के रेप और मर्डर केस में दोषियों को फांसी देने की मांग की है। उन्होंने अपनी स्टोरी में कहा है कि उनके पैर तोड़ देने चाहिए और फांसी देने तक उन्हें टॉर्चर करना चाहिए।
कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में महिला डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या मामले पर खेल जगत ने कठोर सजा की मांग की है। पश्चिम बंगाल के कई हिस्सों में पीड़िता के लिए न्याय की मांग के लिए प्रदर्शन हो रहे हैं। भारत के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली ने भी इस घटना को लेकर प्रतिक्रिया दी थी, जिस पर काफी बवाल हुआ था। इस बीच भारत के स्टार स्पिनर युजवेंद्र चहल ने इस जघन्य अपराध में शामिल लोगों के लिए कठोर सजा की मांग की। चहल ने अपनी स्टोरी में कहा है कि अपराधियों को तड़पा-तड़पा कर मारना चाहिए, जिससे उन्हें अपने जुर्म का अहसास हो सके।
युजवेंद्र चहल ने अपने इंस्टाग्राम स्टोरी पर लिखा, ''फंदे पर लटकाएं जब तक मौत न हो जाए? नहीं। 90 डिग्री पर उसके पैर तोड़ो। कॉलरबोन तोड़ दो। प्राइवेट पार्ट को चोट पहुंचाओ। रेपिस्ट को सभी भयानक यातनाओं को महसूस करने के लिए जिंदा रखो और फिर फांसी दो।''
गांगुली ने कहा था, "यह एक जघन्य घटना है। इस तरह के अपराध के लिए कोई माफी नहीं हो सकती।" उन्होंने कहा कि प्राधिकारियों को तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हालांकि ऐसी घटनाएं कहीं भी हो सकती हैं, लेकिन यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि यह विशेष मामला एक अस्पताल के अंदर हुआ। पूर्व क्रिकेटर ने चिकित्सा प्रतिष्ठानों में मजबूत सुरक्षा उपायों का आह्वान किया।
उन्होंने संवाददाताओं से कहा था, "मैंने पिछले रविवार को कहा था, मुझे नहीं पता कि इसे कैसे समझा गया या इसकी व्याख्या की गई। मैंने पहले भी कहा है, यह एक भयानक घटना है। अब सीबीआई, पुलिस मामले की जांच कर रही है। जो कुछ हुआ है वह बहुत शर्मनाक है। मुझे उम्मीद है कि मामले की जांच कर रही सीबीआई को जब अपराधी मिल जाएगा तो उसे सख्त सजा दी जानी चाहिए। सजा ऐसी होनी चाहिए कि कोई भी अपने जीवन में दोबारा ऐसा अपराध करने की हिम्मत न करे। यह महत्वपूर्ण है। सजा कड़ी होनी चाहिए।"
महिला चिकित्सक का शव नौ अगस्त की सुबह अस्पताल के सभागार मिला था। अस्पताल परिसर में अक्सर आने-जाने वाले एक व्यक्ति को इस मामले में 10 अगस्त को गिरफ्तार किया गया था। इस घटना के बाद से पूरे देश में चिकित्सा सेवाएं प्रभावित हुई हैं और सैकड़ों डॉक्टर विभिन्न संगठनों के बैनर तले हड़ताल पर हैं और डॉक्टर्स की सुरक्षा की मांग कर रहे हैं। कोलकाता उच्च न्यायालय ने 13 अगस्त को इस मामले की जांच कोलकाता पुलिस से सीबीआई को सौंपने का आदेश दिया था और सीबीआई ने 14 अगस्त को जांच शुरू कर दी।
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