Hindi Newsक्रिकेट न्यूज़Sunil Gavaskar slams indian team management for neglecting R Ashwin in overseas test and for vice captaincy

अश्विन के साथ हुए एक-एक अन्याय गिनाए सुनील गावस्कर ने, टीम मैनेजमेंट पर खूब भड़के

टीम इंडिया के स्टार ऑफस्पिनर और भारत की ओर से टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज्यादा विकेट लेने के मामले में दूसरे नंबर पर रहे आर अश्विन ने ब्रिसबेन टेस्ट के बाद इंटरनेशनल क्रिकेट को अलविदा कह दिया था।

Namita Shukla लाइव हिन्दुस्तानMon, 23 Dec 2024 01:28 PM
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टेस्ट क्रिकेट में टीम इंडिया के लिए पिछले 13-14 सालों में सबसे बड़े मैच विनर रहे आर अश्विन इंटरनेशनल क्रिकेट को अलविदा कह चुके हैं। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पांच मैचों की टेस्ट सीरीज के लिए अश्विन को टेस्ट स्क्वॉड में शामिल किया गया था, लेकिन उन्होंने बीच सीरीज में ही इंटरनेशनल क्रिकेट को अलविदा कह दिया। ब्रिसबेन में बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी का तीसरा टेस्ट मैच खेला गया था। बारिश के चलते मैच ड्रॉ पर खत्म हुआ और इसके साथ ही अश्विन ने इंटरनेशनल क्रिकेट को अलविदा कह दिया। अश्विन के रिटायरमेंट के बाद से तरह-तरह की बातें हो रही हैं और ऐसा भी दावा किया जा रहा है कि उन्हें रिटायरमेंट अनाउंस करने के लिए दबाव में डाला गया था। वहीं टीम इंडिया के पूर्व क्रिकेटर सुनील गावस्कर ने अश्विन के रिटायरमेंट के लिए भारतीय टीम मैनेजमेंट को जिम्मेदार ठहराया और उनकी जमकर आलोचना की है।

मौजूदा ऑस्ट्रेलिया दौरे की बात करें तो भारत ने पहले तीन टेस्ट मैचों में तीन अलग-अलग स्पिनर्स उतारे हैं। पर्थ में वॉशिंगटन सुंदर खेले, तो वहीं एडिलेड में आर अश्विन और इसके बाद ब्रिसबेन में प्लेइंग XI में रविंद्र जडेजा को जगह मिली। मिड डे में अपने कॉलम में गावस्कर ने टीम मैनेजमेंट को जमकर कोसा है। गावस्कर ने कहा कि ओवरसीज कंडीशन्स में बैटर्स और बॉलर्स के साथ अलग-अलग व्यवहार होता है, उन्होंने लिखा, ‘होम टेस्ट में उसे बाहर करने का कोई कारण ही नहीं है क्योंकि मैनेजमेंट को पता था कि उनके बिना वह मैच नहीं जीत सकते हैं। अगर यह कहा जाता है कि नंबर एक टेस्ट बॉलर के लिए पिच और कंडीशन्स सूट करने वाली नहीं हैं, तो ऐसा ही बैटर्स के साथ क्यों नहीं किया जाता है।’

इतना ही नहीं गावस्कर को लगता है कि अश्विन टेस्ट में सफल कप्तान बन सकते थे, लेकिन उन्हें यह मौका नहीं दिया गया। उन्होंने अपने कॉलम में लिखा, ‘अश्विन टीम इंडिया के लिए बढ़िया कप्तान साबित हो सकते थे, लेकिन उसे तो उप-कप्तान बनने का भी मौका नहीं दिया गया। इसलिए यह देखकर अच्छा लगा कि कप्तान रोहित शर्मा ने अश्विन के 100वें टेस्ट में उन्हें कप्तानी करने का मौका दिया था।’

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