Hindi Newsक्रिकेट न्यूज़Team India should learn these things from England Cricket Team to get better in White Ball Cricket

इंग्लैंड की टीम से टीम इंडिया को सीखनी चाहिए ये चीजें, व्हाइट बॉल क्रिकेट में हो जाएगा कायाकल्प

इंग्लैंड की क्रिकेट टीम से टीम इंडिया को कुछ चीजें सीखनी चाहिए, जो व्हाइट बॉल क्रिकेट में भारत के काम आएं। इंग्लैंड ने तीन साल में वनडे वर्ल्ड कप और टी20 वर्ल्ड कप जीतने में सफलता हासिल की है।

Vikash Gaur विकाश गौड़, नई दिल्लीMon, 14 Nov 2022 10:45 AM
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इंग्लैंड की टीम ने टी20 वर्ल्ड कप 2022 जीतकर एक बार फिर साबित कर दिया है कि व्हाइट बॉल क्रिकेट की असली बॉस वही हैं। इंग्लैंड ने पाकिस्तान को मेलबर्न में हराकर दूसरी बार टी20 वर्ल्ड कप पर कब्जा जमाया। इंग्लैंड की इसी जीत और टीम से भारत जैसी दिग्गज टीम को कुछ बातें सीख लेनी चाहिए, ताकि टीम इंडिया का व्हाइट बॉल क्रिकेट में कायाकल्प हो सके। अगले साल भारत में वनडे वर्ल्ड कप होना है और इससे पहले रोहित शर्मा की कप्तानी वाली टीम को कुछ बातों पर ध्यान देना होगा।  

अप्रोच...

टीम इंडिया ने टी20 वर्ल्ड कप 2021 के बाद अग्रेसिव बैटिंग अप्रोच को अपनाया था, लेकिन टीम टी20 वर्ल्ड कप में इसे अपनाने में नाकाम रही। वहीं, इंग्लैंड की टीम ने हर एक मैच में उस अग्रेसिव अप्रोच को अपनाए रखा, जिसका नतीजा फाइनल में भी देखने को मिला और टीम को खिताबी जीत मिली। भारत ने न तो पाकिस्तान के खिलाफ और न ही सेमीफाइनल में इंग्लैंड के खिलाफ उस अप्रोच को दिखाया था। 

ऑलराउंडर...

टी20 क्रिकेट मल्टी डायमेंशनल प्लेयर्स का गेम है। यहां एक या दो ओवर में मैच का नतीजा पलट सकता है। इंग्लैंड के लिए ऐसा करने वाले एक या दो नहीं, बल्कि 6 खिलाड़ी थे। वहीं, भारतीय टीम में एकमात्र हार्दिक पांड्या था, जिनकी बल्लेबाजी और गेंदबाजी पर भरोसा किया जा सकता है, लेकिन इंग्लैंड के पास बेन स्टोक्स, लियाम लिविंगस्टोन, मोइन अली, सैम करन और क्रिस वोक्स जैसे खिलाड़ी थे। भारत को भविष्य में ये चीज ध्यान में रखनी होगी कि टीम में कुछ ऐसे ऑलराउंडर होने चाहिए जो एक-दो ओवर गेंदबाजी कर सकें और बल्लेबाजी में दमखम दिखा सकें। 

मोर्गन की सोच...

2019 में टीम को वनडे वर्ल्ड कप जिताने वाले कप्तान इयोन मोर्गन को जब लगा कि वे टी20 वर्ल्ड कप 2022 में टीम को अच्छी से लीड नहीं कर पाएंगे और उनकी बल्लेबाजी भी नहीं चल रही है तो उन्होंने रिटायरमेंट का ऐलान कर दिया। इससे नए कप्तान जोस बटलर को अपनी टीम बनाने का मौका मिला। हालांकि, टीम लगभग वही थी, लेकिन उनको टीम के साथ बने रहने का पर्याप्त मौका मिल गया। भारतीय खिलाड़ियों को भी ऐसी सोच रखनी होगी। 

विदेशी लीग खेलना...

भारतीय खिलाड़ी वैसे तो किसी विदेशी लीग में खेलते नहीं हैं, लेकिन इंग्लैंड समेत बाकी देशों के खिलाड़ी अलग-अलग लीग्स में खेलते हैं, जिससे उनको वहां की पिचों का जानने का मौका मिलता है। इसका फर्क आप टी20 वर्ल्ड कप 2022 में देख पाए होंगे, जहां इंग्लैंड और पाकिस्तान के उन खिलाड़ियों ने अच्छा प्रदर्शन किया था, जो बिग बैश लीग में खेले हैं। विराट कोहली और सूर्यकुमार यादव को छोड़ दें तो कोई भी खिलाड़ी इस बात का अंदाजा नहीं लगा पा रहा था कि किस बाउंड्री रीजन को टारगेट कर सकते हैं। 

हाय रे वर्कलोड...

वर्कलोड मैनेजमेंट की बात आती है तो भारतीय खिलाड़ी आईपीएल के सभी मैचों के लिए उपलब्ध रहते हैं, लेकिन जब इंटरनेशनल क्रिकेट की बात आती है तो समय-समय पर आराम लेते हैं। वहीं, विदेशी खिलाड़ी आईपीएल जैसे टूर्नामेंट से हट जाते हैं, क्योंकि उनका पूरा फोकस बड़े सीरीज या टूर्नामेंट पर होता है। भारत के साथ ऐसा होता है कि छोटे देशों के खिलाफ युवा खिलाड़ी खेलते हैं और बड़े देशों के खिलाफ सीनियर खिलाड़ियों को मौका मिलता है। इस लिहाज से देखा जाए तो जूनियर खिलाड़ियों को हाई प्रेशर गेम के लिए अच्छी तैयारी नहीं मिल पाती है।  

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