T20 WC: एशिया कप में ये पांच गलतियां टीम इंडिया पर पड़ी भारी, वर्ल्ड कप से पहले करना होगा सुधार, नहीं तो ऑस्ट्रेलिया में भी डूबेगी नैया
वर्ल्ड कप से पहले एशिया कप में भारत के प्रदर्शन पर नजर डाले तो रोहित शर्मा के नेतृत्व वाली टीम इंडिया को अपने परफेक्ट प्लेइंग इलेवन को लेकर कई सवालों के जवाब ढूंढने होंगे।
यूएई में खेला जा रहा एशिया कप 2022 एशिया की प्रमुख टीमों के लिए ऑस्ट्रेलिया में होने वाले आगामी टी20 वर्ल्ड कप के नजरिए से काफी अहम टूर्नामेंट है। श्रीलंका और पाकिस्तान जैसी टीमों ने इस टूर्नामेंट में अच्छा प्रदर्शन करते हुए फाइनल तक का सफर तय कर लिया है। लेकिन भारत और बांग्लादेश की टीमों को वर्ल्ड कप से पहले कई सवालों के जवाब खोजने होंगे। रोहित शर्मा के नेतृत्व वाली भारतीय टीम की बात करें तो कप्तान ने टूर्नामेंट में उतरने से पहले ही कह दिया था कि एशिया कप में टीम कई चीजें आजमाने की कोशिश करेगी। पहले दो मैचों में ये पैतरा सही निकला, लेकिन जैसे ही एक खिलाड़ी (रविंद्र जडेजा) चोटिल हुआ। टीम की रणनीति पूरी तरफ बिखर गई और टीम को अपनी संतुलित प्लेइंग इलेवन का चयन करने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।
कप्तान रोहित शर्मा कई बार प्रेस कॉन्फ्रेंस में कह चुके हैं कि मैं अपने खिलाड़ियों को उनके रोल के बारे में बताने में विश्वास रखता हूं, लेकिन एशिया कप के प्रदर्शन पर नजर डालें, तो मिडिल ऑर्डर में इनका कौन भरोसेमंद बल्लेबाज है या फिनिशर कौन होने वाला है या फिर पूछा जाए कि गेंदबाजी में कौन से वर्ल्ड कप के लिहाज से बेहतर विकल्प होंगे। इन सबका जवाब टूर्नामेंट से बाहर होने के बाद भी रोहित और टीम मैनेजमेंट को शायद ही मिला होगा और दिलचस्प बात ये है कि टीम टूर्नामेंट में अपने अभियान की शुरुआत से पहले इन सवालों के जवाब तलाशने ही उतरी थी और ये कंफर्म हो गया था कि एशिया कप में भारतीय टीम उन खिलाड़ियों के साथ खेलने उतरेगी, जोकि वर्ल्ड कप टीम का हिस्सा होंगे। चलिए आपको बताते हैं एशिया कप में भारत की उन पांच वजहों के बारे में जिनके कारण टीम को टूर्नामेंट से बाहर होना पड़ा और टी20 वर्ल्ड से पहले भारत को इनके जवाब ढूंढने होंगे।
एशिया कप में मिडिल ऑर्डर हुआ फ्लॉप
यूएई में हो रहे एशिया कप के शुरू होने से पहले भारत के टॉप ऑर्डर में कई बदलाव हुए। रोहित शर्मा और विराट कोहली को कई मैचों में आराम दिया गया था, जबकि केएल राहुल चोट के बाद वापसी कर रहे थे। वहीं मिडिल ऑर्डर की बात करें तो टीम के पास मध्यक्रम के लिए कई बल्लेबाज मौजूद हैं, लेकिन अभी तक टीम ये डिसाइड नहीं कर सकी है कि किसके साथ जाना है और किसे टीम से बाहर करना है। एशिया कप में टीम ने शुरुआती दो मैचों में कार्तिक को मौका दिया और फिर दीपक हुड्डा को टीम में ले आए। कार्तिक को बल्लेबाजी का मौका नहीं मिला, तो वही दीपक अपनी क्षमता के मुताबिक प्रदर्शन नहीं कर सके। जबकि रन बनाने के लिए संघर्ष कर रहे पंत को टीम जबरदस्ती प्लेइंग इलेवन में रखे जा रही थी। अभी तक ये भी पता नहीं चल सका है कि आखिरी ओवरों में फिनिशर की भूमिका दिनेश कार्तिक, पंत या हुड्डा में से कौन निभाएगा। वर्ल्ड कप से पहले टीम को अपने मीडिल ऑर्डर को लेकर भी कड़े फैसले करने होंगे। क्योंकि जब तक खिलाड़ी को पता नहीं होगा कि वह खेल रहा है या नहीं वह मानसिक तौर पर अपने आपको कैसे तैयार रखेगा।
भारतीय टीम की गेंदबाजी
एशिया कप 2022 के लिए टीम का ऐलान होने से पहले ये खबर आई थी कि जसप्रीत बुमराह और डेथ ओवर स्पेशलिस्ट हर्षल पटेल चोट के कारण टूर्नामेंट से बाहर हो गए हैं। इन दोनों के इवेंट में नहीं होने से भारत को अपने सीमित गेंदबाजों के साथ टूर्नामेंट में उतरना था। क्योंकि शमी को चयन समिति ने साफ कहा था कि टी20 के लिए उनके नाम पर विचार नहीं किया जाएगा। अब इसके बाद टीम के पास भुवनेश्वर, अर्शदीप सिंह और आवेश खान बचे थे। दीपक चाहर टूर्नामेंट का हिस्सा थे, लेकिन वह अंतिम एकादश में आखिरी मैच में शामिल हुए। भुवनेश्वर कुमार के पास काफी अनुभव था इसके अलावा अर्शदीप और आवेश खान अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काफी युवा हैं, ऐसे में इनसे ज्यादा उम्मीद रखना गलत रहता। पूरे टूर्नामेंट के दौरान भारत का तेज गेदबाजी आक्रमण अन्य टीमों की तुलना में कमजोर नजर आ रहा था। ऐसे में अगले महीने शुरू हो रहे वर्ल्ड कप से पहले भारत को अपनी गेंदबाजी को मजबूत करने पर ध्यान देना होगा।
जसप्रीत बुमराह की चोट
टीम इंडिया के प्रमुख गेंदबाज जसप्रीत बुमराह चोट के कारण एशिया कप से बाहर हुए थे और उससे पहले उन्हें इंग्लैंड ( एक मैच खेला), वेस्टइंडीज और जिम्बाब्वे के खिलाफ टी20 सीरीज से आराम दिया गया था। वर्ल्ड कप के नजरिए से देखें तो बुमराह भारत के लिए काफी अहम गेंदबाज रहेंगे। लेकिन चोटिल होने से पहले पिछले पांच महीनों में उन्होंने सिर्फ दो टी20 मैच खेला है। इंग्लैंड के खिलाफ दूसरा टी20 और उससे पहले आईपीएल में अपना आखिरी मैच खेला है। वहीं जसप्रीत बुमराह अभी तक फिट घोषित नहीं हुए और बताया जा रहा है कि उनकी पीठ का दर्द फिर उभरकर सामने आया, जिसका मतलब उनको वर्ल्ड कप टीम में तो शायद चयनकर्ता रख ले, लेकिन उन्हें लय हासिल करने के लिए कब और कितने मैच मिलेंगे। ये तो वक्त ही बताएगा। जसप्रीत बुमराह की कमी भारत को एशिया कप में खली है और उनके ना होने से टीम की गेंदबाजी काफी कमजोर नजर आ रही थी। अगर वर्ल्ड कप तक वह फिट नहीं होते, तो भारत को उनके जितने खतरनाक गेंदबाज को तलाशना होगा।
मोहम्मद शमी को फिट होने के बावजूद नजरअंदाज करना
जसप्रीत बुमराह अभी तक फिट घोषित नहीं हुए और टी20 वर्ल्ड कप के लिए टीम का ऐलान अब से लगभग एक हफ्ते के अंदर किया जाएगा। ऐसे में भारत के पास अनुभवी गेंदबाज के रूप में मोहम्मद शमी मौजूद हैं, जो बुमराह की अनुपस्थिति में टीम की गेंदबाजी आक्रमण की अगुवाई कर सकते हैं। हालांकि टीम मैनेजमेंट को इस पर फैसला जल्द ही करना होगा। क्योंकि मोहम्मद शमी ने अपना आखिरी टी20 इंटरनेशनल मैच पिछले साल वर्ल्ड कप के दौरान ही खेला था और उसके बाद से उन्होंने आईपीएल जरूर खेला है, लेकिन अंतरराष्ट्रीय मैचों का प्रेशर अलग होगा है, ऐसे में ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ होने वाली आगामी सीरीज में शमी को टीम मौका देना पर विचार कर सकती है। एशिया कप में भुवनेश्वर के अलावा दीपक चाहर के पास अच्छा अनुभव है, लेकिन टीम ने दीपक चाहर की जगह की अर्शदीप और आवेश को मौका दिया। वहीं बुमराह के चोटिल होने के बाद अगर टीम मैनेजमेंट शमी को टीम में जगह देता, तो शायद भारत एशिया कप में अच्छी स्थिति में होता।
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युजवेंद्र चहल के बाद कौन?
एक समय अपने स्पिनरों के भरोसे मैच जीतने वाली भारतीय टीम अब सिर्फ युजवेंद्र चहल के भरोसे मैदान पर उतरने के लिए मजबूर है। पिछले वर्ल्ड कप में चहल टीम का हिस्सा भी नहीं थे उनकी जगह राहुल चाहर को मौका मिला था, लेकिन वो अभी टीम से बाहर हैं। अनुभवी और अच्छा प्रदर्शन करने के कारण युजवेंद्र चहल टीम में बने हुए हैं, लेकिन एशिया कप में युजवेंद्र चहल शुरुआती दो मैचों में विकेटलेस रहे थे। अगर वर्ल्ड कप में कुछ ऐसी परिस्थितियां आती हैं, तो भारत के पास बैक अप के रूप में रवि बिश्नोई हैं या अश्विन। जडेजा के चोटिल होने के बाद अब टीम को स्पिन ऑलराउंडर के रूप में अश्विन या अक्षर पटेल में से किसी एक को चुनना है और या फिर टीम रवि बिश्नोई को चहल के साथ रखना चाहेगी। लेकिन टीम में दो स्पिनर एक जैसे एक्शन और क्वालिटी के होने का टीम को ज्यादा फायदा नहीं होगा, ऐसे में टीम को चहल और बिश्नोई के अलावा तीसरे स्पिन विकल्प की भी तलाश होगी, जो चहल के साथ टीम के संयोजन को सही बना सके।
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