Hindi Newsक्रिकेट न्यूज़Suryakumar Yadav says I dont want to be the captain I want to be a leader after India beat Sri Lanka T20I Series

मैं कप्तान नहीं बनना चाहता...T20 सीरीज जीतने के बाद सूर्यकुमार यादव ने क्यों कहा ऐसा? जानिए

मैं कप्तान नहीं बनना चाहता, ये कहना है सूर्यकुमार यादव का। श्रीलंका के खिलाफ T20 सीरीज जीतने के बाद सूर्यकुमार यादव ने बात कही है, लेकिन पूरी बात ये है कि वे कप्तान नहीं, बल्कि लीडर बनना चाहते हैं।

Vikash Gaur लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीWed, 31 July 2024 01:24 AM
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श्रीलंका के खिलाफ तीन मैचों की टी20 इंटरनेशनल सीरीज से पहले सूर्यकुमार यादव को टीम इंडिया के रेगुलर टी20 कैप्टन घोषित किया गया था। सूर्या की कप्तानी में भारत ने श्रीलंका को 3-0 से हराया। हालांकि, आखिरी टी20 मैच को जीतना कठिन लग रहा था, लेकिन सूर्यकुमार यादव ने खुद आखिरी ओवर फेंका और मैच टाई कराया, जिसे भारत ने सुपर ओवर में जीता। हालांकि, मुकाबला जीतने के बाद सूर्यकुमार यादव ने कहा है कि वह कप्तान नहीं बनना चाहते। सूर्या ने कप्तानी छोड़ने की बात नहीं कही, बल्कि उनका पूरा बयान ये है कि वह कप्तान नहीं, बल्कि टीम के लीडर बनना चाहते हैं।  

सूर्यकुमार यादव ने पल्लेकेले में खेले गए तीसरे टी20 मैच के बाद प्लेयर ऑफ द सीरीज अवॉर्ड जीतने के बाद कहा, "मुझे लगता है कि आखिरी ओवर से ज्यादा, जब हम 30/4 और 48/5 के आसपास थे, तो कैसे लड़कों ने बीच में अपना कैरेक्टर दिखाया और खेल को उनसे दूर ले गए...ये अच्छा था। मुझे लगा कि उस ट्रैक पर 140 का स्कोर पार स्कोर था। जब हम फील्डिंग सेशन के दौरान मैदान पर उतरे तो मैंने उनसे कहा, 'मैंने इस तरह के खेल देखे हैं। अगर हम डेढ़ घंटे तक अपना दिल लगाकर खेलें, तो हम जीत सकते हैं।'" 

सूर्या ने आगे कहा, "अगर आप 200-220 रन बनाने और गेम जीतने का लुत्फ उठा रहे हैं, तो आपको 30/4 और 70/5 का भी लुत्फ उठाना चाहिए, क्योंकि इससे आपके जीवन में संतुलन बनता है और इसी तरह आप आगे बढ़ते हैं और विनम्र बने रहते हैं। उनके पास जितना कौशल है, आत्मविश्वास है जो वे टेबल पर लाते हैं, यह मेरे काम को बहुत आसान बनाता है। मैदान पर और ड्रेसिंग रूम में उनकी सकारात्मकता, एक-दूसरे के लिए उनकी देखभाल जो वे दिखाते हैं वह अविश्वसनीय है।" 

कप्तान के तौर पर सूर्यकुमार यादव ने कहा, "पिछले मैच के बाद, मैंने कहा कि कुछ लड़के आराम करने जा रहे हैं और वे सबसे पहले मुझसे कहने वाले थे, 'ठीक है हम आराम करेंगे और आप दूसरों को अवसर दे सकते हैं।' इससे टीम के कैरेक्टर का पता चलता है और वे दूसरों के प्रदर्शन से कितने खुश हैं। उन्होंने मेरा काम आसान कर दिया है। जब मैं बल्लेबाजी करने जाता हूं, तो मुझ पर थोड़ा दबाव होता है, मैं बस खुद को अभिव्यक्त करने का आनंद लेता हूं। मैंने सीरीज से पहले ही कहा था, मैं कप्तान नहीं बनना चाहता, मैं एक नेता बनना चाहता हूं।" 
 

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