वर्ल्ड कप 2023 के साथ राहुल द्रविड़ का हेड कोच के तौर पर कार्यकाल समाप्त, जल्द होगा बड़ा ऐलान
Rahul Dravid Head Coach Tenure: द्रविड़ के कार्यकाल में भारत ने एक वर्ल्ड टेस्ट चैंपियंस के फाइनल, एक टी20 वर्ल्ड कप और एक वनडे वर्ल्ड कप खेला मगर वह भी आईसीसी ट्रॉफी के सूखे को खत्म नहीं कर पाए।
Rahul Dravid Head Coach Tenure: वर्ल्ड कप 2023 में टीम इंडिया के अभियान के दुखद अंत के साथ हेड होच राहुल द्रविड़ का भी कार्यकाल समाप्त हो गया है। रवि शास्त्री के बाद द्रविड़ ने ही रोहित शर्मा के साथ मिलकर भारतीय टीम की बागडोर संभाली थी। द्रविड़ के कार्यकाल में भारत ने एक वर्ल्ड टेस्ट चैंपियंस के फाइनल, एक टी20 वर्ल्ड कप और एक वनडे वर्ल्ड कप खेला, मगर वह भी आईसीसी ट्रॉफी के सूखे को खत्म नहीं कर पाए। भारत को अब 23 नवंबर से ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 5 मैच की टी20 सीरीज खेलनी है और इसके बाद साउथ अफ्रीका का भी दौरा करना है। बीसीसीआई जल्द ही ऐलान करेगा कि राहुल द्रविड़ का कॉन्ट्रैक्ट रिन्यू किया जाएगा या टीम इंडिया को नया कोच मिलेगा।
वर्ल्ड कप फाइनल के बाद द्रविड़ ने टीम इंडिया के साथ अपने फ्यूचर को लेकर कहा 'मैंने इसके बारे में नहीं सोचा है। मैं अभी मैच खत्म करके आया हूं। मेरे पास इस बारे में सोचने का समय नहीं है और इस पर विचार करने का भी समय नहीं है। हां, जब मुझे ऐसा करने का समय मिलेगा तो मैं ऐसा करूंगा, लेकिन इस समय मेरा पूरा ध्यान इस अभियान पर था। मेरा ध्यान इस विश्व कप पर था और मेरे दिमाग में इसके अलावा कुछ नहीं था। और भविष्य में क्या होगा इसके बारे में मैंने कोई और विचार नहीं किया है।'
जूनियर क्रिकेट में तो राहुल द्रविड़ ने बतौर कोच काफी सफलताएं हासिल की थी, मगर टीम इंडिया का हेड कोच बनने के बाद वह भारत को एक भी आईसीसी ट्रॉफी नहीं जिता सके। उनके मार्गदर्शन में, भारत 2016 अंडर-19 क्रिकेट विश्व कप में उपविजेता रहा था, वहीं 2018 अंडर-19 वर्ल्ड कप जीता था।
इसके अलावा उन्हें ऋषभ पंत, इशान किशन, श्रेयस अय्यर और वाशिंगटन सुंदर सहित उभरते भारतीय सितारों को तैयार करने का श्रेय भी दिया जाता है।
चार साल तक जूनियर टीमों को कोचिंग देने के बाद, द्रविड़ को जुलाई 2019 में राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी (एनसीए) में क्रिकेट का प्रमुख नामित किया गया था।
कैसा रहा भारत का वर्ल्ड कप फाइनल तक का सफर
8 अक्टूबर को टीम इंडिया ने अपने वर्ल्ड कप 2023 अभियान का आगाज ऑस्ट्रेलिया को हराकर ही किया था। इसके बाद इस टीम ने अफगानिस्तान, चिर प्रतिद्वंदी पाकिस्तान, बांग्लादेश और न्यूजीलैंड के खिलाफ लक्ष्य का पीछा करते हुए जीत दर्ज की। जब ऐसा लगने लगा कि टीम एक ही दिशा में दौड़ रही है तो भारत ने दुनिया को दिखाया कि वह टारगेट सेट करके उसे डिफेंड करना भी जानते हैं। भारत ने इसके बाद इंग्लैंड को 100 रनों से, श्रीलंका को 302 रनों से, साउथ अफ्रीका को 243 रनों से और नीदरलैंड्स को 160 रनों से हराकर ग्रुप स्टेज के सभी 9 मुकाबले अपने नाम किए।
सेमीफाइनल में भारत के सामने न्यूजीलैंड की मुश्किल चुनौती थी, मगर इस मैच में भी टीम इंडिया ने 397 रनों का बड़ा स्कोर बोर्ड पर लगाकर कीवी टीम को बैकफुट पर धकेल दिया और यह मैच भी 70 रनों से अपने नाम किया। भारत ने पूरे वर्ल्ड कप में लाजवाब प्रदर्शन किया, मगर फाइनल का दिन टीम इंडिया के नाम नहीं रहा।
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