IPL की तरह WPL में भी हो सकती है होम-अवे फॉर्मेट की एंट्री, इतने साल तक नहीं बढ़ेगी टीमों की संख्या
इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) की तरह वीमेंस प्रीमियर लीग (डब्ल्यूपीएल) का आयोजन भी अगले साल से होम-अवे फॉर्मेट में हो सकता है। हालांकि, डब्ल्यूपीएल में तीन सालों तक टीमों की संख्या नहीं बढ़ेगी।
महिला प्रीमियर लीग (डब्ल्यूपीएल) के पहले सत्र की सफलता से उत्साहित इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) अध्यक्ष अरूण धूमल ने मंगलवार को कहा कि वे दूसरे सत्र से अपने और विरोधी के मैदान पर मुकाबले के प्रारूप को लागू करने की योजना बना रहे हैं लेकिन अगले तीन साल तक टीम की संख्या पांच ही रहेगी। पहला डब्ल्यूपीएल प्रशंसकों और खिलाड़ियों के बीच काफी लोकप्रिय रहा लेकिन टूर्नामेंट का आयोजन व्यस्त कार्यक्रम के बीच महिला टी20 विश्व कप के तुरंत बाद किया गया इसलिए भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) ने सभी मुकाबलों का आयोजन मुंबई में दो स्थलों पर कराने का फैसला किया।
डब्ल्यूपीएल के आयोजन को अपने कार्यकाल की सबसे बड़ी चुनौती करार देते हुए धूमल ने कहा कि अपने और विरोधी के मैदान पर मुकाबले के प्रारूप से टीम को प्रशंसकों का आधार बनाने में काफी मदद मिलेगी और बोर्ड चाहता है कि अगले साल ही इसे लागू किया जाए। धूमल ने पीटीआई से कहा, ''अच्छी शुरुआत का मतलब है कि आधा काम हो गया। डब्ल्यूपीएल की शुरुआत शानदार रही और भविष्य में हमने अब तक जो देखा उससे बहुत बेहतर होगा। हमने पांच टीम के साथ शुरुआत की लेकिन खिलाड़ियों के पूल को देखते हुए भविष्य में अतिरिक्त टीम की गुंजाइश है।''
उन्होंने कहा, ''हमें टीम की संख्या में इजाफे की उम्मीद है लेकिन आगामी तीन सत्र में पांच ही टीम रहेंगी। हम निश्चित तौर पर अपने और विरोधी के मैदान पर मुकाबले के प्रारूप पर गौर कर रहे हैं, भारत की अंतरराष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं को देखते हुए हम देखेंगे कि कौन सा समय उपलब्ध है और फिर फैसला करेंगे।'' धूमल ने कहा, ''प्रशंसकों को जोड़ने के नजरिए से यह बेहद महत्वपूर्ण है कि हम अपने और विरोधी के मैदान पर मुकाबले के प्रारूप को अपनाएं।''
ब्रेबोर्न और डीवाई पाटिल स्टेडियम में मुकाबलों को देखने के लिए बड़ी संख्या में प्रशंसक पहुंचे थे। टूर्नामेंट ने शुरुआत से पहले ही सुर्खियां बटोरी थी जब बीसीसीआई को टीम के अधिकार से 4700 करोड़ और मीडिया अधिकार से 951 करोड़ रुपये मिले थे। धूमल ने कहा, ''अब तक सफर शानदार रहा है और डब्ल्यूपीएल के लिए उपलब्ध समय को देखते हुए काफी चुनौतीपूर्ण भी। जिस तरह से चीजें आगे बढ़ी हैं उससे हम संतुष्ट है, हमारे पास अधिक समय नहीं था क्योंकि विश्व कप भी होना था और लड़कियों के पास वापस आकर शुरुआत करने के लिए सिर्फ एक सप्ताह का समय था।''
शुरुआत से ही छह टीम के साथ टूर्नामेंट शुरू नहीं होने का एक कारण स्तरीय स्थानीय खिलाड़ियों की कमी हो सकता है। दुनिया की सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों ने टूर्नामेंट के दौरान अपना कौशल दिखाया लेकिन सेइका इशाक, कनिका आहुजा और श्रेयंका पाटिल जैसी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट नहीं खेलने वाली खिलाड़ियों के अलावा अन्य स्थानीय खिलाड़ी प्रभावित नहीं कर सकीं। दो महीने लंबा आईपीएल पिछले हफ्ते शुरू हुआ जिसके रिकॉर्ड मीडिया अधिकार करार से बोर्ड को 48 हजार 390 करोड़ रुपये मिले। बोर्ड ने पहली बार टीवी और डिजिटल अधिकार अलग-अलग बेचने का फैसला किया और यह फायदे का सौदा साबित हुआ।
धूमल ने कहा, ''खेल में सभी के लिए कुछ नयापन होना चाहिए। खेल से जुड़ी सभी चीज प्रशंसकों के इर्द-गिर्द घूमनी चाहिए। विचार यह है कि इसे प्रशंसकों के लिए अधिक बेहतर बनाया जाए। हमारे अलग-अलग नीलामी की (मीडिया अधिकार की), हमारे पास दो शानदार साझेदार हैं। '' उन्होंने कहा, ''जहां तक वैश्विक दर्शकों का संबंध है तो हमें काफी बाजार पर कब्जा करने की जरूरत है। हम वैश्विक स्तर पर प्रशंसकों से जुड़ेंगे।''
धूमल ने कहा कि आईपीएल में 'इंपेक्ट प्लेयर' का नियम लागू करने और टॉस के बाद टीम का चयन करके टॉस से होने वाले फायदे को कम किया गया है। उन्होंने कहा, ''हमने देखा है कि ओस बड़ी भूमिका निभाती है। टॉस जीतने को फायदे की स्थिति के रूप में देखा जाता था और इसे कम करने के लिए हमने इंपेक्ट प्लेयर को शामिल करने के बारे में सोचा और टीमों को टॉस के बाद टीम चुनने का मौका दिया जिससे कि सही एकादश का चयन हो सके।''
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