हार्दिक पांड्या को एमएस धोनी जैसा बनने की जरूरत नहीं... आखिर ये क्या बोल गए आकाश चोपड़ा
Aakash Chopra on Hardik Pandya: भारत के पूर्व क्रिकेटर और मशहूर कमेंटेटर आकाश चोपड़ा का कहना है कि हार्दिक पांड्या को एमएस धोनी जैसा बनने की कोई जरूरत नहीं है। आखिर आकाश ने यह हैरतअंगेज बात क्यों कही?
भारत ने वेस्टइंडीज के खिलाफ तीसरे टी20 में 7 विकेट से धमाकेदार जीत दर्ज की। सूर्यकुमार यादव (44 गेंदों में 83) और तिलक वर्मा (37 गेंदों में नाबाद 49) ने शानदार बल्लेबाज की। भारत ने 13 गेंद बाकी रहते मैच अपने नाम किया। कप्तान हार्दिक पांड्या (15 गेंदों में नाबाद 20) ने विजयी छक्का लगाया। हार्दिक के विजयी रन बनाने पर कई क्रिकेट फैंस उनकी कड़ी आलोचना कर रहे हैं क्योंकि तिलक फिफ्टी कंप्लीट करने से महज एक रन से चूक गए। अनेक फैंस ने हार्दिक को धोनी से सीख लेने की सलाह दी। दरअसल, धोनी ने टी20 वर्ल्ड कप 2014 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ सेमीफाइनल में स्ट्राइक पर होने के बावजूद विजयी रन नहीं बनाया था। धोनी ने 19वें ओवर की आखिरी गेंद को डिफेंड किया और कोहली को विनिंग शॉट खेलने का मौका दिया। कोहली ने उस मैच में नाबाद 72 रन की पारी खेली थी।
हालांकि, भारत के पूर्व बल्लेबाज और मशहूर कमेंटेटर आकाश चोपड़ा का मानना है कि हार्दिक ने तीसरे टी20 में विनिंग शॉट खेलकर कुछ भी गलत नहीं किया। उन्होंने कहा कि हार्दिक को धोनी जैसा बनने की जरूरत नहीं है। चोपड़ा ने चौथे टी20 से पहले शनिवार को अपने यूट्यूब चैनल पर कहा, ''हार्दिक पांड्या काफी ट्रोल हुए हैं। उनकी आलोचना हो रही है कि तिलक की फिफ्टी कंप्लीट नहीं होने दी। लेकिन इसपर अन्य विचार भी हैं कि क्यों इतना माइलस्टोन का शोर मचा रखा है। टी20 क्रिकेट में माइलस्टोन की क्या बात है। मुझे याद आता है कि धोनी ने एक बॉल को डिफेंस कर दिया था क्योंकि दूसरे छोर पर कोहली थे। वह चाह रहे थे कि कोहली मैच जिताएं। धोनी का मानना था कि कोहली का दिन है और वो ही लाइमलेट लें। वो धोनी हैं। हार्दिक को धोनी जैसा करने और बनने की कोई आवश्यकता नहीं है। भले ही वह धोनी को अपना आइडियल मानते हों तो भी उनकी तरह बनने की जरूरत नहीं है।''
पूर्व बल्लेबाज ने आगे कहा, ''मैं हार्दिक की कप्तानी को थोड़ा सा पढ़ने का प्रयास कर रहा हूं कि वह गेंदबाजों का कैसे इस्तेमाल करते हैं। वह छह गेंदबाजों के साथ उतरते हैं जोकि बहुत बढ़िया बात है। लेकिन 6 गेंदबाजों का इस्तेमाल कैसे? कभी तो अक्षर पटेल से बिलकुल बॉलिंग ना कराना। उन्हें वनडे में भी नहीं कराई और टी20 में भी नहीं कराई। फिर कराई तो इकट्ठे चार ओवर (तीसरे टी20 में) करवा देना। अक्षर पावरप्ले से शुरू करते हैं और 10 ओवर से पहले उनके ओवर समाप्त हो जाते हैं।''
चोपड़ा का कहा, ''उसके बाद मुकेश ओवर के ओवर ही ना कराना। मुकेश से पहले आप (हार्दिक) अपने तीन ओवर डाल दिए लेकिन मुकेश कुमार को एंड में 18वां और 20वां ओवर मिलता है। देखिए, इसमें गलत कुछ नहीं है। यहां कोई भी चीज ब्लैक और व्हाइट नहीं है। ग्रे शेड्स भी हैं। जो भी आप करना चाहते हैं कर सकते हैं। हर कप्तान की अपनी फिलॉसफी होती है। हम जैसे लोग जो बाहर से क्रिकेट को देखते तो हैं जो क्रिटिक होते हैं। क्रिटिक के लिए खेल की नब्ज और पैटर्न को समझना आसान होता है लेकन हार्दिक के साथ वो समझना लगभग नामुमकिन है। हार्दिक आज एक से कराएंगे तो कल किसी और से करा देंगे। जगह बदल जाती है।''
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