हरभजन सिंह बोले- रिंकू सिंह और यशस्वी जायसवाल को अभी मौका दो, नहीं तो...
हरभजन सिंह ने एक इंटरव्यू में कहा है कि रिंकू सिंह और यशस्वी जायसवाल को अभी मौका देना चाहिए, नहीं तो देर हो जाएगी। वे लंबे समय से इस स्तर पर क्रिकेट खेल रहे हैं और लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं।
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IPL 2023 में जिन दो युवा अनकैप्ड इंडियन प्लेयर्स ने जलवा बिखेरा हुआ है। उनमें एक नाम यशस्वी जायसवाल का है और दूसरा नाम रिंकू सिंह का है। उनके अलावा तिलक वर्मा जैसे खिलाड़ियों ने भी छाप छोड़ी है। एक ओपनर है, एक फिनिशर और एक मध्य क्रम का बल्लेबाज। तीन अपनी-अपनी विधा में सर्वगुण संपन्न लग रहे हैं। यही कारण है कि टीम इंडिया के पूर्व ऑफ स्पिनर हरभजन सिंह ने उनके सीधे टीम इंडिया में चुने जाने की मांग की है। उन्होंने अर्जुन तेंदुलकर की भी तारीफ की है, जिन्होंने इस सीजन में मुंबई इंडियंस के लिए डेब्यू किया था।
हरभजन सिंह ने हमारी सहयोगी वेबसाइट हिंदुस्तान टाइम्स से बात करते हुए कहा, "मेरा निश्चित तौर पर मानना है कि जब कोई अच्छा खेल रहा हो या अच्छा कर रहा हो तो उसे सिस्टम का हिस्सा होना चाहिए। मैं यह नहीं कह रहा हूं कि उन्हें सीधे अंतिम एकादश में शामिल किया जाए, लेकिन उन्हें टीम में रखा जाए, ताकि वह कुछ सीख सकें और बेहतर हो सकें। मुझे लगता है कि रिंकू और यशस्वी के लिए खिलाड़ियों के करीबी समूह में रहने का शायद यह सही समय है। उन्हें 20 या 30 सदस्यीय ग्रुप का हिस्सा बनाएं। यशस्वी और रिंकू जैसी प्रतिभाओं के लिए यह धारणा भले ही जल्दबाजी लगे, लेकिन सच कहा जाए तो ऐसा नहीं है। वे पहले से ही इस स्तर पर खेल रहे हैं और अच्छा खेल रहे हैं। उन्हें अभी मौका दें, अन्यथा देर हो सकती है।"
रिंकू सिंह और यशस्वी जायसवाल के अलावा उन्होंने अर्जुन तेंदुलकर को लेकर भी बात की। उनका डेब्यू भले ही विकेटलेस रहा हो, लेकिन अगले मैच में सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाफ उन्होंने 20 रन डिफेंड किए थे। हालांकि, एक मैच में उन्होंने एक ओवर में 31 रन लुटा दिए थे। ऐसे में रोहित शर्मा ने उन्हें टीम से बाहर कर दिया। इस पर भज्जी बोले, "उसे अभी भी अपने कौशल में सुधार करने की जरूरत है। बेशक, सभी को समय लगता है। यहां तक कि 50 मैच खेलने वाले खिलाड़ी के भी सॉलिड प्लेयर बनने की गारंटी नहीं है। हर मैच के साथ वह काफी कुछ सीखेंगे।"
पूर्व क्रिकेटर ने आगे कहा, "हम सभी ने देखा कि एक महंगा 31 रन का ओवर गया। बड़े खिलाड़ियों का भी चला जाता है, लेकिन अच्छी बात यह है कि वह सीखेंगे। अगर वह नहीं खेले होते तो इस खेल की कड़वी सच्चाई को नहीं समझ पाते। अंत में, जब आप किसी दौड़ में भाग लेते हैं और पीछे रह जाते हैं, तभी आपको एहसास होता है कि आपको खुद पर और अधिक काम करने की आवश्यकता है। उन्हें पता होगा कि उन्हें किन क्षेत्रों में काम करने की जरूरत है और कैसे वापसी करनी है।"