सचिन तेंदुलकर के विकेट को याद करते हुए बोले सकलैन मुश्ताक- अल्लाह मेरे साथ था
भारत-पाकिस्तान के क्रिकेट मैचों का रोमांच अलग ही लेवल का होता है। इन दोनों टीमों ने मैदान पर अनेक यादगार पल दिए हैं। 1999 में चेन्नई टेस्ट में एक यादगार मुकाबला हुआ था। वसीम अकरम के नेतृत्व में रनों...
भारत-पाकिस्तान के क्रिकेट मैचों का रोमांच अलग ही लेवल का होता है। इन दोनों टीमों ने मैदान पर अनेक यादगार पल दिए हैं। 1999 में चेन्नई टेस्ट में एक यादगार मुकाबला हुआ था। वसीम अकरम के नेतृत्व में रनों का पीछा करते हुए टीम इंडिया पिछड़ गई थी। 272 रनों का पीछा करते हुए भारत ने 5 विकेट पर 81 रन बनाए थे, लेकिन सचिन तेंदुलकर की क्लसिक बल्लेबाजी ने एक बार फिर से जीत के द्वार खोल दिए थे। इस मैच में सचिन का विकेट पूर्व पाकिस्तानी स्पिन सकलैन मुश्ताक ने लिया था। सचिन के विकेट के किस्से को याद करते हुए मुश्ताक ने कहा कि उस दिन अल्लाह मेरे साथ था।
इस मैच में नयन मोंगिया ने 52 रन बनाकर सचिन का साथ दिया। भारत को जीत के लिए केवल 17 रनों की जरूरत थी। तभी सकलैन मुश्ताक ने सचिन को आउट कर दिया। सचिन ने 136 रन की पारी खेली। अंत में भारत 12 रन से हार गया। सकलैन ने स्पोर्ट्स स्टार को दिए एक इंटरव्यू में बताया, ''अल्लाह मेरे साथ था। मुझे नहीं लग रहा था कि मैं मास्टर ब्लास्टर को आउट कर सकूंगा, लेकिन खुदा की कुछ और ही योजना थी।''
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उन्होंने कहा, ''मैं सचिन को दूसरा नहीं फेंकना चाहता था। लेकिन अल्लाह ताला की बदौलत मैंने सचिन को आउट कर दिया। और इस तरह मेरा नाम उनके नाम के साथ जुड़ गया।'' मुश्ताक ने बताया कि वसीम अकरम ने कहा कि उन्हें मुझ पर पूरा भरोसा है और मैं ही कुछ जादू कर सकता हूं।
मुश्ताक ने आगे बताया, ''पिच स्लो थी, और खेलना मुश्किल था। लेकिन अल्लाह ताला की मेहरबानी से मैं सचिन तेंदुलकर को पवेलियन भेजने में सफल रहा।'' सकलैन मुश्ताक पाकिस्तान के लिए अंतिम मैच 2004 में खेले थे। उन्होंने भारत की मेजबानी की प्रशंसा करते हुए कहा, ''भारत दौरा हमेशा यादगार रहा। वहा के लोग शानदार मेजबानी करते हैं। आप शॉपिंग कर सकते हैं, रेस्टोरेंट में जा सकते हैं, हैदराबादी बिरयानी खा सकते हैं और लोग हमसे पैसा तक नहीं लेते।''
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उन्होंने कहा, ''लेकिन मैदान पर हम एक-दूसरे से हारना पसंद नहीं करते।'' भारत-पाक क्रिकेट रिश्तों पर उन्होंने कहा कि राजनीति तनाव के चलते क्रिकेटीय रिश्ते बहुत खराब हुए हैं। दोनों देश केवल आईसीसी टूर्नामेंट में एक-दूसरे के खिलाफ खेलते हैं। दिसंबर 2007 में दोनों आखिरी बार द्विपक्षीय सीरीज में खेले थे। हाल ही में वकार युनूस ने भी इस बात पर निराशा व्यक्त की थी कि आईसीसी भारत-पाक सीरीज की कोई योजना नहीं बनाता।
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