धोनी से तुलना होने पर ऋषभ पंत इतना रोए कि सांस भी लेना हो गया था मुश्किल, कहा- इतना दबाव था कि...
टीम इंडिया के विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत साल 2022 के अंत में कार एक्सिडेंट में बुरी तरह चोटिल हुए थे और इसके बाद से वह क्रिकेट के मैदान से दूर चल रहे हैं। पंत ने धोनी के साथ अपना रिश्ता बताया है।
इंडियन क्रिकेट टीम के स्टार विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत का साल 2022 के अंत में रोड एक्सिडेंट हो गया था, जिसके बाद उनकी अभी तक क्रिकेट के मैदान पर वापसी नहीं हो पाई है। ऋषभ पंत ने अपने एक्सिडेंट को लेकर पहली बार खुलकर बात की और बताया कि एक समय उन्होंने उम्मीद ही छोड़ दी थी। उन्होंने यहां तक कहा कि उन्हें लगा था कि दुनिया में उनका समय पूरा हो चुका है। स्टार स्पोर्ट्स के शो बिलीव पर ऋषभ पंत ने यह सारी बातें कहीं और साथ ही महेंद्र सिंह धोनी के साथ अपने रिश्ते पर भी खुलकर बात की। ऋषभ पंत और महेंद्र सिंह धोनी की ऑन द फील्ड और ऑफ द फील्ड केमेस्ट्री काफी अच्छी नजर आई है।
धोनी के साथ अपने रिश्ते को लेकर पंत ने कहा, 'मुझे हमेशा से यह मुश्किल लगा है कि महेंद्र सिंह धोनी के साथ मैं अपने रिश्ते को किस तरह एक्सप्लेन करूं। कुछ लोग ऐसे होते हैं, जिनके साथ आप कोई भी चर्चा कर सकते हैं। मैं एमएसडी के साथ हर तरह की बात करता हूं। मैंने उनसे काफी कुछ सीखा है। मैं उनके साथ ऐसी बातें करता हूं जो मैं और किसी के साथ नहीं कर सकता हूं। मेरा उनके साथ ऐसा कुछ रिश्ता है।'
पंत ने कहा कि जब वह टीम में आए तो धोनी और युवराज सिंह जैसे सीनियर खिलाड़ियों ने उन्हें काफी सपोर्ट किया। पंत ने कहा, 'शुरुआत में मैं काफी ज्यादा यंग था और टीम में काफी ज्यादा सीनियर खिलाड़ी थे। एमएस धोनी, युवराज सिंह टीम में थे। कुछ समय लगता है, लेकिन मुझे कभी लगा ही नहीं कि वे मेरे सुपर सीनियर हैं। उन्होंने मेरा अच्छे से स्वागत किया था और मुझे टीम में सहज किया था। वे सभी नए खिलाड़ियों को काफी सहज महसूस कराते थे। मुझे लगता है कि टीम इंडिया का कल्चर ही यही है।'
पंत को करियर की शुरुआत में काफी आलोचनाओं को सामना करना पड़ा था कि वह विकेटकीपर के तौर पर धोनी को रिप्लेस करने आए हैं। इस पर पंत ने कहा, 'मुझे पहले तो यही समझ नहीं आता कि इस तरह के सवाल खड़े ही क्यों हुए थे। मैं बस टीम में पहुंचा था और लोग रिप्लेसमेंट होने की बातें कहने लगे थे। किसी युवा खिलाड़ी को लेकर इस तरह के सवाल खड़े ही क्यों होते हैं? आप तुलना क्यों कर रहे हो? इसमें कोई तुलना होनी ही नहीं चाहिए। किसी खिलाड़ी ने पांच मैच खेले हैं और दूसरे ने 500 मैच खेले हैं, यह काफी लंबी जर्नी है, तो काफी सारे उतार-चढ़ाव देखे हैं। तो ऐसे में तुलना नहीं होनी चाहिए। 20-21 साल की उम्र में मैं अपने कमरे में जाता था और खूब रोता था, मैं इतने स्ट्रेस में रहता था कि सांस भी नहीं ले पाता था, काफी ज्यादा दबाव था और समझ नहीं आता था क्या करूं। मैंने मोहाली में स्टंपिंग मिस की थी और लोग धोनी-धोनी चिल्लाने लगे थे।'
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