'खाली हाथ आए थे और खाली हाथ जाना है', संन्यास के बाद क्रिकेट के मैदान को मिस करेंगे शिखर धवन?, बताई दिल की बात
- शिखर धवन ने संन्यास लेने के बाद अपने पहले इंटरव्यू में कहा है कि वह लोगों के दिलों में बसे हुए हैं। उनका मानना है कि क्रिकेट छोड़ने से उनका फेम कम नहीं होगा बल्कि बढ़ सकता है। वह रील्स के जरिए लोगों का मनोरंजन करते रहेंगे, जोकि उनका शौक है।
भारत के अनुभवी सलामी बल्लेबाज शिखर धवन ने क्रिकेट के सभी फॉर्मेट से संन्यास की घोषणा की है। शिखर धवन ने शनिवार को सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट कर अपने संन्यास का ऐलान किया। धवन ने भारत के लिए 34 टेस्ट, 167 वनडे और 68 टी20 मैच खेले। संन्यास का ऐलान करने के बाद अपने पहले इंटरव्यू में शिखर धवन ने कहा है कि उनके संन्यास लेने के बाद भी लोगों का प्यार कम नहीं होगा बल्कि और बढ़ सकता है।
शिखर धवन ने हिंदुस्तान टाइम्स से खास बातचीत में कहा है कि वह लोगों के दिलों में बसे हैं और संन्यास के बाद वह सोशल मीडिया के जरिए अपने फैंस का मंनोरजन करते हुए नजर आएंगे। धवन से जब पूछा गया कि वह अब इंटरनेशनल लेवल पर खेलने नहीं उतरेंगे और मैदान के अंदर जो फेम और प्यार उन्हें मिला है, वो अब हट जाएगा, इसके बारे में क्या महसूस करते हैं? इस पर धवन ने कहा, ''नहीं, ये मैंने नहीं सोचा कि हट जाएगा। जरूरी नहीं कि मैंने क्रिकेट छोड़ा तो फेम कम हो जाएगा, बढ़ भी सकता है। लोगों का प्यार है और सबके दिलों में बसा हुआ हूं।''
उन्होंने आगे कहा, ''क्रिकेट के अलावा सोशल मीडिया और रील्स के द्वारा भी मैं लोगों को हंसाता हूं और मुझे खुशी है जब मैं अपने रील्स के द्वारा लोगों को हंसाता हूं। जो मेरे अंदर का एक बच्चा है या मेरे शौक हैं, ऐसे वीडियो बनाना। इसके द्वारा मैं अपने फैंस को हंसाता हूं और मुझे खुशी मिलती है। इससे मैं उनसे जुड़ा रहता हूं। अध्यात्म की बातें भी सुनता रहता हूं तो उसमें कहते हैं कि तुमने क्या खोया है, वो तो सिर्फ तुम्हारे दिमाग में है। खाली हाथ आए थे और खाली हाथ जाना है।''
शिखर धवन ने एक्स पर लिखा, ''मैं अपनी क्रिकेट यात्रा का यह अध्याय समाप्त कर रहा हूं लेकिन मेरे साथ अनगिनत यादें हैं और मैं बहुत आभारी हूं। प्यार और समर्थन के लिए धन्यवाद। जय हिंद।'' उन्होंने कहा, ''जीवन में आगे बढ़ने के लिए पन्ने पलटना जरूरी है और इसलिए मैं अंतरराष्ट्रीय और घरेलू क्रिकेट से संन्यास की घोषणा कर रहा हूं। मैं अपने दिल में इस सुकून के साथ संन्यास ले रहा हूं कि मैंने भारत के लिए इतने लंबे समय तक क्रिकेट खेला।''
धवन (38) ने कहा कि उन्होंने 2010 में विशाखापत्तनम में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एकदिवसीय मैच से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण करने के बाद से सभी तीन प्रारूपों में राष्ट्रीय टीम का प्रतिनिधित्व किया है और वह एक संतुष्ट व्यक्ति के रूप में संन्यास ले रहे हैं।
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