Hindi Newsक्रिकेट न्यूज़Rahul Dravid explained the difference between T20 World Cup 2024 Final and World Cup 2023 Final

राहुल द्रविड़ ने बताया 2023 वर्ल्ड कप और 2024 T20 वर्ल्ड कप फाइनल में क्या बदला था

आईसीसी टी20 वर्ल्ड कप 2023 फाइनल जब टीम इंडिया ने गंवाया था, तब हर एक भारतीय चैन से सो नहीं पाया था और जब 2024 टी20 वर्ल्ड कप फाइनल टीम इंडिया ने जीता था, तो कोई भी भारतीय खुशी के कारण रात भर सो नहीं पाया था।

Namita Shukla Thu, 22 Aug 2024 05:41 PM
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महान क्रिकेटर राहुल द्रविड़ मानते हैं कि कभी-कभी थोड़ी सी किस्मत भी बड़े मैच के नतीजों को बदल कर सकती है, जिसके लिए उन्होंने वनडे वर्ल्ड कप फाइनल में भारत को ऑस्ट्रेलिया से मिली दिल तोड़ने वाली हार और अपनी टीम की टी20 वर्ल्ड कप फाइनल में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ शानदार जीत का उदाहरण दिया। भारत पिछले साल लगातार 10 मैच में जीत के बाद वनडे वर्ल्ड कप फाइनल में पहुंचा था लेकिन टूर्नामेंट की बेस्ट टीम जब खिताबी मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया से भिड़ी तो उसके लिए कुछ भी सही नहीं हुआ। छह महीने बाद कप्तान रोहित शर्मा और द्रविड़ ने मिलकर अधूरी कसर पूरी की। टी20 वर्ल्ड कप फाइनल में मजबूत दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ किस्मत ने भारतीय टीम का साथ दिया।

द्रविड़ ने बुधवार को याद किया कि टीम के लिए 29 जून को बारबाडोस में हुए फाइनल में एक निश्चित प्रोसेस पर डटे रहना और भाग्य का साथ देने की उम्मीद रखना कितना अहम था। द्रविड़ को ‘सीएट क्रिकेट रेटिंग अवॉर्ड्स’ के दौरान ‘लाइफ टाइम अचीवमेंट’ अवॉर्ड से सम्मानित किया गया। उन्होंने कहा, ‘मुझे इस पर सोचने का टाइम मिला। मुझे उन बहुत सी चीजों को सोचने का टाइम मिला जो हमने की। आपको कभी-कभी अहसास होता है कि आपको इनमें से बहुत सी चीजें करनी होती हैं, आपको प्रोसेस का पालन करना होता है, आपको सब कुछ सही करना होता है।’ द्रविड़ ने कहा, ‘कभी-कभी आपको थोड़े भाग्य की जरूरत होती है। टी20 वर्ल्ड कप फाइनल में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 30 गेंद फेंकी जानी थी और 30 रन बनाने थे। तब रोहित के बेहतरीन तरीके से स्ट्रैटजी बनाए रखने और साथ ही साथ धैर्य बनाए रखने की बात थी।’

उन्होंने डेविड मिलर को आउट करने के लिए सूर्यकुमार यादव के कैच का जिक्र किए बिना कहा, ‘हमने इस बात पर ध्यान नहीं दिया कि हमें क्या करना है, लेकिन हमें एक ऐसे खिलाड़ी की जरूरत थी जो एक निश्चित सीमा के अंदर ऐसा कर सके। कभी यह कौशल होता है।’ इस कैच ने मैच का पक्ष भारत की ओर कर दिया था।

‘ट्रैविस हेड को मिला था किस्मत का साथ’

द्रविड़ ने फिर याद किया कि भारत वनडे वर्ल्ड कप फाइनल में ट्रैविस हेड को आउट करने के करीब था लेकिन यह सलामी बल्लेबाज भाग्यशाली रहा और उसने मैच विनिंग सेंचुरी लगाई और भारत की उम्मीदों को तोड़ दिया। उन्होंने कहा, ‘कभी चीजें आपके अनुकूल हो सकती हैं, लेकिन आपको प्रोसेस पर टिके रहना चाहिए।’ भारत की टी20 वर्ल्ड कप जीत के बाद द्रविड़ ने भारत के कोच के रूप में संन्यास ले लिया। भारत की ‘बेंच स्ट्रेंथ’ और लगातार शानदार खिलाड़ी तैयार करने की काबिलियत की तारीफ करते हुए द्रविड़ ने कहा कि खिलाड़ियों की अगली पीढ़ी ने ‘फैब फाइव’ की विरासत को सफलतापूर्वक आगे बढ़ाया है।

‘हमारी विरासत को अच्छे से आगे बढ़ाया’

द्रविड़ खुद सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली, वीरेंद्र सहवाग और वीवीएस लक्ष्मण के साथ ‘फैब फाइव’ का हिस्सा थे जिसने दुनिया भर के क्रिकेट फैन्स को अपना मुरीद बनाया हुआ था। उन्होंने कहा, ‘मैंने 2011-2012 में क्रिकेट छोड़ा था। ये खिलाड़ी इस विरासत को आगे बढ़ाने में सक्षम रहे हैं। अगर आप पिछले 12 साल में खेल के तीनों फॉर्मेट में मिली सफलता को देखें तो हमारे जाने के बाद का समय अभूतपूर्व रहा है।’

‘भारत का भविष्य भी शानदार’

उन्होंने कहा, ‘बहुत आसानी से और स्पष्ट रूप से हम बहुत सारी रैंकिंग में हमेशा पहले या दूसरे नंबर पर रहते हैं। जिस तरह का क्रिकेट हम खेलते हैं और खिलाड़ियों के कौशल को देखते हुए विदेशों में जाकर जीत दर्ज करना शानदार है।’ द्रविड़ ने उम्मीद जताई कि टीम इंडिया आने वाले सालों में सफलता हासिल करती रहेगी। उन्होंने कहा, ‘मुझे इसमें कोई शक नहीं है कि रोहित और सूर्यकुमार जैसे खिलाड़ियों की अगुवाई में और खेल के सभी फॉर्मेट में आने वाले खिलाड़ियों की यह पीढ़ी भविष्य में भी ऐसा ही करती रहेगी।’ द्रविड़ ने कहा कि भारतीय क्रिकेटर अब निडर और आत्मविश्वासी हैं, उनके पास अपने कौशल को आगे बढ़ाने के लिए विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचा भी है।

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