सबसे जरूरी पाकिस्तान की इज्जत... झुकने के मूड में नहीं है PCB चीफ मोहसिन नकवी, हाइब्रिड मॉडल को ठुकराया
- पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के चेयरमैन मोहसिन नकवी ने कहा है कि आगामी चैंपियंस ट्रॉफी को लेकर जो भी फैसला लिया जाएगा, वो आगे भी लागू रहेगा। उन्होंने कहा कि हाइब्रिड मॉडल पर चैंपियंस ट्रॉफी आयोजित नहीं होगी।
चैंपियंस ट्राफी को लेकर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद के तमाम प्रयासों के बावजूद आयोजन स्थलों के हाइब्रिड मॉडल को लेकर शनिवार को भी आम सहमति नहीं बन सकी है। बीसीसीआई के सूत्रों के मुताबिक आईसीसी की ऑनलाइन बैठक भी बेनतीजा खत्म हुयी है। हालांकि माना जा रहा है पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के चेयरमैन मोहसिन नकवी टूर्नामेंट की मेजबानी के लिए 'हाइब्रिड मॉडल' को स्वीकार करने को तैयार हैं। टूर्नामेंट फरवरी-मार्च में होना है और भारत ने सुरक्षा चिंताओं का हवाला देते हुए पाकिस्तान जाने से इनकार कर दिया है।
पीसीबी ने आईसीसी से कहा है कि वह चैंपियंस ट्रॉफी की मेजबानी के लिए ‘हाइब्रिड मॉडल’ पर आयोजन के लिए तैयार है लेकिन विश्व संस्था को 2031 तक भारत में होने वाले टूर्नामेंट के लिए भी यही व्यवस्था अपनाने की अनुमति देनी होगी।
नकवी ने पत्रकारों से कहा, ‘‘मैं इस पर ज्यादा टिप्पणी नहीं करना चाहता क्योंकि इससे चीजें बिगड़ सकती हैं। हमने अपना दृष्टिकोण (आईसीसी को) बता दिया है, भारतीयों ने भी अपना दृष्टिकोण बता दिया है। प्रयास यह सुनिश्चित करना है कि सभी के लिए फायदा हो।''
उन्होंने कहा, ‘‘क्रिकेट को जीतना चाहिए, यह सबसे महत्वपूर्ण है। लेकिन सभी के सम्मान के साथ। हम वही करेंगे जो क्रिकेट के लिए सबसे अच्छा होगा। हम जो भी फॉर्मूला अपनाएंगे, वह समान शर्तों पर होगा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘पाकिस्तान का गौरव सबसे महत्वपूर्ण है। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि क्रिकेट जीते लेकिन पाकिस्तान का गौरव भी बरकरार रहे। ’’ पीसीबी ने पहले टूर्नामेंट के बहिष्कार की धमकी दी थी जिससे यह प्रस्ताव थोड़ा नरमी भरा है। उसने कहा था कि अगर उसे मेजबानी के पूर्ण अधिकार नहीं दिये गये और भारत की तटस्थ स्थल की मांग स्वीकार कर ली गई तो वह टूर्नामेंट का बहिष्कार करेगा।
जब उनसे पूछा गया कि क्या पाकिस्तान अब इस व्यवस्था के लिए राजी हो गया है तो नकवी ने जवाब दिया, ‘‘देखते हैं क्या होता है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मेरा प्रयास यह सुनिश्चित करना है कि कोई एकतरफा व्यवस्था नहीं हो। ऐसा नहीं होना चाहिए कि हम भारत जाएं और वे हमारे देश में नहीं आएं। विचार यह है कि इसे हमेशा के लिए समान शर्तों पर सुलझा लिया जाए। ’’
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