जय शाह का सफरनामा: 15 साल में बने क्रिकेट जगत के टॉप बॉस, जिला स्तर से की थी शुरुआत
- जय शाह ने जिले स्तर से उठकर वैश्विक स्तर पर परचम लहराया है। वे 15 साल से प्रशासनिक अधिकारी के तौर पर कार्य कर रहे हैं और अब वे आईसीसी के चेयरमैन बने हैं। उनके सामने कोई अन्य शख्स वोटिंग के लिए खड़ा ही नहीं हुआ है।
जय शाह ने छोटी सी उम्र में बड़ी उपलब्धि हासिल की है। वे इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल यानी आईसीसी के सबसे कम उम्र के चेयरमैन बने हैं। उनका कार्यकाल एक दिसंबर से शुरू होगा। आपको जानकर हैरानी होगी कि 35 साल के जय शाह के आगे आईसीसी के बॉस बनने के उनके रास्ते में कोई नहीं आया। वे निर्विरोध आईसीसी के चेयरमैन चुने गए। भले ही उन पर आरोप लगते हैं कि वे भारत के मौजूदा गृह मंत्री अमित शाह के बेटे हैं, लेकिन ये बात भी नहीं भूलनी चाहिए कि उन्होंने एक प्रशासनिक अधिकारी के तौर पर हमेशा क्रिकेट की भलाई के लिए काम किया है। वे जिला स्तर से आज वैश्विक स्तर तक अपने काम की वजह से ही पहुंचे हैं। उनके इस सुनहरे सफर के बारे में जान लीजिए।
35 साल के जय शाह को निर्विरोध अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) के अध्यक्ष चुने गए और वह इस पद पर पहुंचने वाले सबसे युवा हैं। जय शाह इस समय बीसीसीआई के सचिव हैं और इस पद पर रहते जिन लोगों ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) में उनकी कार्यशैली देखी है वे उनके इस स्तर पर पहुंचने से हैरान नहीं हैं। वे एकाएक इस पद पर नहीं पहुंचे, बल्कि उनको यहां पहुंचने में 15 साल लगे हैं। 2009 से ही वे प्रसाशनकि अधिकारी के तौर पर क्रिकेट से जुड़े संघ, बोर्ड या परिषद में रहे हैं और अपने काम के दम पर वे आगे बढ़ते रहे हैं।
जिले से वैश्विक स्तर पर पहुंचे
जय शाह का क्रिकेट प्रशासन में औपचारिक प्रवेश साल 2009 में हुआ था, उस समय उनकी उम्र महज 20 साल थी। उन्होंने केंद्रीय क्रिकेट बोर्ड अहमदाबाद (सीबीसीए) के साथ जिला स्तर पर काम करना शुरू किया। इसके बाद वह गुजरात क्रिकेट संघ (जीसीए) के कार्यकारी के रूप में राज्य स्तरीय प्रशासन में चले गए और अंततः 2013 में इसके संयुक्त सचिव बने। वह अहमदाबाद में दुनिया के सबसे बड़े क्रिकेट स्टेडियम, नरेंद्र मोदी स्टेडियम के निर्माण में एक प्रमुख व्यक्ति थे।
अगले कुछ वर्षों में उनके तमाम महत्वपूर्ण योगदानों के कारण उनको 2019 में सबसे कम उम्र के BCCI सचिव के रूप में चुना गया। 2019 में ही जय शाह को ICC की भावी मुख्य कार्यकारी समिति (CEC) बैठकों के लिए BCCI के प्रतिनिधि के रूप में चुना गया था। बीसीसीआई में बड़ी पोस्ट और आईसीसी में भारत का प्रतिनिधि बनने के बाद 2021 में जय शाह को एशियन क्रिकेट काउंसिल यानी एसीसी का चेयरमैन नियुक्त किया गया। 2022 में वे ICC के बोर्ड के सदस्य भी बन गए। 2024 की शुरुआत में जय शाह को फिर से एसीसीसी चेयरमैन चुना गया। ACC अध्यक्ष के रूप में फिर से नियुक्त होने वाले वे सबसे कम उम्र के प्रशासक भी बने।
एशियाई क्रिकेट को आगे बढ़ाया
ACC की पहुंच बढ़ाने से लेकर नए टूर्नामेंट शुरू करने और युवा प्रतिभाओं को निखारने में जय शाह का अहम योगदान है। 2022 में जय शाह ने ICC की ओर कूच किया और वे वित्त और वाणिज्यिक मामलों की (F&CA) समिति के प्रमुख भी बन गए। उन्होंने राष्ट्रमंडल खेलों जैसे अंतरराष्ट्रीय आयोजनों में क्रिकेट को शामिल करने की वकालत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। जय शाह के कार्यकाल में ही इंडियन प्रीमियर लीग यानी आईपीएल ने नई ऊंचाइयों को छूआ। आईपीएल के मीडिया राइट्स 2022 में पांच साल के लिए 48,390 करोड़ रुपये में बेचे गए थे।
पिछले कुछ वर्षों में विभिन्न भूमिकाओं में रहकर जय शाह ने खेल को आगे बढ़ान में अहम भूमिका निभाई और उनकी इसी अनूठी दूरदर्शिता ने वैश्विक स्तर पर उनका नाम बनाया और वे अब ICC के चेयरमैन होंगे। ये उनके लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, क्योंकि अभी तक सिर्फ चार ही ऐसे शख्स रहे हैं, जो आईसीसी के बॉस रहे हैं। उनमें जगमोहन डालमिया, एन श्रीनिवासन, शरद पवार और शशांक मनोहर का नाम शामिल है।
आईपीएल और WPL ने रचा इतिहास
जब कोई शाह के पांच साल के कार्यकाल को देखता है तो उन्हें दो साल (2020 और 2021) के लिए बहुत ही चुनौतीपूर्ण दौर से गुजरना पड़ा, जब कोविड-19 ने दुनिया को हिलाकर रख दिया और सब कुछ थम गया। आईपीएल के दौरान बायो-बबल के निर्माण की देखरेख करना, उन बबल के भीतर चिकित्सा टीम बनाकर कोविड पॉजिटिव मामलों को संभालना और टूर्नामेंटों का पूर्ण आयोजन सुनिश्चित करना उन बाधाओं में शामिल था, जिसे उन्होंने पार किया।
उनकी सबसे बड़ी उपलब्धि महिला प्रीमियर लीग (डब्ल्यूपीएल) की शुरुआत करना भी रहा। उनकी अगुआई में डब्ल्यूपीएल के लगातार दो सफल सत्र का आयोजन हुआ और सोने पर सुहागा यह रहा कि महिला टी20 क्रिकेट में यह लीग सबसे अधिक राशि के अनुबंध दे रही है। उनके पूर्ववर्तियों ने महिला क्रिकेट के इस पहलू को नजरअंदाज किया। इतना ही नहीं, भारतीय महिला क्रिकेट टीम को समान मैच फीस (प्रति टेस्ट 15 लाख रुपये, प्रति वनडे आठ लाख रुपये और एकादश में शामिल खिलाड़ियों के लिए प्रति टी20 मैच चार लाख रुपये) देकर समानता सुनिश्चित करने का उनका निर्णय सही दिशा में उठाया गया कदम था।
टेस्ट क्रिकेट को प्रोत्साहन
इसके अलावा एक और नीतिगत निर्णय जय शाह का टेस्ट क्रिकेट को प्रोत्साहन देना रहा। भारत इस साल 10 टेस्ट मैच का सत्र खेलेगा और अगर रोहित शर्मा तथा विराट कोहली सभी मैच खेलते हैं तो उन्हें छह करोड़ रुपये (प्रति मैच 60 लाख रुपये जिसमें 45 लाख रुपये प्रोत्साहन राशि शामिल है) की मैच फीस मिलेगी। यह उनके ए प्लस के केंद्रीय रिटेनरशिप अनुबंध से मात्र एक करोड़ रुपये कम है। जय शाह की एक और बड़ी उपलब्धि नए एनसीए (नेशनल क्रिकेट एकेडमी) का निर्माण है जो एक हाई परफॉर्मेंस सेंटर है, जहां घरेलू सत्र के दौरान एक ही स्थल पर कई प्रथम श्रेणी मैचों का आयोजन किया जा सकता है।
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