गौतम गंभीर की एक लाइन ने बदल दी वरुण चक्रवर्ती की जिंदगी, वापसी से पहले कहा था कि…
टीम इंडिया के मिस्ट्री स्पिनर वरुण चक्रवर्ती ने बताया कि किस तरह से गौतम गंभीर ने उनकी वापसी में अहम रोल निभाया और उनकी एक बात ने चक्रवर्ती के लिए इंटरनेशनल क्रिकेट में वापसी आसान कर दी।
टीम इंडिया के मिस्ट्री स्पिनर वरुण चक्रवर्ती ने साउथ अफ्रीका के खिलाफ चार मैचों की सीरीज के दूसरे टी20 इंटरनेशनल मैच में पांच विकेट चटकाए। उनकी गेंदबाजी के दम पर टीम इंडिया ने मैच में दमदार वापसी की थी, हालांकि अंत में भारतीय टीम को सात विकेट से हार का सामना करना पड़ा और सीरीज 1-1 की बराबरी पर आ गई है। वरुण ने कहा कि घरेलू क्रिकेट में खेलने और हेड कोच गौतम गंभीर की भूमिका को लेकर स्पष्टता से उन्हें तीन साल बाद इंटरनेशनल क्रिकेट में सफल वापसी करने में मदद मिली।
33 साल के वरुण चक्रवर्ती ने मैच के बाद कहा, ‘निश्चित रूप से पिछले तीन साल काफी कठिन रहे। मैंने इस बीच अधिक से अधिक क्रिकेट खेली। मैंने घरेलू लीग में भी खेलना शुरू किया और इससे निश्चित तौर पर मुझे अपना खेल समझने में मदद मिली।’ वरुण इस साल आईपीएल चैंपियन बनने वाली कोलकाता नाइट राइडर्स की टीम का हिस्सा थे। हाल में भारत के हेड कोच का पद संभालने वाले गंभीर भी तब इस फ्रेंचाइजी टीम से जुड़े हुए थे।
नैशनल टीम में वापसी के बारे में चक्रवर्ती ने कहा कि इसमें गंभीर की भूमिका अहम रही। उन्होंने कहा, ‘हां हम बांग्लादेश के खिलाफ सीरीज में खेल रहे थे और वह टीम के कोच थे। हमने निश्चित तौर पर काफी बातचीत की और उन्होंने मेरी भूमिका को लेकर काफी स्पष्टता दी।’ वरुण ने कहा, ‘उन्होंने मुझसे कहा कि अगर मैं 30-40 रन भी लुटा देता हूं तो कोई बात नहीं। आपको केवल विकेट लेने पर फोकस करना है और टीम में आपकी भूमिका यही है। इस तरह की स्पष्टता से मुझे निश्चित तौर पर वापसी करने में मदद मिली।’ भारत दूसरे मैच में दक्षिण अफ्रीका के सामने 125 रन का लक्ष्य ही रख पाया लेकिन वरुण की शानदार गेंदबाजी से भारत ने अच्छी वापसी की लेकिन ट्रिस्टन स्टब्स (47) और गेराल्ड कोएट्जी (19) ने अटूट साझेदारी निभाकर अपनी टीम को जीत दिला दी।
वरुण ने कहा, ‘ब्रेक के दौरान कप्तान सूर्यकुमार यादव ने कहा कि हमें रिजल्ट के बारे में नहीं सोचना है और अपना बेस्ट करना है। हमने ऐसा किया और हम जीत के करीब भी पहुंच गए थे।’ उन्होंने कहा, ‘जब आप छोटे लक्ष्य का बचाव करने के लिए उतरते हैं तो आपकी मानसिकता आक्रामक होती है। हम विकेट लेकर ही मैच जीत सकते थे। हम अगले दो मैच में भी इसी मानसिकता के साथ खेलेंगे क्योंकि अब यह मैच हमारे लिए करो या मरो जैसे बन गए हैं।।’
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