Hindi Newsक्रिकेट न्यूज़IND vs NZ Jasprit Bumrah is missing Mohammed Shami Limited bowling options in Team India a matter of Concern

जसप्रीत बुमराह को खल रही शमी की कमी, आखिर भारतीय टीम में कैसे बढ़ेगी ये मारक क्षमता?

  • भारतीय टीम के पास गेंदबाजी में सीमित विकल्प चिंता का विषय है। ऐसे में जसप्रीत बुमराह को मोहम्मद शमी की कमी खल रही है। शमी चोटिल होने के कारण टीम से बाहर चल रहे हैं।

Md.Akram भाषाSun, 27 Oct 2024 07:41 PM
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न्यूजीलैंड के खिलाफ पहले दो टेस्ट मैच में हार के बाद भारत का अगले साल जून में होने वाले विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (डब्ल्यूटीसी) के फाइनल में जगह बनाना अधर में लटक गया है और अगर वह लगातार तीसरी बार इसमें सफल भी रहता है तो डब्ल्यूटीसी के अगले दो साल के चक्र के लिए कप्तान रोहित शर्मा का टीम में बने रहना मुश्किल लगता है। यही बात रविचंद्रन अश्विन, रविंद्र जडेजा और विराट कोहली पर भी लागू होती है। अश्विन तब 41 साल जबकि जडेजा और कोहली 39 साल के हो जाएंगे।

सीनियर प्लेयर्स पर उठने लगी उंगलियां

न्यूजीलैंड के हाथों शर्मनाक हार के बाद कुछ सीनियर खिलाड़ियों पर उंगलियां उठने लगी हैं। ऐसे में पूर्व भारतीय कोच रवि शास्त्री ने वर्तमान कोच गौतम गंभीर के प्रति सहानुभूति जताई। शास्त्री ने पुणे में दूसरे टेस्ट मैच के दौरान कमेंट्री करते हुए कहा,‘‘ न्यूजीलैंड ने उन्हें (भारत को) दोनों टेस्ट मैचों में शानदार तरीके से हराया है। यह सोचनीय विषय है। उन्होंने (गंभीर ने) अभी-अभी कार्यभार संभाला है। ऐसी टीम का कोच बनना कभी आसान नहीं होता जिसके इतने अधिक चाहने वाले हों।’’

भारत के पास गेंदबाजी में सीमित विकल्प

उन्होंने कहा, ‘‘यह कोच के रूप में उनके करियर के शुरुआती दिन हैं, लेकिन वह जल्द ही सीख जाएंगे।’’ इसमें कोई संदेह नहीं कि भारत परिवर्तन के मुश्किल दौर से गुजरने वाला है। कम से कम चार विश्व स्तरीय क्रिकेटर अगले दो साल में खेल को अलविदा कह देंगे और ऐसे में गंभीर कोच के रूप में अविश्वसनीय स्थिति में हैं। भारत के पास बल्लेबाजी में कई विकल्प हैं लेकिन गेंदबाजी के मामले में ऐसा नहीं कहा जा सकता।

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मोहम्मद शमी जैसी मारक क्षमता नहीं

अभी चोटिल होने के कारण टीम से बाहर चल रहे मोहम्मद शमी अगर वापसी भी करते हैं तो वह लंबे समय तक टीम में नहीं बने रह पाएंगे। आकाशदीप और मोहम्मद सिराज अच्छे गेंदबाज हैं लेकिन जब दूसरे छोर से जसप्रीत बुमराह गेंदबाजी कर रहे हों तब इन दोनों तेज गेंदबाजों के पास शमी जैसी मारक क्षमता नहीं दिखाई देती। इसके बाद जो तेज गेंदबाज अगली पंक्ति में खड़े हैं उनके साथ भी कुछ ना कुछ समस्या है। आवेश खान और खलील अहमद अच्छे तेज गेंदबाज हैं लेकिन निरंतरता और फिटनेस उनकी बड़ी समस्या है।

तेज गेंदबाजी ऑलराउंडर की समस्या

नवदीप सैनी की गति धीमी पड़ गई है जबकि उमरान मलिक लगता है कि अपनी राह से भटक गए हैं। मुकेश कुमार, विशाक विजयकुमार, विदवथ कावेरप्पा के पास उस तरह की गति नहीं है जो बल्लेबाजों के मन में संदेह पैदा कर पाए। मयंक यादव को अगर लंबे प्रारूप में खेलना है तो उन्हें अपनी फिटनेस पर बहुत ध्यान देना होगा। दूसरी समस्या ऐसे ऑलराउंडर की है जो तेज गेंदबाजी भी करता हो। हार्दिक पांड्या 30 साल के हैं और लंबी अवधि का प्रारूप उनकी प्राथमिकता है इस पर संदेह है।

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अश्विन और जडेजा की भी कमी खलेगी

भारत ने ऑस्ट्रेलिया दौरे के लिए नीतीश कुमार रेड्डी को टीम में चुना है लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि कोई विकल्प नहीं होने के कारण वह टीम का हिस्सा बने हैं। भारत को आने वाले वर्षों में स्पिन विभाग में अश्विन और जडेजा की भी कमी खलेगी। भारतीय टीम के पास उनके विकल्प के रूप में अक्षर पटेल और वाशिंगटन सुंदर हैं लेकिन यह दोनों उनकी तरह दोनों विभाग में अपनी छाप छोड़ पाएंगे या नहीं यह भविष्य के गर्त में छिपा है।

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