मैं एमएस धोनी से बात नहीं करता और इस बात को 10 साल हो चुके हैं…हरभजन सिंह ने किया बड़ा खुलासा
- हरभजन सिंह ने बड़ा दावा एमएस धोनी को लेकर किया है और कहा है कि उन्होंने 10 साल से धोनी से बात नहीं की। अगर वे सीएसके में खेले भी तो सिर्फ मैदान तक ही दोनों की बात होती थी। हालांकि, कोई कारण इसका उन्होंने नहीं बताया।
एक समय पर कप्तान एमएस धोनी के सबसे बड़े हथियार मैदान पर हरभजन सिंह थे। ऑफ स्पिनर हरभजन ने टीम इंडिया को तमाम मैच जिताए। वे लंबे समय तक धोनी की कप्तानी में खेले। 2007 का टी20 वर्ल्ड कप और 2011 का वनडे वर्ल्ड कप भज्जी और धोनी ने साथ में खेला। बाद में चेन्नई सुपर किंग्स में भी दोनों खिलाड़ी साथ में खेले। हालांकि, अब भज्जी ने एक बड़ा खुलासा किया है। हरभजन ने कहा है कि उनकी बात एमएस धोनी से पिछले 10 साल से नहीं हुई है। हालांकि, उन्होंने ये नहीं बताया कि इसके पीछे का कारण क्या है।
हालांकि, एक बात जरूर है कि वर्ल्ड कप 2011 के बाद से सचिन तेंदुलकर, वीरेंद्र सहवाग, जहीर खान, गौतम गंभीर, हरभजन सिंह और युवराज सिंह को ज्यादा मौके नहीं मिले। 2015 तक तो कई क्रिकेटरों ने रिटायरमेंट ले लिया था। बाद में भज्जी और युवराज बचे, लेकिन उनको मौका नहीं मिला। दोनों पंजाब के लिए साथ खेले हैं और कई बार ये बात उठी है कि दोनों को ही अच्छी तरह से ट्रीट नहीं किया गया। अब भज्जी ने बड़ा दावा एमएस धोनी के साथ अपनी बातचीत को लेकर किया है।
हरभजन सिंह ने न्यूज 18 से बात करते हुए कहा, "नहीं, मैं धोनी से बात नहीं करता। जब मैं CSK में खेलता था, तब हम बात करते थे, लेकिन इसके अलावा, हमने कभी बात नहीं की। इस बात को 10 साल से ज्यादा हो गए हैं। मेरे पास कोई कारण नहीं है; शायद वह करता हो। मुझे नहीं पता कि कारण क्या हैं। जब हम CSK में IPL में खेल रहे थे, तब हम बात करते थे और वह भी सिर्फ मैदान तक ही सीमित थी। उसके बाद, वह मेरे कमरे में नहीं आए, ना ही मैं उनके कमरे में गया।"
भज्जी ने आगे बताया कि वे इस समय युवराज सिंह और आशीष नेहरा से नियमित बात करते हैं। हरभजन ने धोनी को लेकर आगे बताया, "मेरे मन में उनके खिलाफ कुछ भी नहीं है। अगर उन्हें कुछ कहना है तो वह मुझे बता सकते हैं, लेकिन अगर उन्होंने कहा होता तो अब तक वह मुझे बता चुके होते। मैंने उन्हें कभी फोन करने की कोशिश नहीं की, क्योंकि मेरे अंदर बहुत जुनून है। मैं सिर्फ उन्हीं को फोन करता हूं जो मेरा फोन उठाते हैं। मेरे पास इसके अलावा समय नहीं है। मैं उन लोगों के संपर्क में रहता हूं, जो मेरे दोस्त हैं। एक रिश्ता हमेशा देने और लेने के बारे में होता है। अगर मैं तुम्हारा सम्मान करता हूं, तो मुझे उम्मीद है कि तुम भी मेरा सम्मान करोगे। या तुम मुझे जवाब दोगे, लेकिन अगर मैं तुम्हें एक या दो बार फोन करता हूं और कोई जवाब नहीं मिलता, तो शायद मैं तुमसे सिर्फ उतना ही मिलूंगा जितना मुझे मिलना जरूरी है।"
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