क्या विराट-रोहित की घटिया फॉर्म से टेंशन में हैं सुनील गावस्कर? कहा- कई बार लक आपका…
टीम इंडिया के कप्तान रोहित शर्मा और पूर्व कप्तान विराट कोहली दोनों ही आउट ऑफ फॉर्म चल रहे हैं और आलोचकों के निशाने पर हैं, इन दोनों के सपोर्ट में पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर उतरे हैं।
आईसीसी वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के पहले दो संस्करण में टीम इंडिया फाइनल तक पहुंची, लेकिन खिताब जीतने से चूक गई, इसके बाद 2023-25 वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल में पहुंचना भी टीम इंडिया का तय नजर आ रहा था, लेकिन न्यूजीलैंड के खिलाफ होम टेस्ट सीरीज में 0-3 से क्लीनस्वीप झेलने के बाद भारतीय टीम की उम्मीदों को गहरा झटका लगा है। न्यूजीलैंड के खिलाफ होम टेस्ट सीरीज में कप्तान रोहित शर्मा और पूर्व कप्तान विराट कोहली दोनों का ही बल्ला खामोश रहा। दोनों इन दिनों आलोचकों के निशाने पर हैं और दोनों की टेस्ट टीम में जगह को लेकर भी तमाम तरह की बातें चल रही हैं। इतना ही नहीं कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी दोनों के करियर के लिए बहुत अहम साबित हो सकती है, क्योंकि ऑस्ट्रेलिया में पांच मैचों की यह टेस्ट सीरीज दोनों का टेस्ट क्रिकेट में फ्यूचर तय करेगी। विराट कोहली और रोहित एक ओर जहां आलोचकों के निशाने पर हैं, वहीं उन्हें पूर्व क्रिकेटर सुनील गावस्कर का साथ मिला है। गावस्कर ने दोनों को डिफेंड किया है।
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इंडियन एक्सप्रेस को दिए इंटरव्यू में जब गावस्कर से पूछा गया कि क्या वह विराट और रोहित की फॉर्म को लेकर परेशान हैं, तो उन्होंने जवाब में कहा, ‘यहां तक कि बेस्ट से बेस्ट खिलाड़ियों को भी बुरे दौर से गुजरना पड़ता है। तीनों मैचों में ये पिचें बैटिंग के लिए आसान नहीं थीं। सिवाय, शायद, बेंगलुरु में दूसरी पारी को छोड़कर। कभी-कभी आपको थोड़ी किस्मत की जरूरत होती है... जैसे कि आप पहली गलती करते हैं और गेंद स्टंप के पास ही जाती है। कोई कैच छोड़ता है, करीबी एलबीडब्ल्यू आपके फेवर में जाता है। ये सब चीजें हो सकती हैं, लेकिन जब बुरे दौर से गुजरते हैं तो सब कुछ आपके खिलाफ हो जाता है। कोई शानदार कैच लेता है, आपको शानदार डिलीवरी मिलती है।’
गावस्कर ने आगे कहा, ‘मैं इस पर बहुत ज्यादा ध्यान नहीं दूंगा। लेकिन उन्होंने (ऑस्ट्रेलिया में) तीन दिवसीय प्रैक्टिस मैच रद्द कर दिया है। मैं सचमुच मानता हूं कि उन्हें एक वॉर्म-अप मैच खेलना चाहिए। टेस्ट मैचों के बीच के ब्रेक में, सच में प्रैक्टिस मैच होने चाहिए। जरूरी नहीं कि सीनियर खिलाड़ियों के लिए ही हो, लेकिन उन जूनियर खिलाड़ियों के लिए जो पहले कभी ऑस्ट्रेलिया में नहीं खेले हैं। यशस्वी जयसवाल, सरफराज खान, ध्रुव जुरेल, इन सभी युवा बल्लेबाजों के लिए। यहां तक कि ऑस्ट्रेलिया ए टीम या क्वींसलैंड जैसी स्टेट टीम के खिलाफ भी। जूनियर्स को ऑस्ट्रेलिया में उछाल और पिचों से अभ्यस्त होने का मौका दिया जाना चाहिए।’
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