शाकिब अल हसन को अभी तक नहीं मिली 4 महीने की बकाया सैलरी, बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड ने दिया ये तर्क
- बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड ने दिग्गज ऑलराउंडर शाकिब अल हसन के कॉन्ट्रैक्ट के आखिरी चार महीने का बकाया पैसा नहीं भेजा है। इसके पीछे बोर्ड ने तर्क दिया है कि शाकिब के अकाउंट्स को फ्रीज कर दिया गया था।

बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड यानी बीसीबी ने सोमवार 3 मार्च को अपनी टीम के खिलाड़ियों की सैलरी और मैच फीस को बढ़ाने का फैसला किया। हालांकि, उनके प्रमुख ऑलराउंडर शाकिब अल हसन को 2024 के अंतिम चार महीनों का वेतन अभी तक नहीं मिला है, जब वह राष्ट्रीय अनुबंध के तहत थे। बीसीबी अधिकारियों ने इस बात को स्वीकार किया है कि शाकिब को बकाया वेतन नहीं मिला, लेकिन इसके पीछे उन्होंने तर्क दिया कि उनके अकाउंट्स को फ्रीज कर दिया गया था। ऐसे में उन खातों में पैसा नहीं भेजा जा सका।
इस मुद्दे की जानकारी रखने एक अधिकारी ने क्रिकबज को बताया, "यह सच है कि उन्हें (शाकिब को) सितंबर, अक्टूबर, नवंबर और दिसंबर का वेतन अभी तक नहीं मिला है और इसका मुख्य कारण यह है कि उनका बैंक खाता फ्रीज हो गया है।" शाकिब को टैक्स को छोड़कर बीडीटी 48 लाख (यूएसडी 38400) यानी करीब 33 लाख रुपये मिलने की उम्मीद है। पिछले साल 12 फरवरी को हुई नौवीं बोर्ड मीटिंग के दौरान बीसीबी ने 2024 के लिए केंद्रीय संपर्क सूची की घोषणा की थी, जिसमें शाकिब अल हसन को सभी प्रारूपों का अनुबंध दिया गया।
सितंबर में भारत के खिलाफ कानपुर टेस्ट के दौरान टेस्ट और टी20 अंतरराष्ट्रीय मैचों से संन्यास की घोषणा करते हुए शाकिब ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ घरेलू मैदान पर अपना आखिरी टेस्ट खेलने की इच्छा जताई थी, लेकिन सुरक्षा कारणों से वे साउथ अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट मैच खेलने के लिए स्वदेश नहीं लौटे। भारत के खिलाफ टेस्ट सीरीज खेलते समय अशांति के दौरान हत्या के एक मामले में आरोपी बनाए गए शाकिब ने सीरीज खेलना जारी रखा, क्योंकि बीसीबी ने उन्हें दोषी साबित होने तक राष्ट्रीय टीम के लिए खेलने की अनुमति दी थी।
शाकिब ने राजनीति में शामिल होने की बड़ी कीमत चुकाई है। उनके बैंक अकाउंट्स भी फ्रीज कर दिए गए हैं। इसके अलावा उनको टेस्ट और टी20 से रिटायरमेंट के बाद वनडे के लिए कंसीडर नहीं किया गया, जबकि करियर के आखिरी पड़ाव पर उनको गेंदबाजी करने से रोका गया है, क्योंकि उनका बॉलिंग ऐक्शन संदिग्ध पाया गया है। वे टेस्ट दे चुके हैं, लेकिन उसमें पास नहीं हुए। हालांकि, बीसीबी अधिकारी ने माना है कि उनका पैसा करार के तहत दे दिया जाएगा।