ऐसी क्या मजबूरी कि इंटरनेशनल मैच में बैटिंग कोच को करनी पड़ी फील्डिंग?, क्या नियमों का हुआ उल्लंघन?
- साउथ अफ्रीका की व्हाइट बॉल टीम के बैटिंग कोच जेपी डुमिनी को इंटरनेशनल मैच में फील्डिंग के लिए उतरना पड़ा। वे पांच साल पहले संन्यास ले चुके हैं और इस समय टीम के कोचिंग स्टाफ का हिस्सा हैं, लेकिन वे फील्डिंग के लिए उतरे।
साउथ अफ्रीका और आयरलैंड के बीच तीन मैचों की वनडे इंटरनेशनल सीरीज खेली गई। इस सीरीज के आखिरी मुकाबले को आयरलैंड ने जीता, लेकिन सीरीज 2-1 से साउथ अफ्रीका ने जीती। इस सीरीज का आयोजन अबू धाबी में हुआ था। सीरीज के आखिरी मैच के दौरान कुछ अलग नजारा मैदान पर देखने को मिला, क्योंकि एक मजबूरी ऐसी फंस गई कि साउथ अफ्रीका की टीम के लिए टीम के बैटिंग कोच को फील्डिंग के लिए मैदान पर उतरना पड़ा। जी हां, इंटरनेशनल मैच में एक कोचिंग स्टाफ के सदस्य को फील्डिंग के लिए आना पड़ा। ऐसे में क्या नियमों का उल्लंघन हुआ है? इसके बारे में जान लीजिए।
दरअसल, साउथ अफ्रीका बनाम आयरलैंड तीसरे वनडे इंटरनेशनल मैच की पहली पारी के आखिरी ओवर में साउथ अफ्रीका की व्हाइट बॉल टीम के बैटिंग कोच जेपी डुमिनी मैदान पर नजर आए। इंटरनेशनल मैच में किसी सपोर्ट स्टाफ के सदस्य का फील्डिंग करना अपने आप में हैरानी वाली बात थी। हालांकि, ऐसा टीम को मजबूरी में करना पड़ा, लेकिन यहां नियमों का उल्लंघन नहीं हुआ है, क्योंकि आईसीसी के नियम कहते हैं कि अगर आपके पास अतिरिक्त फील्डिर की कमी है तो आप कोचिंग स्टाफ के सदस्य से भी इंटरनेशनल मैच में फील्डिंग करा सकते हैं। ऐसा ही जेपी डुमिनी ने भी किया।
साउथ अफ्रीका के लिए इस मैच में जेपी डुमिनी को फील्डिंग के लिए उतारना इसलिए मजबूरी बनी, क्योंकि पहले से ही उनके पास टीम में 13 प्लेयर थे। कुछ खिलाड़ी चोट के कारण तो कुछ खिलाड़ी टी20 लीग्स में खेलने के कारण टीम से रिलीज कर दिए गए थे। हालांकि, 13 खिलाड़ी भी साउथ अफ्रीका के लिए पर्याप्त इस वनडे मैच के लिए नहीं थे, क्योंकि अबू धाबी में बहुत गर्मी थी और ऐसे में थकान के कारण खिलाड़ी छोटे-छोटे ब्रेक ले रहे थे। आखिरी ओवर में तीन खिलाड़ी ड्रेसिंग रूम में चले गए। ऐसे में एक ओवर के लिए जेपी डुमिनी को फील्ड पर आने के लिए मजबूर होना पड़ा।
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