Hindi Newsक्रिकेट न्यूज़Batsman obsessed attitude needs to end Gautam Gambhir said a big thing in praise of bowlers 99 guarantee on 1000 runs

ये एटीट्यूड हो खत्म...बॉलर्स की शान में गौतम गंभीर कह गए बहुत बड़ी बात, एक हजार रन पर भारी 99% की गारंटी

  • टीम इंडिया के हेड कोच गौतम गंभीर ने न्यूजीलैंड सीरीज से पहले गेंदबाजों की शान में बहुत बड़ी बात कही है। उन्होंने 20 विकेट और एक हजार रन की दिलचस्प तुलना की।

Md.Akram लाइव हिन्दुस्तानMon, 14 Oct 2024 04:44 PM
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इंडिया वर्सेस न्यूजीलैंड तीन मैचों की टेस्ट सीरीज बुधवार से शुरू होने जा रही है। पहला टेस्ट बेंगलुरु के एम चिन्नास्वामी स्टेडियम में खेला जाना है। सीरीज के आगाज से पहले टीम इंडिया के हेड कोच गौतम गंभीर ने बॉलर्स की शान में बहुत बड़ी बात कही है। गंभीर का कहना है कि हमें बल्लेबाजों पर आश्रित रहने वाले एटीट्यूड को खत्म करना चाहिए। बता दें कि पिछले दशक में क्रिकेट के सबसे लंबे फॉर्मेट में खेलने के तरीके में धीरे-धीरे बदलाव आया है। टेस्ट में ज्यादा समय बिताने वाले बल्लेबाजों की जगह गेंदबाजों का दबदबा बढ़ा है।

हाल ही में कानपुर में भारत और बांग्लादेश के बीच खेला गया टेस्ट मैच में भी इस बात का गवाह रहा। यहां बारिश और गीली आउटफील्ड के कारण दो दिन से अधिक का खेल नहीं होने के बावजूद भारतीय टीम ने जीत हासिल की। भारत ने शुरू से ही ताबड़तोड़ बल्लेबाजी कर बांग्लादेश पर दबाव बनाया और फिर गेंदबाजों ने 20 विकेट चटकाकर ऐतिहासिक जीत दिलाई। कोच गंभीर ने कहा कि अब समय बदल गया है। उन्होंने 20 विकेट और एक हजार रन की दिलचस्प तुलना की। गंभीर के अनुसार, बल्लेबाज भले ही जितने रन बना लें लेकिन जीत की गारंटी नहीं।

गंभीर ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ''वो दौर बीत चुका है। यह गेंदबाजों का दौर है। बल्लेबाज ही सिर्फ मैच सेटअप करते हैं। हमें बल्लेबाजों के प्रति इस जुनूनी एटीट्यूड को खत्म करना होगा। अगर कोई बल्लेबाज 1,000 रन भी बना लेता है तो उसके बाद भी जीत की गारंटी नहीं मिलती। लेकिन अगर कोई गेंदबाज 20 विकेट निकालने में कामयाब रहा तो तो 99 प्रतिशत गारंटी है कि हम टेस्ट मैच जीतेंगे।"

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कोच ने आगे कहा, ''इसलिए चाहे टेस्ट मैच हो या कोई अन्य फॉर्मेट, गेंदबाज आपको मैच और टूर्नामेंट जिताते हैं। इस दौर में हम बल्लेबाजों की तुलना में गेंदबाजों के बारे में अधिक बात करेंगे और मुझे उम्मीद है कि यह माइंडसेट बदलेगा।" 1950 से 1990 के दशक के दौर में अगर बल्लेबाज एक या दो दिन से ज्यादा क्रीज पर टिके रहते थे तो अधिकतर मैच का नतीजा ड्रॉ ही होता था। हालांकि, पिछले कुछ सालों में टेस्ट क्रिकेट में बदलाव का संकेत मिला है।

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