WTC में होने चाहिए दो ग्रुप, भारत समेत ये टीमें खेलें पांच मैच...क्या ICC मानेगा पूर्व क्रिकेटर की सलाह?
- बासित अली ने टेस्ट क्रिकेट को बेहतर और दिलचस्प बनाने के लिए आईसीसी को कुछ सुझाव दिए हैं। उनका कहना है कि वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप (डब्ल्यूटीसी) में टीमों को दो ग्रुप में बांटा जाना चाहिए।
आईसीसी वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप (डब्ल्यूटीसी) का दूसरा चक्र जारी है। डब्ल्यूटीसी 2023-25 का फाइनल अगले साल जून में होगा। पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेटर बासित अली ने तीसरे चक्र को लेकर कुछ सुझाव दिए हैं। उन्होंने सलाह दी कि टेस्ट क्रिकेट को बेहतर और दिलचस्प बनाना है तो डब्ल्यूटीसी में टीमों को दो ग्रुप में बांटा जाना चाहिए। उन्होंने साथ ही आईसीसी को भारत, ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के ज्यादा मैच आयोजित करने का मशविरा दिया। फिलहाल डब्ल्यूटीसी फाइनलिस्ट टीमें जीत प्रतिशत के आधार पर तय होती हैं। डब्ल्यूटीसी पॉइंट्स टेबल में नौ टीमें हैं।
बासित ने अपने यूट्यूब चैनल पर कहा, ''जब 2025 में वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप का फाइनल हो जाए तो आईसीसी को पांच-पांच टीमों के दो ग्रुप बनाने चाहिए। जो टॉप-5 टीमें हैं, उनका अलग ग्रुप हो और आपस में खेलें। इसी तरह बॉटम की पांच टीमों का ग्रुप होना चाहिए, जो आपस में खेलें। ए और बी पूल बना लें। जो टीम पूल ए में पांचवें नंबर पर हो, उसे पूल बी में डाल दें। वहीं, जो टीम पूल बी में टॉप पर आए, उसे पूल ए में शामिल करें। इस तरह करेंगे तो क्रिकेट और बेहतर हो जाएगा।''
उन्होंने बताया, ''पूल ए में इंडिया, ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड को रखें। दो टीमें न्यूजीलैंड और साउथ अफ्रीका हो सकती हैं। इन पांचों के आपसे में टेस्ट मैच हों। भारत, इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के पांच-पांच टेस्ट होने चाहिए बाकी के आप तीन-तीन या चार-चार भी कर सकते हैं। यह आईसीसी पर डिपेंड करता है। बॉटम की टीमों के चार-चार या तीन-तीन टेस्ट होने चाहिए ताकि उन्हें अपनी स्थिति का पता चले। मैं अपने मुल्क के लिए नहीं बोल रहा। हमें तो हाल ही में बांग्लादेश टीम हराकर चली गई।''
यह भी पढ़ें- भारत के साथ ये नहीं करना चाहिए था...पाकिस्तानी दिग्गज ने बांग्लादेशी कप्तान को लताड़ा
पूर्व क्रिकेटर ने आगे कहा, ''टीमों में कम से कम जज्बा तो रहे कि हमें टॉप करना है। उन्हें एहसास होना चाहिए कि हमें पूल बी से निकलकर पूल ए में जाना है। दूसरी ओर, पूल ए से जो टीम बाहर होगी, वो बोलेगी कि हम दोबारा मेहनत करेंगे और फिर वहां जाएंगे। यह वाला सिस्टम लाएं। मेरा ख्याल है कि बहुत कामयाब होगा। आप दो साल में फाइनल का आयोजन करते हैं। पूल ए की टीमों के पांच-पांच मैच आराम से दो साल में हो जाएंगे। यह आसीसी को मेरा मशविरा है। इसस टेस्ट क्रिकेट में और ज्यादा जान आ जाएगी। अगर और ज्यादा दिलचस्पी बढ़ानी है तो पूल बी के लिए चार दिन का टेस्ट कर दें। वैसे यह होगा नहीं। पांच दिन का ही रखें। उसमें पता चलेगा कि किसमें कितना दम है?''
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।