हो सकता है हम WTC फाइनल में ना पहुंचे, लेकिन...BGT से पहले जडेजा ने ऑस्ट्रेलिया को चेताया
- अजय जडेजा का कहना है कि हो सकता है कि हम डब्ल्यूटीसी फाइनल में ना पहुंचे मगर उन्हें भरोसा है कि भारत ऑस्ट्रेलिया को ऑस्ट्रेलिया में लगातार तीसरी बार धूल चटा सकता है।
न्यूजीलैंड के खिलाफ घर पर 0-3 से सूपड़ा साफ कराने के बाद रोहित शर्मा की अगुवाई वाली टीम इंडिया के लिए आगामी बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी काफी अहम हो गई है। इंडिया वर्सेस ऑस्ट्रेलिया बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी का आगाज 22 नंबर से होने जा रहा है। इस सीरीज में टीम इंडिया के सामने दो चुनौतियां होगी। एक तो बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी को डिफेंड करना और दूसरा डब्ल्यूटीसी फाइन में जगह बनाना। न्यूजीलैंड के खिलाफ मिली हार के बाद भारत की डब्ल्यूटीसी फाइनल की राह काफी कठिन हो गई है। हालांकि पूर्व क्रिकेटर अजय जडेजा का मानना है कि हो सकता है कि हम फाइनल में ना पहुंच पाए, मगर हम सीरीज जीत सकते हैं।
अजय जडेजा ने राजस्थान में स्पोर्टस्टार स्पोर्ट्स कॉन्क्लेव में कहा, "कभी-कभी आपको वेक अप कॉल की जरूरत होती है। हमने इस साल (टी20) विश्व कप जीता, हम सर्वश्रेष्ठ टीम हैं, हमारे पास सर्वश्रेष्ठ कप्तान हैं, लेकिन अचानक रोहित शर्मा की आलोचना की जाती है कि वे अच्छा प्रदर्शन नहीं कर रहे हैं। मुझे उनके लिए दुख है।"
पूर्व क्रिकेटर ने आगे कहा, “हो सकता है कि हम विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में नहीं पहुंचे सकते, लेकिन मेरा मानना है कि हम सीरीज जीत सकते हैं। हमारी टीम के पास कई बार ऑस्ट्रेलिया दौरे करने का अनुभव है, जबकि पहले के दौर में खिलाड़ी हर आठ साल में एक बार ही ऑस्ट्रेलिया जाते थे। अब जब हमारे पास खोने के लिए कुछ नहीं है, तो हम एक खतरनाक टीम बन जाएंगे।”
बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी से पहले भारत के लिए एकमात्र सकारात्मक बात ऋषभ पंत हैं, जिन्होंने टेस्ट क्रिकेट में वापसी के बाद शानदार प्रदर्शन किया है। पिछले दौरे पर भारत को सीरीज जिताने में पंत ने अहम भूमिका निभाई थी और अगर भारत को ऑस्ट्रेलिया में जीत की हैट्रिक पूरी करनी है तो उन्हें अहम भूमिका निभानी होगी।
पंत को लेकर जडेजा ने कहा, “जब तक वह (पंत) खेल रहे हैं, वह भारत के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों में से एक रहेंगे। चुनौती उनकी रचनात्मकता को दबाने में नहीं है। एक बार जब आप ऐसे खिलाड़ियों को नियंत्रित करने की कोशिश करते हैं, तो उनकी प्रतिभा कम हो जाती है। यह दोधारी तलवार है। उस स्तर पर, यह आपके शरीर के साथ-साथ आपके दिमाग को प्रशिक्षित करने के बारे में है। बुमराह इसका एक प्रमुख उदाहरण हैं; किशोरावस्था में अपने एक्शन को बदलने की सलाह दिए जाने के बावजूद, उन्होंने अपनी प्रवृत्ति पर भरोसा किया और दृढ़ रहे। मानसिक दृढ़ता के साथ उनका यह विश्वास उल्लेखनीय है।”
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