Hindi Newsक्रिकेट न्यूज़Afghanistan cricketer Rashid Khan Mohammad Nabi react after Afghanistan Taliban bans health studies for women

मेडिकल संस्थानों में महिलाओं को पढ़ाई से रोकने पर अफगानिस्तानी क्रिकेटर्स नाखुश, राशिद- नबी ने उठाई आवाज

  • अफगानिस्तान क्रिकेटर राशिद खान, मोहम्मद नबी और रहमानुल्लाह गुरबाज ने तालिबान से महिलाओं की चिकित्सा शिक्षा बंद न करने का आग्रह किया है।

Himanshu Singh लाइव हिन्दुस्तानThu, 5 Dec 2024 11:31 PM
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अफगानिस्तान के स्टार स्पिनर राशिद खान, मोहम्मद नबी ने तालिबान शासन द्वारा अफगान महिलाओं पर मेडिकल संस्थानों में पढ़ाई करने पर प्रतिबंध लगाने पर निराशा जाहिर की है। महिलाओं को दाई और नर्सिंग जैसे स्वास्थ्य संबंधी क्षेत्रों में पढ़ाई करने पर प्रतिबंध लगाया गया है। अफगानिस्तान के स्टार खिलाड़ियों ने इस कदम को बेहद दुखद और दिल दुखाने वाला बताया है।

दोनों क्रिकेटरों ने तालिबान से अपने रुख पर पुनर्विचार करने और अफगान लड़कियों के शिक्षा के अधिकार को बहाल करने का आग्रह किया। राशिद खान ने लिखा, ''इस्लामी शिक्षाओं में शिक्षा को केन्द्रीय स्थान प्राप्त है, कुरान सीखने के महत्व पर प्रकाश डालता है और दोनों जेंडर के समान आध्यात्मिक मूल्य को स्वीकार करता है। अफगानिस्तान की बहनों और माताओं के हाल ही में शैक्षणिक और चिकित्सा संस्थानों के बंद होने पर मैं बहुत दुखी और निराश हूं। इस फैसले ने उनके भविष्य को गहराई से प्रभावित किया है। सोशल मीडिया के माध्यम से वे जो दर्द और दुख व्यक्त करते हैं, वह उनके सामने आने वाले संघर्षों की याद दिलाता है। हमारा प्यारा वतन अफगानिस्तान एक महत्वपूर्ण मोड़ पर खड़ा है।''

उन्होंने आगे कहा, "देश को हर क्षेत्र में, खासकर चिकित्सा क्षेत्र में पेशेवरों की सख्त जरूरत है, महिला डॉक्टरों और नर्सों की भारी कमी विशेष रूप से चिंताजनक है, क्योंकि इसका सीधा असर महिलाओं की स्वास्थ्य सेवा और सम्मान पर पड़ता है।''

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पूर्व कप्तान मोहम्मद नबी ने कहा, "लड़कियों को मेडिकल की पढ़ाई करने से प्रतिबंधित करने का तालिबान का फैसला न केवल दिल तोड़ने वाला है बल्कि बेहद अन्यायपूर्ण भी है। लड़कियों को सीखने और अपने लोगों की सेवा करने का मौका न देना उनके सपनों और हमारे देश के भविष्य दोनों के साथ विश्वासघात है। हमारी बेटियों को पढ़ने, बढ़ने और सभी के लिए एक बेहतर अफ़गानिस्तान बनाने दें। यह उनका अधिकार है और इसकी रक्षा करना हमारा कर्तव्य है।"

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