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छत्तीसगढ़ का गांव अंजोरा जो दो विधानसभा सीटों पर चुनता है विधायक, क्या है वजह?

Chhattisgarh Vidhan Sabha Election: छत्तीसगढ़ का अंजोरा गांव सूबे का ऐसा गांव है जिसके मतदाता पहले चरण में होने वाले राजनांदगांव सीट और दूसरे चरण में दुर्ग ग्रामीण सीट के लिए मतदान करेंगे।

Krishna Bihari Singh भाषा, रायपुरMon, 6 Nov 2023 12:02 AM
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छत्तीसगढ़ का अंजोरा गांव सूबे का ऐसा गांव है जहां दो निर्वाचन क्षेत्र के उम्मीदवार अपने लिए वोट मांगने पहुंच रहे हैं। इस गांव के मतदाता पहले चरण में होने वाले राजनांदगांव सीट और दूसरे चरण में दुर्ग ग्रामीण सीट के लिए मतदान करेंगे। राज्य में 90 विधानसभा सीट के लिए दो चरणों में सात और 17 नवंबर को मतदान होगा। पहले चरण में 20 तथा दूसरे चरण में 70 सीटों पर मतदान होगा। पशु चिकित्सा महाविद्यालय के लिए प्रसिद्ध अंजोरा गांव दुर्ग और राजनांदगांव जिलों की सरहद के बीच है।

यह राज्य का एक ऐसा गांव है जहां के मतदाता दो अलग-अलग निर्वाचन क्षेत्रों के लिए मतदान करेंगे। इस गांव का आधा हिस्सा राजनांदगांव विधानसभा सीट के अंतर्गत है जहां पहले चरण में सात नवंबर को मतदान होगा तथा आधा हिस्सा दुर्ग ग्रामीण निर्वाचन क्षेत्र के अंतर्गत आता है जहां दूसरे चरण में 17 नवंबर को मतदान होगा।

अंजोरा गांव को एक मुख्य सड़क ने दो हिस्सों में बांट दिया है। सड़क के एक ओर दुर्ग ग्रामीण क्षेत्र के निवासी रहते हैं और दूसरी ओर राजनांदगांव क्षेत्र के निवासी। यह गांव दो ग्राम पंचायतों अंजोरा ग्राम पंचायत (राजनांदगांव) और अंजोरा 'ख' ग्राम पंचायत (दुर्ग) के अंतर्गत भी आता है। अंजोरा गांव दुर्ग शहर से लगभग 10 किलोमीटर दूर और राजनांदगांव शहर के बीच मुंबई-हावड़ा राष्ट्रीय राजमार्ग-53 पर स्थित है। गांव की आबादी लगभग पांच हजार है।

अंजोरा पंचायत (राजनांदगांव) की सरपंच अंजू साहू कहती हैं कि चुनाव के दौरान अक्सर गांव के लोग भ्रमित हो जाते हैं क्योंकि दोनों निर्वाचन क्षेत्रों के उम्मीदवार प्रचार के लिए गांव आते हैं। पूरे गांव में उम्मीदवारों के पोस्टर और बैनर देखे जा सकते हैं, चाहे वे (दोनों में से) किसी भी निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे हों। इसलिए यह कहा जाता है कि इस एक गांव से दो विधायक (दो निर्वाचन क्षेत्रों के लिए) चुने जाते हैं।

कांग्रेस नेता अंजू साहू कहती हैं कि यह जरूर है कि एक सड़क ने गांव को विभाजित कर दिया है। चुनाव के दौरान लोग अलग-अलग विधानसभा क्षेत्र के लिए वोट देते हैं लेकिन यहां के लोग शांतिपूर्वक रहते हैं और त्योहारों तथा अन्य समारोहों को एक साथ मनाते हैं। मेरा पैतृक घर अंजोरा 'ख' क्षेत्र में है जो दुर्ग ग्रामीण सीट के लिए वोट करता है, जबकि ससुराल राजनांदगांव निर्वाचन क्षेत्र के लिए वोट करती है।

अंजोरा 'ख' पंचायत की सरपंच संगीता साहू के पति माखनलाल साहू ने बताया कि राजनांदगांव जिले का गठन 1973 में दुर्ग जिले (तत्कालीन मध्य प्रदेश) से अलग कर किया गया था। तब से गांव दो पंचायतों में विभाजित हो गया। विधानसभा सीटों के लिए परिसीमन भी इस तरह से किया गया था कि गांव का आधा हिस्सा एक निर्वाचन क्षेत्र में तथा आधा हिस्सा अन्य क्षेत्र में पड़े।

अंजू साहू ने बताया कि गांव में ऐसे भी परिवार हैं, जिनके आधे सदस्यों को राजनांदगांव विधानसभा क्षेत्र के लिए और आधे सदस्यों को दुर्ग ग्रामीण के लिए मतदान करना होता है। राजनांदगांव और दुर्ग ग्रामीण राज्य के प्रमुख निर्वाचन क्षेत्रों में से हैं। राजनांदगांव सीट से पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह और दुर्ग ग्रामीण सीट से राज्य के गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू चुनाव मैदान में हैं।

भाजपा ने रमन सिंह को उनकी मौजूदा राजनांदगांव सीट से मैदान में उतारा है, जहां छत्तीसगढ़ राज्य खनिज विकास निगम के मौजूदा अध्यक्ष गिरीश देवांगन कांग्रेस के उम्मीदवार हैं। दुर्ग ग्रामीण सीट पर कांग्रेस ने अपने अहम ओबीसी नेता एवं मंत्री ताम्रध्वज साहू को मैदान में उतारा है जिनका मुकाबला भाजपा के नए चेहरे ललित चंद्राकर से है।

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