Hindi Newsछत्तीसगढ़ न्यूज़chhattisgarh assembly polls bjp pushes hindutva fields riot victim and accused against two senior ministers

छत्तीसगढ़ के मैदानी इलाकों में 'हिंदुत्व' बढ़ाने की कोशिश, बीजेपी ने दो मंत्रियों के खिलाफ दंगा पीड़ित और आरोपी को उतारा

छत्तीसगढ़ के मैदानी इलाकों में बीजेपी की कोशिश हिंदुत्व को बढ़ाने की है। अपनी इस मुहिम के तहत पार्टी ने एक विधानसभा सीट पर दंगा पीड़ित तो दूसरी पर दंगे के आरोपी को टिकट दिया है।

Sneha Baluni हिन्दुस्तान टाइम्स, रायपुरTue, 10 Oct 2023 01:57 PM
share Share

भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) छत्तीसगढ़ के मैदानी इलाकों के उन निर्वाचन क्षेत्रों में 'हिंदुत्व' को आगे बढ़ाने की कोशिश में है, जहां पिछले दो सालों में सांप्रदायिक हिंसा हुई थी। इसके तहत पार्टी ने एक विधानसभा सीट पर दंगा पीड़ित तो दूसरी पर दंगा आरोपी को टिकट दिया है। सोमवार को जारी सूची में मृतक भुवनेश्वर साहू के पिता ईश्वर साहू, जो अप्रैल में दुर्ग जिले के बिरानपुर गांव में सांप्रदायिक झड़प में मारे गए थे, को साजा निर्वाचन क्षेत्र में राज्य मंत्री रवींद्र चौबे के खिलाफ मैदान में उतारा है। 

वहीं विजय शर्मा जो कवर्धा हिंसा (अक्टूबर 2021) के दंगा आरोपियों में से एक थे को पार्टी ने राज्य के एक अन्य वरिष्ठ मंत्री मोहम्मद अकबर के खिलाफ टिकट दिया है। सोमवार को, बीजेपी ने 64 उम्मीदवारों की अपनी दूसरी सूची जारी की। जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह भी शामिल हैं, जो राजनांदगांव से चुनाव लड़ेंगे। इसके साथ ही पार्टी ने 90 सदस्यीय सीट के लिए 85 उम्मीदवारों के नामों का ऐलान कर दिया है। 21 उम्मीदवारों की पहली सूची 17 अगस्त को जारी की गई थी जबकि पांच सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा होना अभी बाकी है।

हालांकि कांग्रेस ने अभी तक अपने उम्मीदवारों की सूची जारी नहीं की है, लेकिन चौबे और अकबर दोनों लंबे समय से अपने निर्वाचन क्षेत्रों से लड़ते आ रहे हैं। बिरनापुर हिंसा अप्रैल 2023 में हुई थी जिसमें मुस्लिम युवकों ने एक मामूली विवाद पर भुवनेश्वर साहू की हत्या कर दी थी। दो दिन बाद, दो मुस्लिमों- पिता और पुत्र को हिंदू भीड़ ने मार डाला था। वहीं कवर्धा में अक्टूबर 2021 में एक धार्मिक झंडे को लेकर हिंसा भड़क गई थी, जिसमें रमन सिंह के बेटे अभिषेक सिंह, राजनांदगांव के सांसद संतोष पांडे, विजय शर्मा और अन्य को आरोपी बनाया गया था।

पुलिस का दावा है कि कवर्धा हिंसा में 100 से ज्यादा लोगों पर मामला दर्ज किया गया है। चूंकि अबतक कुछ लोगों की गिरफ्तारी नहीं हुई है इसलिए अदालत में अभी मुकदमा शुरू नहीं हुआ है। उन्होंने कहा, 'दोनों सीटें हमारे लिए महत्वपूर्ण हैं। हमारा मानना है कि ईश्वर साहू को टिकट देकर हम मैदानी इलाकों में हिंदू और साहू दोनों वोटर्स का ख्याल रखेंगे। जबकि कवर्धा हिंसा उस क्षेत्र में हाल के दिनों की सबसे बड़ी घटना है। हम हर बैठक में नारायणपुर की ईसाई रूपांतरण हिंसा सहित इन हिंसा की घटनाओं का मुद्दा उठाते रहे हैं। 

एक बीजेपी नेता ने कहा कि ईश्वर साहू ने कभी कोई चुनाव नहीं लड़ा और न ही कोई राजनीतिक व्यक्ति हैं, लेकिन उनकी उम्मीदवारी से निश्चित रूप से पार्टी को मदद मिलेगी। आगामी चुनावों के लिए बीजेपी के पास ईश्वर साहू के लिए बड़ी योजनाएं हैं। गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में साहू करीब 12 फीसदी हैं जो राज्य में किसी भी ओबीसी का सबसे बड़ा हिस्सा हैं। यह पूछे जाने पर कि क्या बीजेपी स्थानीय ग्रामीण ईश्वर साहू को मैदान में उतारकर बिरानपुर (बेमेतरा जिले) में सांप्रदायिक हिंसा का मुद्दा उठाने की कोशिश कर रही है, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ में सांप्रदायिक हिंसा कोई मुद्दा नहीं है।

विशेषज्ञों का मानना है कि बीजेपी रणनीतिक रूप से दुर्ग क्षेत्र में मजबूत हिंदुत्व की कहानी सेट करने की कोशिश कर रही है, जिसका कम से कम 10 सीटों पर असर पड़ सकता है। छत्तीसगढ़ के एक राजनीतिक टिप्पणीकार हर्ष दुबे ने कहा, 'बीजेपी का टिकट वितरण दर्शाता है कि वे विशेष रूप से कवर्धा, बेमेतरा बेल्ट में ‘हिंदुत्व’ को स्थापित करने की कोशिश कर रहे हैं। पिछले चार साल में इसी क्षेत्र में सांप्रदायिक झड़प की दो घटनाएं हुईं। एक घटना में, भुवनेश्वर साहू की कथित तौर पर पीट-पीटकर हत्या कर दी गई और अब बीजेपी ने उनके पिता ईश्वर साहू को टिकट दिया है। इसी तरह कवर्धा सीट से, जिसका प्रतिनिधित्व एक अन्य वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री मोहम्मद अकबर करते हैं, यहां से बीजेपी ने एबीवीपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और पार्टी महासचिव विजय शर्मा को मैदान में उतारा है जिनकी छवि एक आक्रामक हिंदू नेता की है।'

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।

अगला लेखऐप पर पढ़ें