Hindi Newsछत्तीसगढ़ न्यूज़Arang the city of Shiva temples where many secrets are hidden Shri Ram in Treta and Shri Krishna worshiped here in Dwapar

शिवालयों की नगरी आरंग जहां छिपे हैं कई रहस्य, त्रेता में श्रीराम और द्वापर में श्रीकृष्ण ने की यहां पूजा

छत्तीसगढ़ में शिवालयों की नगरी के नाम से जाना जाने वाला आरंग, जो देवों की नगरी भी कही जाती है। यहां कभी भगवान श्री राम ने भगवान भोलेनाथ की पूजा की तो कभी भगवान श्री कृष्णा ने। 

Rohit Burman लाइव हिन्दुस्तान, रायपुरFri, 8 March 2024 11:12 AM
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छत्तीसगढ़ अपने आप में कई रहस्याओं को समेटे हुए हैं। देवी देवताओं की आस्था से भरपूर यह राज्य जहां पूराने कई राज आज भी ऐतिहासिक धरोहरों से निकलने वाली आवाज से सुनाई देते हैं। कुछ ऐसी ही महादेव की मान्यता और भगवान के स्वरूप से आपको रूपरू कराते‌ हैं। पहले हम बात करते हैं छत्तीसगढ़ के आरंग की, जिसे मंदिरों और शिवालयों की नगरी कहा जाता है। माना जाता है कि आरंग में आज भी कई रहस्य छुपे हुए हैं। आज आपको आरंग नगरी के गर्भ में छुपे हुए उन रहस्य के बारे में बताते हैं।

माना जाता है कि यहां भगवान खुद शिवालय की पूजा करने पहुंचे हुए थे। मान्यता है कि त्रेता युग में भगवान श्री राम और द्वापर युग में भगवान श्री कृष्ण का इस नगरी में आगमन हुआ था। विश्व में एकमात्र या पहला स्थान है जहां दोनों युगों में भगवान पहुंचे थे। बताया जाता है कि प्राचीन काल में इस नगर में 107 शिवलिंग स्थापित किए गए थे। कुछ कही सुनी बातें ऐसी भी हैं कि सिर्फ एक शिवलिंग कम होने के कारण आरंग को शिव काशी का दर्जा नहीं मिल सका था। यह छत्तीसगढ़ का एकमात्र शहर ऐसा है जहां हर दिशा में खुद स्वयंभू शिवलिंग में विराजमान है। यही वजह है कि छत्तीसगढ़ का आरंग शिवालियों की नगरी कहा जाता है।

यहां विशेष रूप से महाशिवरात्रि और श्रावण मास में शिवालियों व देवालयों में भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ती है। वर्तमान में 53 शिवलिंग आरंग में जन‌ आस्था का केंद्र बने हुए हैं। जिनमें  नगर के पंचमेश्वर पंचमुखी महादेव मंदिर, योगेश्वर महादेव मंदिर, नगर का सबसे विशाल भुनेश्वर महादेव मंदिर, बल्देश्वर महादेव मंदिर, ज्ञानेश्वर महादेव मंदिर, बागेश्वर महादेव मंदिर, भूरेश्वर महादेव मंदिर, राजराजेश्वर महादेव मंदिर, झंझनेश्वर महादेव मंदिर, नाटकेश्वर महादेव मंदिर, कुमारेश्वर महादेव मंदिर इस तरह से पूरा आरंग बाबा महादेव के आशीर्वाद और उनकी छत्रछाया में समाया हुआ है।

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