चंडीगढ़ मेयर चुनाव का नया वीडियो, जिसे देख भड़का SC; पीठासीन अधिकारी ने ऐसा क्या किया
आम आदमी पार्टी (AAP) की सांसद स्वाती मालीवाल ने यह नया वीडियो क्लिप शेयर किया है जो कि CCTV कैमरे के टॉप एंगल से कैप्चर किया गया है। उन्होंने वीडियो को लेकर कहा कि मसीह को रंगे-हाथों पकड़ा गया है।
चंडीगढ़ मेयर चुनाव को लेकर मतदान से जुड़ा नया वीडियो क्लिप सामने आया है। इसमें पीठासीन अधिकारी अनिल मसीह को बैलेट पेपर पर साइन करते हुए एकदम साफ तौर से देखा जा सकता है। हॉल में लगे सीसीटीवी कैमरे में पूरी घटना रिकॉर्ड हुई है। अधिकारी इसमें कैमरे की ओर देखता हुआ भी नजर आ रहा है। बताया जा रहा है कि यही वीडियो सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को पेश किया गया था। सोशल मीडिया पर यह वीडियो क्लिप तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें अनिल मसीह को बैलेट पेपर पर कलम चलाकर निशान बनाते देखा जा सकता है। इसे देखकर लोग हैरान हैं और चुनाव की निष्पक्षता पर सवाल खड़े कर रहे हैं।
आम आदमी पार्टी की सांसद स्वाती मालीवाल ने यह नया वीडियो क्लिप शेयर किया है जो कि CCTV कैमरे के टॉप एंगल से कैप्चर किया गया है। आप एमपी ने वीडियो को लेकर कहा कि मसीह को रंगे-हाथों पकड़ा गया है। मालूम हो कि अदालत ने चंडीगढ़ महापौर चुनाव कराने वाले निर्वाचन अधिकारी को सोमवार को जमकर फटकार लगाई। SC ने कहा कि यह स्पष्ट है कि उन्होंने मतपत्रों से छेड़छाड़ की, जिसके लिए उन पर मुकदमा चलाया जाना चाहिए। यह कृत्य लोकतंत्र की हत्या व माखौल है। इस चुनाव में गड़बड़ी से हैरान चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली तीन न्यायाधीशों की पीठ ने कड़ी नाराजगी जताई। बेंच ने कहा कि यह इस प्रकार से लोकतंत्र की हत्या नहीं करने देगी। शीर्ष अदालत चुनावी प्रक्रिया की शुचिता से संतुष्ट नहीं होने पर नए सिरे से चुनाव कराने का आदेश देगी।
चंडीगढ़ मेयर चुनाव में जीती थी भाजपा
दरअसल, भाजपा ने 30 जनवरी को चंडीगढ़ मेयर चुनाव में जीत हासिल की और सभी तीन पद बरकरार रखे। इस पर कांग्रेस-आप गठबंधन ने निर्वाचन अधिकारी पर मतपत्रों के साथ छेड़छाड़ करने का आरोप लगाया था। महापौर पद के लिए हुए चुनाव में BJP के मनोज सोनकर ने आप के कुलदीप कुमार को हराया। सोनकर को 16, जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी कुमार को 12 वोट मिले थे। वहीं, 8 वोट को अवैध घोषित कर दिया गया था। जस्टिस चंद्रचूड़ ने चुनावी प्रक्रिया की वीडियो रिकार्डिंग देखने के बाद कहा, 'यह स्पष्ट है कि उन्होंने मतपत्रों को विरूपित कर दिया। इस व्यक्ति पर मुकदमा चलाया जाना चाहिए। देखिये, वह कैमरे की ओर क्यों देख रहे हैं। यह लोकतंत्र का माखौल है और लोकतंत्र की हत्या है। क्या यह निर्वाचन अधिकारी का आचरण है।'
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