Territorial Army : इंडियन आर्मी से कैसे अलग है टेरिटोरियल आर्मी, जानें भर्ती, नौकरी, सैलरी व पेंशन नियम
- टेरिटोरियल आर्मी में परमानेंट जॉब नहीं होती। यह पार्ट टाइम होती है। देश सेवा के लिए लोग इसे जॉइन करते हैं। इसे कमाई के साधन के तौर पर नहीं माना जाता। जब ड्यूटी या ट्रेनिंग में रहते हैं तो रेगुलर आर्मी जैसी सैलरी व भत्ते मिलते हैं।
Territorial Army Recruitment, Salary, Pension, Vacancy details: हाल ही में बिहार के दानापुर और उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में आयोजित हुई टेरिटोरियल आर्मी भर्ती रैली में युवाओं का भारी जनसैलाब उमड़ा। भीड़ इतनी तगड़ी थी कि अफरा-तफरी मच गई। अव्यवस्था फैल गई। दानापुर में रैली रीशेड्यूल करनी पड़ी, वहीं पिथौरागढ़ में खुली भर्ती की भगदड़ में कई युवा घायल भी हो गए। दरअसल इन दिनों देश के विभिन्न राज्यों में टेरिटोरियल आर्मी (प्रादेशिक सेना) की खुली भर्ती चल रही है। टेरिटोरियल आर्मी की विभिन्न यूनिटों में सैनिक जीडी, सैनिक क्लर्क,सैनिक ट्रेड्समैन के पदों पर बंपर भर्ती निकाली गई है। अब सवाल है कि टेरिटोरियल आर्मी इंडियन आर्मी से कैसे अलग है? टेरिटोरियल आर्मी में न तो परमानेंट जॉब है और न ही पेंशन की गारंटी, फिर क्यों इसे जबरदस्त प्रतिक्रिया मिल रही है। यह एक पार्ट टाइम कॉन्सेप्ट है जिसमें साल में दो माह की अनिवार्य ट्रेनिंग होती है। यह आपको कोई फुल टाइम करियर नहीं देती है। हालांकि अगर जितने समय आप सेवा में हैं, तो आपका वेतन बैंड नियमित सेना के समान ही होगा।
क्या है टेरिटोरियल आर्मी
असल में टेरिटोरियल आर्मी ज्वॉइन करके आप देश के आम नागरिक रहते हुए सैन्य अनुभव ले सकते हैं। यह एक वॉलंटियर सर्विस होती है। आपको ट्रेनिंग देने के बाद जरूरत पड़ने पर सेना आपकी सेवा ले सकती है। ऐसे बहुत से लोग होते हैं जो कुछ वजहों से सेना में भर्ती नहीं हो पाते, ऐसे युवाओं को सेना टेरिटोरियल आर्मी भर्ती के जरिए देश सेवा का एक और मौका देती है। देश का आम आदमी अपनी जॉब या बिजनेस के साथ इसे जॉइन कर सकता है। प्रादेशिक सेना (टेरिटोरियल आर्मी) एक स्वैच्छिक संगठन है जो नियमित रोजगार की गारंटी नहीं देता है। लंबी अवधि के रोजगार के लिए संगठन का कोई वादा नहीं करता है। यह रेगुलर जॉब की तरह नहीं है। इसे सोर्स ऑफ इनकम के तौर पर नहीं माना जाता।
हाल में जो जवानों की भर्ती निकली है उसमें कहा गया है कि टेरिटोरियल आर्मी में एनरोलमेंट पहले 7 साल के लिए होगा। इसके बाद इसकी सेवा का विस्तार संगठन की जरूरत पर निर्भर करेगा।
यह 1948 में बनाई गई थी। इसे सेकेंड लाइन ऑफ डिफेंस भी कहा जाता है। टेरिटोरियल आर्मी ने 1962, 1965 और 1971 व 1999 का करगिल की लड़ाई में हिस्सा लिया है। सेना के कई ऑपरेशंस में यह हिस्सा ले चुकी है। इसके अलावा प्राकृतिक आपदाओं के समय जरूरी सेवाओं को बहाल करने में यह सेना अहम भूमिका निभाती है। टेरिटोरियल आर्मी के सैन्यकर्मी नियमित सेना कर्मियों के साथ मिलकर काम करते हैं, शांति के समय और राष्ट्रीय आपातकाल या संघर्ष के सहयोग देती है।
कई बड़ी हस्तियां बन चुकी हैं इसका हिस्सा
भारतीय क्रिकेट टीम के दो महान पूर्व कप्तान कपिल देव और महेन्द्र सिंह धौनी, शूटर अभिनव बिंद्रा, राजनेता अनुराग ठाकुर व सचिन पायलट, मलयालम सिनेमा के सुपरस्टार मोहनलाल, अभिनेता नाना पाटेकर टेरिटोरियल आर्मी का हिस्सा बन चुके हैं।
टेरिटोरियल आर्मी में जूनियर कमिशंड ऑफिसर, गैर कमिशंड ऑफिसर, अन्य कार्मिक अधिकारी की भर्ती निकलती है। ये भारतीय सेना के कर्मियों जैसी रैंक रखते हैं। न्यूनतम 18 वर्ष और अधिकतम 42 वर्ष की आयु सीमा मांगी जाती है। इस भर्ती होने के लिए उम्मीदवार पूरी तरह से मेडिकल फिट होना चाहिए।
भर्ती में चयन कैसे होता है
एक तरह की भर्ती आम नागरिकों के लिए निकलती है और दूसरी पूर्व सैन्य कर्मियों के लिए। चयन प्रक्रिया के दौरान पूर्व सैन्य कर्मियों को लिखित परीक्षा नहीं देनी पड़ती। जबकि आम नागरिक को पहले लिखित परीक्षा और फिर इंटरव्यू देने होते हैं।
अफसर के तौर पर भर्ती होने पर क्या मिलता है वेतन
अफसर के तौर पर भर्ती होने पर पहली रैंक लेफ्टिनेंट की मिलती है। इसमें वेतन, मेडिकल सुविधाएं व डीए समेत भत्ते रेगुलर आर्मी अफसर जैसे ही मिलते हैं। लेकिन जब जब आप आर्मी की सेवा में रहेंगे तो यह सैलरी मिलेगी।
पेंशन पर नियम
अगर 20 साल तक कमिशंड रैंक पर फिजिकल सर्विस की है तो पेंशन मिलेगी। यानी अगर आपने एक्टिव सर्विस 20 साल की है तो पेंशन मिलेगी। हालांकि टेरिटोरियल आर्मी में इतनी अधिक ड्यूटी मिलना काफी मुश्किल होता है ऐसे में पेंशन पाना मुश्किल होता है।
प्रमोशन भी मिलता है
टेरिटोरियल आर्मी में प्रमोशन भी मिलता है। अफसर के तौर पर शामिल होने के बाद लेफ्टिनेंट के बाद कैप्टन, मेजर व लेफ्टिनेंट कर्नल के पद तक प्रमोशन मिलता है। कर्नल और ब्रिगेडियर के पद पर पदोन्नति चयन द्वारा होती है।
सुविधाएं
- प्रशिक्षण, सैन्य सेवा या स्थायी कर्मचारी के रूप में कार्यरत होने पर स्वयं और आश्रितों को निशुल्क राशन, आर्मी कैंटीन सुविधाएं और मेडिकल सुविधाएं मिलती है।
- प्रशिक्षण, सैन्य सेवा या स्थायी कर्मचारी के रूप में कार्यरत होने पर छुट्टी, लीव एनकैशमेंट, आवास और एलटीए की सुविधाएं।
- नियमित सेना के लिए लागू सभी मेडल और पुरस्कार के लिए भी टेरिटोरियल आर्मी वाले पात्र हैं।
ट्रेनिंग व अन्य खास बातें
- सबसे पहले छह माह की प्री कमिशन ट्रेनिंग होती है। इस दौरान उसे जेंटलमैन कैडेट के तौर पर लिया जाएगा। उम्मीदवारों को इस प्रशिक्षण को सफलतापूर्वक पूरा करने पर ही टीए में कमीशन दिया जाएगा।
- प्रत्येक वर्ष दो महीने का एनुअल ट्रेनिंग कैंप होगा।
- ओटीए चेन्नई में पहले दो वर्ष में तीन महीने की पोस्ट कमिशनिंग ट्रेनिंग होगी।
- यह एक पार्ट टाइम कॉन्सेप्ट है जिसमें साल में दो माह की अनिवार्य ट्रेनिंग होती है। यह आपको कोई फुल टाइम करियर नहीं देती है।
- प्रादेशिक सेना में कमीशन प्राप्त अधिकारियों को आवश्यकता के आधार पर लम्बी अवधि के लिए सैन्य सेवा के लिए बुलाया जा सकता है।
- अफसर के तौर पर भर्ती होने पर लेफ्टिनेंट के पद पर कमीशन दिया जाता है।
- 2019 में टेरिटोरियल आर्मी में अधिकारियों या अन्य रैंकों पर महिलाओं को स्वीकार किया गया। 2018 में कोर्ट के आदेश के बाद यह हुआ।
- अब टेरिटोरियल आर्मी में सायबर वारफेयर के लिए युवाओं को लिया जा रहा है। टेक्निकल मोर्चे पर महारत हासिल करने वाले युवाओं का सायबर वारियर के तौर पर इसमें चयन हो रहा है।
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