UPPSC : उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की भर्ती परीक्षा पर लगा एआई का पहरा, हर गतिविधि पर रहेगी नजर
- UPPSC : उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने चयन परीक्षाओं को और पारदर्शी बनाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) का उपयोग शुरू कर दिया।

उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने चयन परीक्षाओं को और पारदर्शी बनाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) का उपयोग शुरू कर दिया। 22 दिसंबर को प्रदेश के 75 जिलों के 1331 केंद्रों पर आयोजित आयोग की सबसे प्रतिष्ठित पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा-2024 में एआई आधारित सीसीटीवी कैमरों से अभ्यर्थियों की हर एक गतिविधि पर निगरानी की गई थी। इस तकनीक के सफल परीक्षण के बाद अब 27 जुलाई को प्रस्तावित समीक्षा अधिकारी (आरओ)/सहायक समीक्षा अधिकारी (आरओ) प्रारंभिक परीक्षा-2023 समेत भविष्य की सभी परीक्षाओं में इसका उपयोग करने का निर्णय लिया गया है।
खास बात यह है कि एआई आधारित कैमरों की सहायता से परीक्षा कक्ष में बैठे दो परीक्षार्थियों के बीच हो रही बातचीत पर भी आयोग परिसर में स्थापित हाईटेक कंट्रोल रूम से निगरानी की जा सकती है। तकनीक का उपयोग बढ़ने के साथ प्रतियोगी छात्र भी नकल के लिए तरह-तरह की तरकीब लगाने लगे हैं। बदलते समय के साथ आयोग ने भी निगरानी को सख्त किया है ताकि मेधावी छात्रों का हित सुरक्षित हो।
परीक्षाओं को नकलविहीन और शुचितापूर्ण कराने के लिए ही एआई युक्त सीसीटीवी कैमरे लगाने का निर्णय लिया गया है। ये कैमरे अभ्यर्थियों की गतिविधियों पर नजर रखेंगे और अगर अभ्यर्थी अपने अगल-बगल या आगे-पीछे बैठे किसी अन्य अभ्यर्थी से बातचीत भी करता है तो एआई आधारित कैमरे इस गतिविधि को संदिग्ध मानते हुए आयोग में बने कंट्रोल रूम तक संदेश पहुंचा देंगे। अगर कोई अभ्यर्थी वॉशरूम या किसी दूसरे काम के लिए अपेक्षित समय से अधिक अपनी सीट से अनुपस्थित रहता है तो भी एआई कैमरों के माध्यम से संदेश कंट्रोल रूम तक पहुंच जाएगा।
कोई कक्ष निरीक्षक किसी अभ्यर्थी से बात करता है या कोई अभ्यर्थी बार-बार ताक-झांक करता है तो भी एआई की नजर से बच नहीं सकेगा। यहां तक कि नकल के लिए किसी भी तरह की चिट या इलेक्ट्रॉनिक उपकरण का इस्तेमाल करने पर भी अभ्यर्थी एआई कैमरों की नजर से बच नहीं पाएगा। सूत्रों का कहना है कि किसी अभ्यर्थी की संदिग्ध गतिविधि से संबंधित संदेश मिलते ही कंट्रोल रूम अलर्ट हो जाएगा और गड़बड़ी करने वाला अभ्यर्थी को पकड़ा जा सकेगा।