UPSC IAS : CSE परीक्षा देने के 15 साल बाद मिलेगी नौकरी, यूपीएससी ने 2 अभ्यर्थियों से मांगी डिटेल
- यूपीएससी ने 15 साल पहले सिविल सेवा परीक्षा देने वाले दो दृष्टिबाधित उम्मीदवारों से उनकी डिटेल्स मांगी है ताकि नियुक्ति के लिए उनके नाम पर विचार किया जा सके।
संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने 15 साल पहले सिविल सेवा परीक्षा देने वाले दो दृष्टिबाधित उम्मीदवारों से उनकी डिटेल्स मांगी है ताकि नियुक्ति के लिए उनके नाम पर विचार किया जा सके। शुक्रवार को जारी एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गई। यह कदम उच्चतम न्यायालय के उस आदेश के बाद उठाया गया है, जिसमें पिछले वर्ष जुलाई में निर्देश दिया गया था कि दिव्यांग व्यक्तियों (पीडब्ल्यूडी) के लिए खाली पड़े पदों पर भर्ती के लिए 11 उम्मीदवारों पर विचार किया जाए।
यूपीएससी ने बयान में कहा कि न्यायालय द्वारा दिए गए निर्देशों के अनुसरण में, कार्यान्वयन की प्रक्रिया उम्मीदवार के आवेदन पत्र में दिए गए विवरण के आधार पर की जानी है। यूपीएससी ने हीरा लाल नाग और अनिल कुमार सिंह (अन्य पिछड़ा वर्ग समुदाय और दृष्टिबाधित श्रेणी) के बारे में जानकारी मांगी है। इन दोनों ने 2008 की सिविल सेवा परीक्षा दी थी। यदि सात दिनों के भीतर कोई जवाब नहीं मिलता है, तो माना जाएगा कि ये उम्मीदवार अब सिविल सेवा परीक्षा (सीएसई)-2008 में सेवाओं के आवंटन के लिए विचार किए जाने के इच्छुक नहीं हैं।
सर्वोच्च न्यायालय ने अपने आदेश में 100 प्रतिशत दृष्टिबाधित उम्मीदवार (पंकज कुमार श्रीवास्तव) की नियुक्ति का निर्देश दिया था। कोर्ट ने पर्सन्स विद डिसेबिलिटी एक्ट के प्रावधानों को लागू करने में नाकाम रहने के लिए केंद्र की आलोचना की थी।
संघ लोक सेवा आयोग हर साल तीन चरणों - प्रारंभिक, मुख्य और साक्षात्कार - में सिविल सेवा परीक्षा कराता है जिसमें भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस), भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) और भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के अधिकारी चुने जाते हैं।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।