UPPSC RO ARO Exam : आरओ एआरओ भर्ती परीक्षा में शासनादेश की अड़चन, इसलिए बनी कमेटी
- UPPSC RO ARO Exam : 19 जून के शासनादेश में पीसीएस को विशिष्ट माना गया था, इसीलिए केंद्र निर्धारण में दस किमी की बाध्यता समाप्त हो गई। आरओ/एआरओ के लिए पहले शासनादेश में संशोधन करना होगा।
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने आरओ/एआरओ 2023 प्रारंभिक परीक्षा स्थगित करते हुए वरिष्ठतम सदस्य कल्पराज सिंह की अध्यक्षता कमेटी गठित कर दी है। कमेटी की सिफारिश मिलने के बाद ही प्रारंभिक परीक्षा पर कोई निर्णय होगा। वैसे एक बात तो तय है कि छात्रसंख्या के लिहाज से आयोग की सबसे बड़ी परीक्षा में से एक आरओ/एआरओ प्री अब महाकुम्भ के बाद ही होने के आसार हैं। महाकुम्भ का आयोजन 13 जनवरी से 26 फरवरी 2025 तक होने जा रहा है। 22 दिसंबर को पीसीएस प्री कराने के बाद तीन सप्ताह के अंदर इतनी बड़ी परीक्षा कराने की तैयारी करना मुमकिन नहीं।
आरओ/एआरओ के 411 पदों के लिए 10,76,004 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया है। एक दिन में परीक्षा कराने के लिए मानक के अनुरूप 2418 परीक्षा केंद्रों की आवश्यकता होगा। महाकुम्भ के दौरान आने वाली भीड़ के कारण परीक्षा नहीं होगी। उसके बाद यूपी बोर्ड की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षाएं होनी हैं। इसलिए लोक सेवा आयोग को परीक्षा केंद्र नहीं मिलेंगे। ऐसे में मार्च के दूसरे पखवाड़े में ही आरओ/एआरओ प्री के आसार हैं।
पीसीएस प्री के लिए बनाए जाएंगे 1758 केंद्र
प्रयागराज। 22 दिसंबर को होने जा रही पीसीएस 2024 प्रारंभिक परीक्षा के लिए आयोग को 1758 केंद्र चाहिए होंगे। आयोग ने पहले भी कहा था कि पीसीएस के लिए 5,76,154 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया है। इनके लिए एक दिन में परीक्षा कराने के लिए 1758 केंद्रों की आवश्यकता होगा। इतने केंद्र नहीं मिलने के कारण ही दो दिन परीक्षा कराने का निर्णय लेने को बाध्य होना पड़ा था। अब जबकि पीसीएस के लिए दस किमी की बाध्यता समाप्त हो गई है तो परीक्षा केंद्र निर्धारण में कोई अड़चन नहीं रह गई है।
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