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UGC : विश्वविद्यालयों के छात्रों के लिए नया कोर्स लाया यूजीसी, डिग्री के साथ मिलेगी ट्रेनिंग और पैसे

  • विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) एक नया स्पेशल डिग्री कोर्स ला रहा है जिसका नाम है अप्रेंटाइसशिप इम्बेडेड डिग्री प्रोग्राम (एईडीपी)। 3 या 4 साल के यूनिवर्सिटी डिग्री कोर्स में छात्रों को इंडस्ट्री बेस्ड ट्रेनिंग के साथ ही स्टाइपेंड भी मिलेगा।

Pankaj Vijay लाइव हिन्दुस्तानThu, 10 Oct 2024 05:34 PM
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छात्रों को ग्रेजुएशन के दौरान ही नौकरी पाने लायक बनाने और उन्हें प्रोफेशनल स्किल्स सिखाने के लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) एक नया स्पेशल डिग्री कोर्स ला रहा है जिसका नाम है अप्रेंटाइसशिप इम्बेडेड डिग्री प्रोग्राम (एईडीपी)। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को ध्यान में रखते हुए तैयार किए गए इस कोर्स में स्टूडेंट्स को वो प्रैक्टिकल ज्ञान दिया जाएगा जिसकी इंडस्ट्री में डिमांड है। यूजीसी ने इस डिग्री कोर्स को कराने के लिए गाइडलाइंस का प्रारूप तैयार किया है। यूजीसी की 3 अक्टूबर को हुई बैठक में इस गाइडलाइंस की समीक्षा की गई थी। जल्द ही इन्हें यूजीसी की वेबसाइट पर उपलब्ध कराया जाएगा और लोगों व हितधारकों से इस पर सुझाव मांगे जाएंगे। जनवरी-फरवरी 2025 से यह कोर्स शुरू हो सकता है। 3 या 4 साल के यूनिवर्सिटी डिग्री कोर्स में छात्रों को इंडस्ट्री बेस्ड ट्रेनिंग के साथ ही स्टाइपेंड भी मिलेगा।

गाइडलाइंस के मसौदे के मुताबिक एईडीपी को स्नातक छात्रों की डिग्री कोर्सेज में अप्रेंटाइशिप ट्रेनिंग को शामिल करके उनकी रोजगार क्षमता को बढ़ाने के लिए डिजाइन किया गया है।

यूजीसी के अध्यक्ष प्रोफेसर एम. जगदीश कुमार ने इन दिशा'निर्देशों के महत्व पर जोर देते हुए कहा, 'छात्रों को सैद्धांतिक ज्ञान के साथ-साथ एक्सपेरिमेंटल शिक्षा भी मिलेगी, जिससे नियोक्ताओं द्वारा अपेक्षित योग्यताएं प्राप्त होंगी। हम सभी पात्र उच्च शैक्षणिक संस्थानों से आग्रह करते हैं कि वे इन दिशा-निर्देशों का लाभ उठाएं और जनवरी-फरवरी 2025 के शैक्षणिक सत्र से एईडीपी कोर्स शुरू करें।"

नेशनल इंस्टिट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क (एनआईआरएफ) में टॉप 200 में जगह बनाने वाली यूनिवर्सिटी इस कोर्स को लॉन्च कर सकती हैं। जो यूनिवर्सिटी नैक ( NAAC ) से कम से कम एक ग्रेड या 3.01 स्कोर हासिल करेंगी, वे भी इस कोर्स को करवा सकती हैं। प्रफेसर कुमार ने देश की यूनिवर्सिटीज से इस मुहिम के साथ जुड़ने की अपील की है।

पात्रता पर खरे उतरने वाले संस्थान अपने यहां अंडर ग्रेजुएट कोर्सेज में अप्रेंटाइसशिप को जोड़ सकते हैं। इसमें स्टूडेंट्स को अपनी प्रैक्टिकल ट्रेनिंग पर एकेडमिक क्रेडिट मिलेंगे। मसौदे में यह भी कहा गया है कि क्रेडिट सिस्टम ट्रेनिंग के घंटे पर आधारित होगा। 30 घंटे की ट्रेनिंग एक क्रेडिट के बराबर होगी। इसका मतलब है कि एक साल की अप्रेंटाइसशिप के दौरान 40 क्रेडिट हासिल किए जा सकते हैं। अगर तीन साल का कोर्स है तो छात्रों को कम से कम एक सेमेस्टर और अधिकतम तीन सेमेस्टर के लिए इंडस्ट्री के साथ मिलकर ट्रेंनिंग दिलानी होगी। चार साल का कोर्स है तो कम से कम 2 और अधिकतम 4 सेमेस्टर की ट्रेनिंग होगी। गाइडलाइंस में उच्च शैक्षणिक संस्थानों और इंडस्ट्री के बीच गठजोड़ पर भी खासा जोर दिया गया है।

ट्रेनिंग के दौरान स्टाइपेंड कौन देगा

इंडस्ट्री के साथ गठजोड़ कर कोर्स शुरू करने की स्थिति में छात्रों को स्टाइपेंड सीधा इंडस्ट्री (अप्रेंटिसशिप एक्ट 1961 के मुताबिक) देगी। जबकि नेशनल अप्रेंटिसशिप ट्रेनिंग स्कीम (एनएटीएल) पोर्टल से रजिस्ट्रेशन कराने के मामले में सरकार स्टाइपेंड देगी।

यूजीसी एक पोस्ट-ट्रेनिंग ट्रैकिंग सिस्टम भी लागू करेगा, जिसमें उच्च शिक्षा संस्थान एईडीपी कोर्स पूरा वाले स्टूडेंट्स के करियर व तरक्की पर नजर रख सकेंगे। इससे इस कोर्स का फीडबैक मिलेगा।

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