असिस्टेंट प्रोफेसर के लिए UGC NET अभी भी अनिवार्य, आयोग ने 4 नियम बता दूर की कंफ्यूजन
- विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) अध्यक्ष एम जगदीश कुमार ने कहा कि अगर आपके पास किसी नॉन प्रोफेशनल विषय में मास्टर डिग्री है तो फैकल्टी पदों पर आवेदन के लिए यूजीसी नेट पास करना अनिवार्य है।
यूजीसी अध्यक्ष एम जगदीश कुमार ने शुक्रवार को उन खबरों पर गलत करार दिया जिनमें कहा जा रहा है कि अब असिस्टेंट प्रोफेसर बनने के लिए यूजीसी नेट अनिवार्य नहीं होगा और केवल मास्टर डिग्री से ही विश्वविद्यालय व कॉलेजों में शिक्षक बन सकेंगे। उन्होंने स्पष्ट किया कि जिन उम्मीदवारों के पास नॉन प्रोफेशनल विषय में मास्टर डिग्री है तो उन्हें फैकल्टी पद पाने के लिए यूजीसी नेट पास करना होगा। वहीं जिनके पास इंजीनियरिंग जैसे प्रोफेशनल विषय में एमटेक या एमई जैसी मास्टर डिग्री है तो उनके लिए यूजीसी नेट जरूरी नहीं होगा। गौरतलब है कि केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने सोमवार को यूजीसी (विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में शिक्षकों और शैक्षणिक कर्मचारियों की नियुक्ति और पदोन्नति के लिए न्यूनतम योग्यता और उच्च शिक्षा में मानकों के रखरखाव के लिए उपाय) विनियम, 2025 का मसौदा जारी किया था। मसौदे के नियम कायदे सार्वजनिक होने के बाद सोशल मीडिया पर यह कहा जा रहा था अब यूजीसी नेट की जरूरत पूरी तरह से खत्म हो जाएगी। इन्हीं कयासों के बाद यूजीसी चेयरमैन की प्रतिक्रिया आई है।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर वीडियो मैसेज जारी कर यूजीसी अध्यक्ष ने कहा, 'सोशल मीडिया पर कई जगहों पर कहा जा रहा है कि अब से उच्च शैक्षणिक संस्थानों में फैकल्टी पदों पर आवेदन के लिए यूजीसी नेट परीक्षा पास करना जरूरी नहीं है, केवल मास्टर डिग्री से ही विश्वविद्यालयों व कॉलेजों में शिक्षक बना जा सकता है, लेकिन यह सब गलत है। अगर आपके पास किसी नॉन प्रोफेशनल विषय में मास्टर डिग्री है तो फैकल्टी पदों पर आवेदन के लिए यूजीसी नेट पास करना अनिवार्य है। अगर आपके पास किसी प्रोफेशनल विषय में मास्टर डिग्री है जैसे इंजीनियरिंग या टेक्नोलॉजी एमटेक/एमई तो आपको असिस्टेंट प्रोफेसर पद के लिए यूजीसी नेट की योग्यता नहीं चाहिए। यह अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) के दिशानिर्देशों के तहत ही है।'
यूजीसी ने असिस्टेंट प्रोफेसर पदों पर नियुक्ति की योग्यता के 4 नियम जारी किए
1. इनके लिए यूजीसी नेट अनिवार्य
- विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में शिक्षकों की भर्ती को लेकर यूजीसी के वर्ष 2025 के मसौदा के अनुसार यदि आपके पास कला, वाणिज्य, मानविकी, शिक्षा, कानून, सामाजिक विज्ञान, विज्ञान, भाषा, पुस्तकालय विज्ञान, शारीरिक शिक्षा, पत्रकारिता और जनसंचार, प्रबंधन, नाटक, योग, संगीत, परफॉर्मिंग आर्ट्स, विजुअल आर्ट्स और मूर्तिकला जैसे अन्य पारंपरिक भारतीय कला रूपों जैसे विषयों में कम से कम 55 फीसदी अंकों (या समकक्ष ग्रेड) के साथ पीजी डिग्री (एनसीआरएफ लेवल 6.5) है, तो आपको असिस्टेंट प्रोफेसर के रूप में नियुक्ति के लिए पात्र होने के लिए यूजीसी नेट / सेट / एसएलईटी पास होना चाहिए।
2. इनके लिए यूजीसी नेट जरूरी नहीं
यूजीसी ने कहा, 'हालांकि इंजीनियरिंग और टेक्नोलॉजी विभागों में फैकल्टी पदों पर नियुक्तियों के लिए, यदि आपके पास कम से कम 55 फीसदी अंकों (या समकक्ष ग्रेड) के साथ पीजी डिग्री (एनसीआरएफ लेवल 7; उदाहरण के लिए एमई, एमटेक) है, तो आप यूजीसी नेट पास किए बिना ही असिस्टेंट प्रोफेसर के रूप में नियुक्ति के लिए पात्र होंगे। यह इंजीनियरिंग और टेक्नोलॉजी विषयों में एंट्री लेवल की नियुक्तियों के लिए एआईसीटीई की आवश्यकताओं के अनुरूप है।
3. पीएचडी को लेकर नियम
यूजीसी ने कहा, 'उपरोक्त सभी विषयों में यदि आपके पास पीएचडी की डिग्री है, तो आप यूजीसी नेट के बिना ही असिस्टेंट प्रोफेसर के रूप में नियुक्ति के लिए पात्र हो जाते हैं।
4. यूजी डिग्री और प्रोफेशनल उपलब्धि के दम पर बन सकेंगे असिस्टेंट प्रोफेसर
यूजीसी ने कहा, नाटक, योग, संगीत, परफॉर्मिंग आर्ट्स, विजुअल आर्ट्स और मूर्तिकला आदि जैसे अन्य पारंपरिक भारतीय कला की विधाओं में यूजी डिग्री प्राप्त और प्रोफेशनल उपलब्धियों वाले आवेदक असिस्टेंट प्रोफेसर के रूप में नियुक्ति के लिए पात्र हैं।
ड्राफ्ट की अन्य खास बातें
- अब जिस विषय से पीएचडी, नेट और जेआरएफ क्वॉलिफाई करेंगे, उसी विषय के लेक्चरर नियुक्त होंगे। यह भी जरूरी नहीं है जिस विषय से स्नातक और स्नातकोत्तर किया है, उसी विषय से पीएचडी या नेट क्वॉलिफाई करें। जिस विषय में छात्र नेट और पीएचडी क्वालीफाई करेंगे विश्वविद्यालय में उसी विषय के शिक्षक बन सकते हैं।
- प्रमोशन में अब शोधपत्र, स्टार्टअप, उद्यमिता, नवाचार, पेटेंट, उद्योग साझेदारी आदि के मूल्यांकन सहायक होंगे। इसके अलावा, असिस्टेंट प्रोफेसर और प्रोफेसर के पद पर प्रमोशन के लिए पीएचडी व फैकल्टी डेवलेपमेंट प्रोग्राम की ट्रेनिंग अनिवार्य होगी।
नए कुलपति भर्ती नियमों का विरोध
आपको बता दें कि यूजीसी के विश्वविद्यालय शिक्षक भर्ती मसौदे के अधिसूचित होने के बाद शिक्षकों ने उच्च शिक्षा में कॉन्ट्रेक्चुअल शिक्षकों की सीमा हटाने का विरोध किया और सरकारी हस्तक्षेप की आशंका जताई। इसके अलावा विभिन्न शिक्षक संघों, तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक के मुख्यमंत्रियों ने कुलपति नियुक्ति के लिए नए यूजीसी नियमों की कड़ी आलोचना की और कहा कि कुलपति नियुक्ति के संबंध में तैयार किया गया मसौदा राज्य सरकार के अधिकारों पर सीधा हमला है।
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