Hindi Newsकरियर न्यूज़UGC announces 7 major changes for university UG and PG courses: Multiple entry exit biannual admissions exams

UGC : साल में 2 बार दाखिले, स्ट्रीम का बंधन खत्म, किसी भी ईयर में दाखिला, यूजी पीजी कोर्स में 7 बड़े बदलाव

  • UGC ने विश्वविद्यालयों में साल में दो बार दाखिले, मल्टीपल एंट्री एग्जिट, मल्टीडिसिप्लेनेरी लर्निंग, ड्यूल डिग्री, पात्रता नियमों में लचीलापन समेत कई महत्वपूर्ण बदलाव लाने के लिए दिशानिर्देशों का मसौदा तैयार किया है

Pankaj Vijay लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीThu, 5 Dec 2024 07:40 PM
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यूजीसी देश के विश्वविद्यालयों में चलाए जा रहे यूजी और पीजी कोर्सेज में बड़े बदलाव करने जा रहा है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को ध्यान में रखते हुए यूजी और पीजी कोर्सेज के स्ट्रक्चर व दाखिला प्रक्रिया के तौर तरीकों में कई अहम तब्दीलियां लाने की योजना तैयार कर ली है। आयोग ने विश्वविद्यालयों में साल में दो बार दाखिले, मल्टीपल एंट्री एग्जिट, मल्टीडिसिप्लेनेरी लर्निंग, एक साथ दो डिग्री कोर्स, कोर्स के पात्रता नियमों में लचीलापन समेत कई महत्वपूर्ण बदलाव लाने के लिए दिशानिर्देशों का मसौदा तैयार किया है। यूजीसी ने यूजी और पीजी डिग्री देने के लिए न्यूनतम शिक्षण मानक विनियम 2024 को लेकर गाइडलाइंस का मसौदा सार्वजनिक कर 23 दिसंबर तक लोगों से सुझाव मांगे हैं।

यूजीसी अध्यक्ष एम. जगदीश कुमार के अनुसार ये नियम पात्रता शर्तों की कठोरता को आसान करने, उच्च शिक्षा संस्थानों (एचईआई) को अधिक स्वायत्तता प्रदान करने तथा छात्रों को सीखने के लिए और आजादी देने के लिए बनाए गए हैं। उदाहरण के लिए इस मसौदे में प्रस्ताव है कि किसी भी स्ट्रीम का छात्र यूजी में किसी भी कोर्स में शामिल हो सकता है, बशर्ते वह संबंधित नेशनल लेवल का एग्जाम पास कर ले। इसका मतलब है कि स्टूडेंट अंडर ग्रेजुएशन में किसी भी कोर्स में दाखिला ले सकता है चाहे उसने वह विषय 12वीं में पढ़ा हो या न पढ़ा हो, बस उसे एक प्रवेश परीक्षा पास करनी होगी। 12वीं की स्ट्रीम कोई मायने नहीं रखेगी। विश्वविद्यालयों में एडमिशन साल में दो बार होंगे जो अमेरिका व अन्य देशों से बहुत अलग नहीं है।

यूजीसी अध्यक्ष ने कहा, 'रेगुलेशन में कोर्स में मल्टीपल एंट्री एग्जिट, एक साथ दो यूजी/पीजी कोर्स करने की पात्रता शर्तों को नरम करने का प्रावधान शामिल हैं। छात्र अपनी पिछली स्ट्रीम से हटकर कोई भी कोर्स चुन सकते हैं, बशर्ते वे संबंधित प्रवेश परीक्षाओं को पास कर योग्यता जाहिर कर दे।'

यहां जानें वो 7 बदलाव जो यूजीसी लाने वाली है -

1. साल में दो बार दाखिले

नए फ्रेमवर्क के तहत उच्च शिक्षा संस्थान जो साल में दो बार प्रवेश देने में सक्षम हैं, वर्ष में दो बार छात्रों को प्रवेश दे सकते हैं - जुलाई/अगस्त और जनवरी/फरवरी में। इस प्रावधान से छात्रों को दाखिले शुरू होने का लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा। उनका वेटिंग पीरियड कम होगा। उन्होंने महीनों महीनों तक इंतजार नहीं करना पड़ेगा।

2. मल्टीपल एंट्री एग्जिट

मसौदा विनियमों की एक मुख्य बात छात्रों को कोर्स के दौरान कई बार एंट्री और एग्जिट देने का लचीलापन है। स्टूडेंट अपना कोर्स बीच में छोड़ सकेंगे और बाद में जब वह चाहे उसे फिर से जॉइन कर सकेंगे। यह प्रावधान सुनिश्चित करता है कि विद्यार्थी अपनी पढ़ाई को फिर से शुरू कर सकते हैं या बिना शुरू किए रुचि के नए क्षेत्रों में जा सकते हैं। इसके अतिरिक्त छात्रों के पास अब एक साथ दो यूजी या पीजी कार्यक्रमों को आगे बढ़ाने का विकल्प है।

3. कोर्स में दाखिल लेने की पात्रता शर्तें होंगी आसान, स्ट्रीम का झंझट नहीं रहेगा

स्टूडेंट अंडर ग्रेजुएशन में किसी भी कोर्स में दाखिला ले सकेगा चाहे उसने वह विषय 12वीं में पढ़ा हो या न पढ़ा हो, बस उसे एक प्रवेश परीक्षा पास करनी होगी। किसी भी डिग्री कोर्स को चुनने के लिए उस संबंधित स्ट्रीम से जुड़े होने की शर्तें टूटेंगी। विषय संबंधित पूर्व योग्यताओं की आवश्यकता समाप्त होगी। छात्र अब अपने पिछले विषयों की परवाह किए बिना किसी भी फील्ड में यूजी या पीजी कार्यक्रमों के लिए आवेदन कर सकते हैं, बशर्ते वे चुने गए कार्यक्रम के लिए राष्ट्रीय या विश्वविद्यालय स्तर की प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण करें।

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4. आसान अटेंडेंस नियम

सीखने के तरीकों की विविधता और हाइब्रिड शिक्षा की ओर बदलाव को पहचानते हुए उच्च शिक्षा संस्थानों को विभिन्न कोर्स के लिए अटेंडेंस नियम तय करने की स्वायत्तता होगी। क्लासरूम स्टडी, ऑनलाइन स्टडी व एक्सपेरिमेंट लर्निंग मोड को वे संतुलित कर सकते हैं।

5. डिग्री के लिए क्रेडिट

किसी विषय में स्नातक की डिग्री प्राप्त करने के लिए छात्रों को उस विषय में अपने कुल क्रेडिट का कम से कम 50 फीसदी पूरा करना होगा। शेष क्रेडिट को स्किल आधारित पाठ्यक्रमों, ट्रेनिंग या अन्य विषयों के विषयों में आवंटित किया जा सकता है।

6. डिग्री की अवधि छोटी व विस्तार करने की आजादी

मसौदा गाइडलाइंस में स्नातक स्तर पर एक्सलेरेटेड डिग्री प्रोग्राम (एडीपी ) और एक्स्टेंडेड डिग्री कार्यक्रम (ईडीपी ) के लिए ऑप्शन ऑफर किया गया है। स्नातक की डिग्री की अवधि 3 से 4 साल के बीच हो सकती है, जबकि स्नातकोत्तर डिग्री की अवधि 1 से 2 साल तक हो सकती है। स्नातक की डिग्री की अवधि कम या अधिक हो सकती है। वहीं, यूजी छात्र निर्धारित समय से पहले और बाद में अपनी डिग्री पूरी कर सकते हैं।

- एडीपी और ईडीपी स्नातक स्तर पर उपलब्ध हैं।

- एडीपी के लिए प्रवेश का 10% तक निर्धारित किया जा सकता है।

- छात्र अपने पहले या दूसरे सेमेस्टर के अंत में एडीपी/ईडीपी का विकल्प चुन सकते हैं।

7. यूनिवर्सिटी दे सकेंगी डिग्री कोर्स में बीच के ईयर् में एडमिशन

संस्थानों में उपलब्ध शैक्षणिक और भौतिक सुविधाओं के आधार पर, विश्वविद्यालय राष्ट्रीय क्रेडिट फ्रेमवर्क में दिए गए एंट्री और एग्जिट नियमों के अनुसार स्नातक कोर्स के दूसरे, तीसरे या चौथे वर्ष और स्नातकोत्तर डिग्री कोर्स के दूसरे वर्ष में एक निश्चित संख्या में छात्रों को सीधे प्रवेश दे सकता है।

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