World Students Day : आईआईटी धनबाद में अगले 20 वर्षों में 10 हजार से अधिक होगी छात्र संख्या
World Students Day : आईआईटी आईएसएम में अगले 20 वर्षों में छात्र-छात्राओं की संख्या साढ़े 10 हजार हो सकती है। संस्थान में वर्ष 22-23 में फेज वन के तहत 81 सौ छात्र संख्या अनुमानित होगा।
आईआईटी आईएसएम में अगले 20 वर्षों में छात्र-छात्राओं की संख्या साढ़े 10 हजार हो सकती है। संस्थान में वर्ष 22-23 में फेज वन के तहत 81 सौ छात्र संख्या अनुमानित होगा। वर्ष 2027-28 में 87 सौ, वर्ष 32-33 में 93 सौ, वर्ष 37-28 में 99 सौ व वर्ष 42-43 में छात्रों की संख्या 10,500 (प्रोजेक्टेड स्ट्रेंथ) हो सकती है। प्रत्येक वर्ष सौ छात्रों की संख्या बढ़ने का अनुमान है। वहीं शिक्षकों की संख्या भी 1050 तथा कर्मियों की संख्या 1155 हो सकती है। छात्रों, शिक्षकों व कर्मियों की संख्या में बढ़ोतरी को देखते हुए प्रबंधन ने भविष्य की योजनाओं पर अभी से तैयारी करनी शुरू कर दी है। बताते चलें कि वर्ष 2017-18 फेज जीरो में छात्र संख्या 75 सौ था।
प्रबंधन ने अपने मेन कैंपस धनबाद व निरसा कैंपस को स्मार्ट इंटेलिजेंट इको-कैंपस के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया है। इस कारण संस्थान ने विभिन्न प्रोजेक्ट के लिए प्रोजेक्ट मैनेजमेंट कंसलटेंसी (पीएमसी) को पत्र जारी किया है। आने वाले वर्षों में कैंपस विस्तार पर ध्यान दिया जाएगा। धनबाद मेन कैंपस 218 एकड़ तथा निरसा कैंपस 227 एकड़ यानी कि कुल 445 एकड़ का आईआईटी धनबाद कैंपस होगा।
जानकारों का कहना है कि स्नातक, स्नातकोतर (पीजी) व डॉक्टरेट में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना है। इंजीनियरिंग व अन्य विषयों में पोस्ट डॉक्टरल विषयों पर भी फोकस किया जाएगा। संस्थान के एकेडमिक मिशन को सामाजिक रूप, आर्थिक व पर्यावरणीय रूप से पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। स्टेट ऑफ द आर्ट टेक्नोलॉजी समेत अन्य आधुनिक सुविधाओं के साथ-साथ प्रयोगशाला में अनुसंधान समेत अन्य मिलेगी। संस्थान में दो सेंटर ऑफ एक्सिलेंस अक्षय ऊर्जा केन्द्र व केंद्रीय अनुसंधान सुविधा को स्थापित किया जा चुका है।
उपनिदेशक प्रो. धीरज कुमार ने कहा कि भविष्य में छात्रों की बढ़ोतरी का अनुमान है। इसी को ध्यान में रखते हुए प्रोजेक्ट मैनेजमेंट कंसलटेंसी (पीएमसी) के लिए पत्र जारी किया गया है।
सरकारी कॉलेज व स्कूलों बढ़ रही छात्रों की संख्या
सरकारी स्कूल व कॉलेजों में प्रत्येक वर्ष छात्र-छात्राओं की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है, लेकिन आधारभूत सुविधाएं जस की तस हैं। कॉलेजों में कई विषयों में शिक्षक नहीं है। बिना शिक्षक के ही छात्र-छात्राएं पढ़ाई कर परीक्षा में शामिल हो रहे हैं। कई कॉलेजों में शिक्षक हैं तो छात्र-शिक्षक अनुपात में काफी कम है। छात्रों के अनुपात में क्लासरूम समेत अन्य सुविधाओं की भी भारी कमी है। वहीं सरकारी स्कूलों में धनबाद में डेढ़ हजार से अधिक शिक्षकों का पद खाली हैं। जिले के एक हजार से अधिक सरकारी स्कूलों में खेल का मैदान तक नहीं है। ऐसे में यह समझा जा सकता है कि छात्र-छात्राओं को पर्याप्त सुविधाएं नहीं मिल पा रही है। धनबाद के 25 सौ से अधिक स्कूलों (यू डायस कोड) में पांच लाख से अधिक छात्र-छात्राएं नामांकित हैं।
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